शिमला: नालागढ़ विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए कल मतदान होगा. 94 हजार से अधिक मतदाता उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे. उपचुनाव में 5 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही माना जा रहा है. हालांकि बीजेपी से बागी होकर चुनाव लड़ रहे हरप्रीत सिंह बीजेपी को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
कांग्रेस ने नालागढ़ से हरदीप सिंह बावा को अपना प्रत्याशी घोषित किया है. हरदीप बावा वीरभद्र परिवार के करीबी माने जाते रहे हैं. कई सालों से इंटक प्रदेश अध्यक्ष का पद संभाल रहे हैं. 2017 में उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था. 2022 में उन्हें कांग्रेस ने टिकट देकर मैदान में उतारा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. वहीं, बीजेपी ने केएल ठाकुर को अपना उम्मीदवार बनाया है. केएल ठाकुर भी 2022 में यहां से निर्दलीय विधायक के तौर पर विधानसभा पहुंचे थे. 2017 में केएल ठाकुर बतौर बीजेपी उम्मीदवार कांग्रेस के लखविंदर राणा से चुनाव हार गए थे. 2022 में बीजेपी ने लखविंदर राणा को पार्टी में शामिल कर उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया था, लेकिन केएल ठाकुर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर बाजी मार गए थे. इस बार यहां सीधा मुकाबला केएल ठाकुर और हरदीप बावा के बीच होगा.
चुनाव प्रचार में आरोप प्रत्यारोप
2022 में निर्दलीय विधायक के तौर पर विधानसभा पहुंचे केएल ठाकुर को अपना प्रत्याशी बनाया है. 2024 में राज्यसभा चुनाव के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थामा था. उन्होंने प्रदेश सरकार और सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू पर उनसे भेदभाव और उनकी सुनवाई न करने के आरोप लगाए थे. वहीं, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रचार के दौरान बीजेपी पर धनबल का उपयोग कर उनकी सरकार को गिराने का आरोप लगाया था. उन्होंने एक जनसभा में कहा ' कमल खरीदकर चुनाव लड़ रहे पूर्व विधायकों के साथ जनता नहीं है. केएल ठाकुर ने 14 महीने सारे काम करवाने के बाद सरकार की पीठ में छुरा घोंपा है. चरणजीत सिंह चन्नी और सचिन पायलट भी यहां प्रचार के लिए आए थे.'
वहीं, बीजेपी ने नालागढ़ चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी सीएम जयराम के कंधों पर डाल रखी थी. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए जनसभाओं में कहा ' आज कांग्रेस के लोग पूछते हैं तीन सीटें जीतकर बीजेपी सरकार कैसे बनाएगी, लेकिन ये वही लोग हैं जो हमें संख्याबल का गणित बताते हुए कहते थे कि बीजेपी राज्यसभा का चुनाव कैसे जीतेगी.उन्होंने सीएम सुक्खू पर पुरानी योजनाओं को बंद करने का आरोप लगाया था.'
निर्दलीय ने बढ़ाई बीजेपी की मुश्किलें
नालागढ़ सीट पर बीजेपी के मीडिया सह प्रभारी हरप्रीत सिंह पार्टी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. हरप्रीत सिंह तीन बार बीजेपी के विधायक रह चुके हरि नारायण के भतीजे हैं. उनके चुनाव लड़ने से बीजेपी को भीतरघात का डर है. दूसरी तरफ बीजेपी की टिकट पर 2022 का चुनाव लड़ चुके लखविंदर राणा को भले ही बीजेपी को मना लिया हो, लेकिन माना जा रहा है कि उनके समर्थक अभी भी नाराज हैं. बीजेपी के सामने अपने कैडर को एकजुट रखने की चुनौती है. बीजेपी अगर ऐसा करने में कामयाब नहीं हो पाती तो उसके लिए नुकसानदायक होगा.
कुल मिलाकर हिमाचल की तीनों विधानसभा सीटों पर कांग्रेस लंबे समय से जीत तलाश रही है. इस बार उसे इन सीटों पर जीत हासिल करने की उम्मीद है. देहरा से आज तक कांग्रेस का कोई उम्मीदवार चुनाव नहीं जीत सका. हमीरपुर में कांग्रेस आखिरी बार 2003 में जीती थी, जबकि नालागढ़ में कांग्रेस 2017 में आखिरी बार जीती थी.