नैनीताल: उत्तरकाशी जिला पंचायत के वार्डों का परिसीमन करने के मामले पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश को बरकरार रखा है. साथ ही विशेष अपील को खारिज कर दिया है.
डीएम के आदेश को हाईकोर्ट में दी थी चुनौती: दरअसल, उत्तरकाशी के जिला पंचायत सदस्य प्रदीप भट्ट की ओर से उत्तरकाशी जिलाधिकारी के उस आदेश को नैनीताल हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिसमें जिला पंचायत के वार्डों के नए सिरे से परिसीमन के आदेश दिए गए थे. याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि नौगांव ब्लॉक में 5 वार्ड थे, लेकिन नए परिसीमन के बाद इनकी संख्या बढ़कर 6 हो गई है. यह उत्तराखंड पंचायती राज अधिनियम का उल्लंघन है.
नौगांव ब्लॉक में नए परिसीमन से वार्डों की संख्या 6 हुई: याचिकाकर्ता का कहना है कि पंचायती राज अधिनियम में प्रावधान है कि पहाड़ी क्षेत्रों में 24,000 की आबादी पर 2 वार्ड सदस्य होने चाहिए. साल 2011 की जनगणना के अनुसार नौगांव ब्लॉक की जनसंख्या 61,358 है, लेकिन नए परिसीमन के तहत इनकी संख्या बढ़ा कर 5 से 6 कर दी गई है. जिस पर एकलपीठ ने बीती 9 अक्टूबर को याचिका को खारिज कर दिया था.
हाईकोर्ट की युगलपीठ ने एकलपीठ के आदेश को माना जायज: इसके बाद जिला पंचायत सदस्य प्रदीप भट्ट ने एकलपीठ के आदेश के खिलाफ खंडपीठ में विशेष अपील दायर की. इस मामले में सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ में हुई. आज यानी 23 अक्टूबर को हाईकोर्ट की युगलपीठ ने एकलपीठ के आदेश को सही मानते हुए जिला पंचायत सदस्य प्रदीप भट्ट की अपील को खारिज कर दिया है.
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