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बागेश्वर खड़िया खनन मामला, हाईकोर्ट में पेश अफसरों को लगी फटकार, दिये ये आदेश - BAGESHWAR ILLEGAL CHALK MINING

बागेश्वर जिले के कांडा में खड़िया खनन से खतरे में कई घर, हाईकोर्ट ने अख्तियार किया सख्त रुख, अधिकारियों को लगाई लताड़

Uttarakhand High Court
नैनीताल हाईकोर्ट (फोटो- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 10 hours ago

नैनीताल: बागेश्वर जिले की कांडा तहसील के कई गांवों में खड़िया खनन से आई दरारों के मामले में हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई की. आज निदेशक खनन, सचिव औद्योगिक, बागेश्वर डीएम और जिला खनन अधिकारी समेत अन्य अधिकारी व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश हुए. मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अधिकारियों को जमकर लताड़ लगाई.

कल तक खनन में लगे मशीनों को सीज करने के आदेश: आज मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ में हुई. खंडपीठ ने सख्त लहजे में कहा कि खान अधिकारी का तत्काल ट्रांसफर करें. इसके आलावा कोर्ट ने ये भी कहा कि बागेश्वर एसपी कल यानी 10 जनवरी तक खनन पर लगे सभी मशीनों को सीज करें और अपनी रिपोर्ट भी कल ही पेश करें.

6 जनवरी को खड़िया खनन पर लगी रोक: गौर हो कि बीती 6 जनवरी को हाईकोर्ट ने खड़िया खनन (सोपस्टोन खनिज) पर रोक लगा दी थी, लेकिन उसके बावजूद भी वहां पर 7 जनवरी को शाम करीब 7 बजकर 46 मिनट पर खुदान और ट्रांसपोर्टेशन हुआ. जो हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन है. यह जानकारी ग्रामीणों ने न्यायमित्र के साथ साझा की है.

उनका कहना था कि कोर्ट के आदेश के बाद भी वहां पर खनन हुआ है. न्यायमित्र के वकील का कहना था कि जो रिपोर्ट खान अधिकारी की ओर से पेश की गई, वो गलत पेश की गई. जबकि, 6 जनवरी को रोक के बावजूद भी खनन हुआ है. जिस पर कोर्ट ने खान अधिकारी को तत्काल ट्रांसफर करने के आदेश दिए.

कोर्ट ने मामले को माना था अति गंभीर: पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मामले को अति गंभीर पाते हुए कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट का आकलन किया था. जिसके बाद आज निदेशक खनन और सचिव औद्योगिक के साथ ही बागेश्वर डीएम को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने के आदेश दिए थे.

कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट के मुताबिक, खड़िया खनन करने वालों ने वनभूमि के साथ ही सरकारी भूमि में भी नियम विरुद्ध जाकर खनन किया है. खड़िया खनन की वजह से पहाड़ी दरकने लगी है. जिसकी वजह से कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. इसकी कई फोटोग्राफ और वीडियो रिपोर्ट कोर्ट में भी पेश की गई.

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नैनीताल: बागेश्वर जिले की कांडा तहसील के कई गांवों में खड़िया खनन से आई दरारों के मामले में हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई की. आज निदेशक खनन, सचिव औद्योगिक, बागेश्वर डीएम और जिला खनन अधिकारी समेत अन्य अधिकारी व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश हुए. मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अधिकारियों को जमकर लताड़ लगाई.

कल तक खनन में लगे मशीनों को सीज करने के आदेश: आज मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ में हुई. खंडपीठ ने सख्त लहजे में कहा कि खान अधिकारी का तत्काल ट्रांसफर करें. इसके आलावा कोर्ट ने ये भी कहा कि बागेश्वर एसपी कल यानी 10 जनवरी तक खनन पर लगे सभी मशीनों को सीज करें और अपनी रिपोर्ट भी कल ही पेश करें.

6 जनवरी को खड़िया खनन पर लगी रोक: गौर हो कि बीती 6 जनवरी को हाईकोर्ट ने खड़िया खनन (सोपस्टोन खनिज) पर रोक लगा दी थी, लेकिन उसके बावजूद भी वहां पर 7 जनवरी को शाम करीब 7 बजकर 46 मिनट पर खुदान और ट्रांसपोर्टेशन हुआ. जो हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन है. यह जानकारी ग्रामीणों ने न्यायमित्र के साथ साझा की है.

उनका कहना था कि कोर्ट के आदेश के बाद भी वहां पर खनन हुआ है. न्यायमित्र के वकील का कहना था कि जो रिपोर्ट खान अधिकारी की ओर से पेश की गई, वो गलत पेश की गई. जबकि, 6 जनवरी को रोक के बावजूद भी खनन हुआ है. जिस पर कोर्ट ने खान अधिकारी को तत्काल ट्रांसफर करने के आदेश दिए.

कोर्ट ने मामले को माना था अति गंभीर: पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मामले को अति गंभीर पाते हुए कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट का आकलन किया था. जिसके बाद आज निदेशक खनन और सचिव औद्योगिक के साथ ही बागेश्वर डीएम को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने के आदेश दिए थे.

कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट के मुताबिक, खड़िया खनन करने वालों ने वनभूमि के साथ ही सरकारी भूमि में भी नियम विरुद्ध जाकर खनन किया है. खड़िया खनन की वजह से पहाड़ी दरकने लगी है. जिसकी वजह से कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. इसकी कई फोटोग्राफ और वीडियो रिपोर्ट कोर्ट में भी पेश की गई.

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