नालंदा: बिहार के नालंदा स्थित पावापुरी विम्स में बीते 7 दिसंबर को रोगी कल्याण समिति की बैठक का आयोजन किया गया था. जहां आयोजन के बाद ओटी असिस्टेंट की कुछ छात्राओं द्वारा डॉक्टरों पर परीक्षा पास कराने के नाम पर यौन उत्पीड़न का गंभीर आरोप लगाया गया था. इस मामले में संस्थान के निश्चेतना विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. विजेंद्र प्रसाद, डॉ. निर्मल कुमार BMIMS, डॉ. जितेश PMCH, डॉ अजय कुमार PMCH एवं अन्य के विरुद्ध आरोप लगाया गया था.
डिप्टी कलक्टर कर रही थी जांच की अध्यक्षता: वहीं, इस मामले में जिलाधिकारी शशांक शुभंकर द्वारा लैंगिक उत्पीड़न रोकने के उद्देश्य से समाहरणालय में गठित आंतरिक शिकायत समिति द्वारा जांच कराई गई थी. इस जांच की अध्यक्षता वरीय उपसमाहर्त्ता मृदुला कुमारी कर रही थी. वहीं, अन्य सदस्यों में जिला प्रोग्राम पदाधिकारी, सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा कोषांग, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी परवलपुर एवं प्रबंध निदेशक साबरी संजीव कुमार शामिल थे.
दोनों पक्षों की तरफ से हुई सुनवाई: इस आंतरिक शिकायत समिति द्वारा दोनों पक्षों की तरफ से सुनवाई की गई. मौखिक एवं लिखित ब्यान दर्ज किए गए. साथ ही अन्य साक्ष्यों की भी जांच की गई. इस आंतरिक समिति द्वारा की गई जांच रिपोर्ट में डॉ. विजेंद्र प्रसाद एवं डॉ. जितेश कुमार पर लगाए गए आरोपों की पुष्टि की गई है. इसके साथ ही डॉ. निर्मल कुमार एवं डॉ. अजय कुमार की घटनास्थल पर उपस्थिति एवं इसका विरोध नहीं किए जाने को लेकर उनकी संलिप्तता पाई गई है.
डॉक्टरों का निबंधन रद्द करने की अनुशंसा: आंतरिक समिति के जांच रिपोर्ट के आधार पर जिलाधिकारी ने प्राचार्य एवं अधीक्षक BMIMS तथा निदेशक PMCH से संबंधित चिकित्सकों के विरुद्ध प्रपत्र 'क' गठित करते हुए अनुशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा की है. सिविल सर्जन नालंदा को IMA के स्तर से इन चिकित्सकों का निबंधन रद्द करने के संदर्भ में अग्रेतर कार्रवाई का निदेश दिया गया है.
अग्रतर कार्रवाई का दिया निदेश: इसके साथ ही अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी राजगीर एवं थाना प्रभारी पावापुरी ओपी को इस मामले में दर्ज प्राथमिकी के अनुसंधान में इस जांच रिपोर्ट में अंकित तथ्यों को भी सम्मिलित करते हुए अग्रतर कार्रवाई का निदेश दिया गया है.
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