हाथरस: हाथरस भगदड़ को लेकर जिला कोर्ट में आज सुनवाई थी, लेकिन हड़ताल की वजह से टल गई. जिला न्यायाधीश सत्येंद्र कुमार के न्यायालय में दोनों पक्षों के वकीलों को अपनी दलीलें पेश करनी थी. अब इस मामले में अगली तारीख 10 मार्च नीयत की गई है. सुनवाई के लिए हाथरस पहुंचे नारायण साकार हरि 'भोले बाबा' के वकील डॉक्टर एसपी सिंह ने मीडिया से बातचीत की. एपी सिंह ने कहा कि कोर्ट का थोड़ा सा काम रह गया है, यह पूरा होते ही नारायण साकार हरि फिर से अपना सत्संग शुरू कर देंगे.
एपी सिंह ने कहा कि 'भगदड़ वाली दुखद घटना के दिन हमारी कोई कमी नहीं थी, जब भी आगे कार्यक्रम होंगे तब कोई कमी नहीं रहेगी. इस मामले में प्रशासन और इंटेलिजेंस की कमी थी. पार्टियों के नेता हमारे आयोजन में आए हैं. क्योंकि किसी के लिए नोट और वोट की कभी कोई अपील नहीं की गई. नोट और वोट की बात न नारायण साकार हरि करते हैं. बड़ी-बड़ी जांच हुई, सबके दावे फेल हुए, कुछ नहीं निकला. सब आरोप झूठे थे मनगढ़ंत थे, साजिश थी जिनका पर्दाफाश हो चुका है'.
एपी सिंह ने कहा कि हम कानून के पहरेदार हैं. नारायण साकार हरि उत्तर प्रदेश पुलिस में नौकरी कर चुके हैं, वह कानून से पूरी तरह से वाकिफ हैं. हमने कहा था कि जब तक न्यायिक आयोग की रिपोर्ट नहीं आएगी, कोई आयोजन नहीं करेंगे. इसलिए अब तक कोई आयोजन नहीं किया. अब हम उसकी आगे प्रक्रिया करेंगे.
बता दें कि हाथरस जिले की सिकंदराराऊ कोतवाली क्षेत्र में गांव मुगलगढ़ी व फुलरई के बीच 2 जुलाई 2024 को नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग के समापन के बाद भगदड़ मचने से 121 लोगों की जान चली गई थी. जिनमें अधिकांश महिलाएं और बच्चे शामिल थे. हादसे में करीब 150 लोग घायल भी हुए थे.
सत्संग कार्यक्रम के मुख्य आयोजक देव प्रकाश मधुकर सहित 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. देव प्रकाश मधुकर सहित तीन लोगों को अभी जमानत नहीं मिली है. इसी मामले में नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा को सरकार द्वारा गठित तीन सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग ने भोले बाबा को क्लीन चिट दे दी है. कोर्ट में अधिवक्ता संशोधन बिल को लेकर वकीलों के कार्य स्थगन को लेकर कोई काम नहीं हुआ. इस मामले में अगली तारीख 10 मार्च है.
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