मुजफ्फरपुरः 'नीम हकीम खतरे जान' वाली कहावत ने मुजफ्फरपुर में उस समय हकीकत का रूप ले लिया जब एक डॉक्टर ने हर्निया के ऑपरेशन के दौरान कोई दूसरी ही नस काट डाली. इस ऑपरेशन के लिए डॉक्टर ने पूरी फीस भी वसूली. इधर जब मरीज की तकलीफ कम होने की बजाय बढ़ने लगी और दुबारा उसने सरकारी अस्पताल में जांच कराई तो पूरे मामले का पता चला.
औराई के निजी नर्सिंग होम में कराया था ऑपरेशनः डॉक्टर की लापरवाही के शिकार हुए बुजुर्ग का नाम है पच्चू साह. सीतामढ़ी जिले के रहनेवाले पच्चू साह को पेशाब संबंधित बीमारी थी. जिसको लेकर उन्होंने मुजफ्फरपुर जिले के औराई के एक निजी नर्सिंग होम में जांच कराई तो पता चला कि हर्निया का ऑपरेशन करना पड़ेगा. नर्सिंग होम के डॉक्टर की सलाह पर उन्होंने ऑपरेशन की पूरी फीस जमा कर हर्निया का ऑपरेशन करवाया.
हर्निया की जगह काट दी दूसरी नसः ऑपरेशन खत्म होने और अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद पच्चू साह वापस घर लौट आए, लेकिन उनकी तबीयत सही होने की बजाय और ज्यादा खराब रहने लगी. जिसके बाद उन्होंने सरकारी अस्पताल में जांच कराई. जांच में जो बात पता चली उससे तो पच्चू साह के पांव के नीचे की जमीन ही खिसक गई. पता चला कि डॉक्टर ने हर्निया की जगह कोई दूसरी ही नस काट दी है.
सिविल सर्जन ने दिए जांच के आदेशः पीड़ित पच्चू साह ने पूरे मामले को लेकर जिला स्वास्थ्य विभाग में शिकायत दर्ज कराई है. मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन डॉक्टर अजय कुमार ने बताया कि "मामले की जानकारी मिली है. इस पूरे मामले में जांच का आदेश दे दिया गया है. प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी से रिपोर्ट मांगी गयी है. जल्द ही एक टीम बनाकर फर्जी अस्पतालों और फर्जी चिकित्सकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी."
झोला छाप डॉक्टरों की भरमारः सिर्फ मुजफ्फरपुर ही नहीं बल्कि पूरे बिहार में झोला छाप डॉक्टर और फर्जी अस्पतालों की भरमार हो गयी है जो इलाज के नाम पर गांव के भोले-भाले लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. पच्चू साह के साथ हुई घटना इसका जीता-जागता नमूना है. स्वास्थ्य विभाग को चाहिए कि ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो ताकि लोगों का सही ढंग से इलाज हो सके.
ये भी पढ़ेंःनवादा में सरिता नर्सिंग होम सील, झोला छाप डॉक्टर करते थे बड़े-बड़े ऑपरेशन