बागेश्वर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट में विचाराधीन मामले में बॉबी पंवार समेत अन्य को HC से बड़ी राहत, जानिए मामला - BOBBY PANWAR CRIMINAL CASES
नैनीताल हाईकोर्ट ने बॉबी पंवार समेत अन्य के खिलाफ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बागेश्वर में विचाराधीन आपराधिक मामले में सुनवाई. हाईकोर्ट ने कार्यवाही पर लगाई रोक
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By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : Nov 14, 2024, 5:33 PM IST
नैनीताल: उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार समेत अन्य के खिलाफ बागेश्वर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट में चल रहे आपराधिक मामले में नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई की. मामले की सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की एकलपीठ ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बागेश्वर के वहां विचाराधीन आपराधिक वाद राज्य सरकार बनाम बॉबी पंवार समेत अन्य और निरीक्षक कैलाश नेगी बनाम बॉबी पंवार के वादों की कार्यवाही पर रोक लगाई है. साथ ही राज्य सरकार से जवाब दाखिल करने को कहा है. अब पूरे मामले की सुनवाई 12 मार्च 2025 को होगी.
बॉबी पंवार समेत अन्य के खिलाफ दर्ज हुई थी एफआईआर: दरअसल, बीती 25 अगस्त 2023 को उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार समेत अन्य के खिलाफ पुलिस प्रशासन ने एक प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज की थी. जिसमें बताया गया था कि बॉबी पंवार समेत अन्य ने बागेश्वर विधानसभा उपचुनाव 2023 के दौरान लागू धारा 144 का उल्लंघन किया है. जिस पर बॉबी पंवार समेत अन्य 4 साथियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 147, 171 (जी ) 186 और 188 में एफआईआर रिपोर्ट दर्ज की गई. जिसके क्रम में बागेश्वर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में सभी के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दाखिल किया गया. साथ ही मामले में बॉबी पंवार समेत सभी आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की गई है.
बॉबी पंवार ने खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा: वहीं, इस कार्रवाई को रोकने के लिए बॉबी पंवार समेत अन्य ने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की. जिसमें याचिकर्ताओं की ओर से कहा गया है कि उनके खिलाफ झूठी रिपोर्ट दर्ज की गई है और उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं. बेरोजगार युवाओं के जरूरी मुद्दों पर लगातार संघर्ष कर रहे जागरूक युवाओं को प्रशासन की ओर से डरा धमका कर उनकी आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है. उस दौरान वे अपने साथियों के साथ मंदिर दर्शन के लिए जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने 144 धारा का दुरुपयोग कर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया. इसलिए इस कार्यवाही पर रोक लगाई जाए.
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