ETV Bharat / state

डीएम वंदना की ये पहल रोड हादसों के मृतक आश्रितों के पोछेगी आंसू, पीड़ित परिवार होगा आत्मनिर्भर - Self employment for dependent - SELF EMPLOYMENT FOR DEPENDENT

Nainital DM Vandana Singh जिलाधिकारी वंदना सिंह ने सड़क हादसों के मृत आश्रितों को स्वरोजगार और रोजगार से जोड़ने की पहल की है. जिससे मृत आश्रितों को रोजी-रोटी के लिए भटकना ना पड़े. इसके लिए उन्होंने पुलिस विभाग से डाटा तैयार करने के निर्देश दिए हैं.

Nainital District Magistrate Vandana Singh
नैनीताल जिलाधिकारी वंदना सिंह (Photo-Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 10, 2024, 8:07 AM IST

Updated : Aug 10, 2024, 8:37 AM IST

रोड हादसों के मृतक आश्रितों को स्वरोजगार से जोड़ने की पहल (Video-ETV Bharat)

हल्द्वानी: जिलाधिकारी वंदना सिंह ने अनोखी पहल शुरू की है. जिलाधिकारी ने सड़क हादसे में जान गंवाने वाले मृतक आश्रितों को स्वरोजगार और रोजगार से जोड़ने की पहल की है. जिससे मृतक आश्रित परिवारों की आजीविका चल सके. वंदना सिंह की यह पहला उत्तराखंड के लिए मिसाल बन रही है, पहली बार नैनीताल जिले में जिलाधिकारी वंदना सिंह ने इस तरह की ठोस पहल करते हुए कार्य योजना की शुरुआत की है.

जिलाधिकारी नैनीताल वंदना सिंह ने बताया कि पिछले दिनों नैनीताल जिले में दो बड़े सड़क हादसे हुए थे, जिसमें कई लोगों की जान गई थी. उन्होंने देखा कि हादसे में मृतक परिवार के सामने आजीविका की समस्या खड़ी हो गई थी, जिसके बाद मृतक आश्रित परिवारों को आजीविका से जोड़ने के लिए परिवहन विभाग और बाल विकास विभाग को नोडल बनाया गया है. नैनीताल जिले में हुए सड़क हादसे का डाटा तैयार कर सड़क हादसे में मृतक परिवार के आश्रितों को स्वरोजगार और रोजगार से जोड़ा जा रहा है.

जिससे मृतक परिवार की आजीविका चल सके. जिलाधिकारी नैनीताल वंदना सिंह ने बताया कि कई बार देखा गया है कि सड़क हादसे में कुछ परिवारों को आर्थिक सहायता मिलती है, जबकि कई मामलों में आर्थिक सहायता मृतक परिवारों को नहीं मिलती है. इसके बाद परिवार के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाता है. जिसको देखते हुए रोड सेफ्टी के तहत योजना बनाई गई है, जहां सरकारी विभागों के माध्यम से मृतक आश्रित परिवारों को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ा जा रहा है. योजना के तहत आश्रित परिवार को आवश्यकता के अनुसार कृषि उत्पादन, मत्स्य पालन के साथ-साथ अन्य सरकारी योजनाओं के माध्यम से रोजगार और स्वरोजगार से भी जोड़ा जा रहा है. इसके अलावा परिवार में वंचित वृद्धा पेंशन,आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड के अलावा अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचा जा रहा है.

यही नहीं योजना के तहत मृतक परिवार के अनाथ बच्चों को शिक्षा से भी जोड़ने का काम किया जा रहा है. जिलाधिकारी ने बताया कि पुलिस प्रशासन और परिवहन विभाग द्वारा पिछले 5 सालों में छोटे बड़े सड़क हादसों का डाटा संकलन करने के लिए कहा गया है. योजना के तहत इन सभी सड़क हादसों के परिवारों का सर्वे कर जरूरतमंद आश्रित परिवार को सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा. जिलाधिकारी ने बताया कि योजना के तहत नैनीताल जिले में पिछले दिनों हुए दो बड़े सड़क हादसे में 10 परिवारों को इस योजना के तहत जोड़ा गया है. जिसके तहत पशुपालन, मत्स्य पालन, कृषि संबंधी योजना से जोड़ा गया है. जबकि उच्च शिक्षा प्राप्त कर चुके आश्रितों को सरकारी और निजी संस्थानों में स्थाई और अस्थाई रोजगार भी दिया जा रहा है.

पढ़ें-मानसून से पहले हल्द्वानी की सड़कों पर उतरी DM वंदना, कार्यों की धीमी गति पर अधिकारियों की लगाई फटकार

रोड हादसों के मृतक आश्रितों को स्वरोजगार से जोड़ने की पहल (Video-ETV Bharat)

हल्द्वानी: जिलाधिकारी वंदना सिंह ने अनोखी पहल शुरू की है. जिलाधिकारी ने सड़क हादसे में जान गंवाने वाले मृतक आश्रितों को स्वरोजगार और रोजगार से जोड़ने की पहल की है. जिससे मृतक आश्रित परिवारों की आजीविका चल सके. वंदना सिंह की यह पहला उत्तराखंड के लिए मिसाल बन रही है, पहली बार नैनीताल जिले में जिलाधिकारी वंदना सिंह ने इस तरह की ठोस पहल करते हुए कार्य योजना की शुरुआत की है.

जिलाधिकारी नैनीताल वंदना सिंह ने बताया कि पिछले दिनों नैनीताल जिले में दो बड़े सड़क हादसे हुए थे, जिसमें कई लोगों की जान गई थी. उन्होंने देखा कि हादसे में मृतक परिवार के सामने आजीविका की समस्या खड़ी हो गई थी, जिसके बाद मृतक आश्रित परिवारों को आजीविका से जोड़ने के लिए परिवहन विभाग और बाल विकास विभाग को नोडल बनाया गया है. नैनीताल जिले में हुए सड़क हादसे का डाटा तैयार कर सड़क हादसे में मृतक परिवार के आश्रितों को स्वरोजगार और रोजगार से जोड़ा जा रहा है.

जिससे मृतक परिवार की आजीविका चल सके. जिलाधिकारी नैनीताल वंदना सिंह ने बताया कि कई बार देखा गया है कि सड़क हादसे में कुछ परिवारों को आर्थिक सहायता मिलती है, जबकि कई मामलों में आर्थिक सहायता मृतक परिवारों को नहीं मिलती है. इसके बाद परिवार के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाता है. जिसको देखते हुए रोड सेफ्टी के तहत योजना बनाई गई है, जहां सरकारी विभागों के माध्यम से मृतक आश्रित परिवारों को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ा जा रहा है. योजना के तहत आश्रित परिवार को आवश्यकता के अनुसार कृषि उत्पादन, मत्स्य पालन के साथ-साथ अन्य सरकारी योजनाओं के माध्यम से रोजगार और स्वरोजगार से भी जोड़ा जा रहा है. इसके अलावा परिवार में वंचित वृद्धा पेंशन,आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड के अलावा अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचा जा रहा है.

यही नहीं योजना के तहत मृतक परिवार के अनाथ बच्चों को शिक्षा से भी जोड़ने का काम किया जा रहा है. जिलाधिकारी ने बताया कि पुलिस प्रशासन और परिवहन विभाग द्वारा पिछले 5 सालों में छोटे बड़े सड़क हादसों का डाटा संकलन करने के लिए कहा गया है. योजना के तहत इन सभी सड़क हादसों के परिवारों का सर्वे कर जरूरतमंद आश्रित परिवार को सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा. जिलाधिकारी ने बताया कि योजना के तहत नैनीताल जिले में पिछले दिनों हुए दो बड़े सड़क हादसे में 10 परिवारों को इस योजना के तहत जोड़ा गया है. जिसके तहत पशुपालन, मत्स्य पालन, कृषि संबंधी योजना से जोड़ा गया है. जबकि उच्च शिक्षा प्राप्त कर चुके आश्रितों को सरकारी और निजी संस्थानों में स्थाई और अस्थाई रोजगार भी दिया जा रहा है.

पढ़ें-मानसून से पहले हल्द्वानी की सड़कों पर उतरी DM वंदना, कार्यों की धीमी गति पर अधिकारियों की लगाई फटकार

Last Updated : Aug 10, 2024, 8:37 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.