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नाबालिग मूकबधिर हत्याकांड का खुलासा, मामा ने फ्रूटी में मिलाकर पिलाया था कीटनाशक, मामले में तीन गिरफ्तार - Minor Girl Killed By Parents

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 27, 2024, 7:47 PM IST

Minor Girl Killed By Parents, मूकबधिर बालिका हत्याकांड मामले का खुलासा करते हुए पुलिस ने मृतका की मां, पिता और मामा को गिरफ्तार किया है. पुलिस की ओर से बताया गया कि बच्ची को अस्पताल में फ्रूटी में कीटनाशक मिलाकर पिलाया गया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी.

Minor Girl Killed By Parents
मामले में तीन गिरफ्तार (ETV BHARAT BHARATPUR)
नाबालिग मूकबधिर हत्याकांड का खुलासा (ETV BHARAT BHARATPUR)

भरतपुर. करौली जिले के मूकबधिर बालिका के हत्याकांड का सनसनीखेज खुलासा हुआ है. जलने के बाद अस्पताल में 11 दिन तक जिंदगी से जंग लड़ने वाली 10 वर्षीय मूकबधिर बालिका की मौत उसी के पिता द्वारा लाए गए कीटनाशक पदार्थ से हुई थी, जिसे सगे मामा ने फ्रूटी में मिलाकर दूध की बोतल से अस्पताल में उपचार के दौरान बालिका को पिलाया था. मामले में पुलिस ने आरोपी मां, पिता और मामा को गिरफ्तार कर लिया है.

ये है पूरा मामला : 9 मई, 2024 को पुलिस को सूचना मिली थी कि करौली जिले के हिंडौन सिटी के नई मंडी थाना क्षेत्र की 10 वर्षीय मूकबधिर बच्ची डिम्पल मीणा जली हुई हालत में अस्पताल में भर्ती हुई है. पुलिस बयान लेने पहुंची लेकिन बच्ची बयान देने की स्थिति में नहीं थी और परिजनों ने भी कोई बयान नहीं दिया. गंभीर हालत के चलते बच्ची को जयपुर के एसएमएस अस्पताल रेफर कर दिया. उसके बाद 11 मई को बालिका के पिता करन सिंह ने हिंडौन के नई मंडी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई, जिसमें बालिका को दो अज्ञात व्यक्तियों द्वारा जलाकर रेलवे लाइन की तरफ भागना बताया गया. 20 मई को पीड़िता की एसएमएस अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई.

इसे भी पढ़ें - अवैध संबंधों का पता चलने पर पुत्रवधू ने आशिक संग मिलकर की ससुर की हत्या, ऐसे खुला राज - Murder In Illicit Relationship

ऐसे रचा षड्यंत्र : आईजी राहुल प्रकाश ने बताया कि जलने के बाद पीड़िता बालिका का एसएमएस अस्पताल में उपचार चल रहा था. आरोपी पिता करन सिंह उर्फ हरकेशी अपने गांव दादनपुर से कीटनाशक खरीदकर लाया. उसके बाद पत्नी कमलेशी के साथ 16 मई को जयपुर पहुंचा. जहां बालिका के मामा राजेश को कीटनाशक देकर षड्यंत्र में शामिल किया. षड्यंत्र के तहत आरोपी मामा ने 18 मई की शाम को फ्रूटी में कीटनाशक मिलाकर दूध की बोतल से जहरीली फ्रूटी बालिका को पिला दी. कीटनाशक के सेवन की वजह से बालिका की तबीयत बिगड़ने लगी तो चिकित्सकों ने बालिका को वेंटीलेटर पर ले जाने के लिए कहा तो आरोपी राजेश ने लिखित में माना कर दिया. जिसके बाद 19-20 मई की रात को बालिका की मौत हो गई.

आईजी राहुल प्रकाश ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट और मेडिकल बोर्ड की फाइनल ओपिनियन से पता चला कि बालिका की मौत के 24 घंटे के बीच पीड़िता को कीटनाशक का सेवन कराया गया था. एफएसएल जांच में बालिका के साथ दुष्कर्म की पुष्टि भी नहीं हुई. ऐसे में तमाम साक्ष्यों के आधार पर अपराध प्रमाणित होने पर आरोपी मां कमलेशी, पिता करन सिंह और मामा राजेश को गिरफ्तार कर लिया गया.

मां को देखा था आपत्तिजनक हालत में : आईजी राहुल प्रकाश ने बताया कि 9 मई को घटना से पूर्व बालिका ने अपनी मां कमलेशी को किसी व्यक्ति के साथ आपत्तिजनक हालत में देख लिया था. जिसके बाद कमलेशी ने बालिका को डांटा. बालिका मां से झगड़ा होने पर गुस्से घर से भागकर खेतों में चली गई, जहां पेट्रोल से खुद को जलाने के प्रयास में आग की चपेट में आ गई. बाद में मां कमलेशी ने पेट्रोल की बोतल को छुपाया और पुलिस को इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी.

नाबालिग मूकबधिर हत्याकांड का खुलासा (ETV BHARAT BHARATPUR)

भरतपुर. करौली जिले के मूकबधिर बालिका के हत्याकांड का सनसनीखेज खुलासा हुआ है. जलने के बाद अस्पताल में 11 दिन तक जिंदगी से जंग लड़ने वाली 10 वर्षीय मूकबधिर बालिका की मौत उसी के पिता द्वारा लाए गए कीटनाशक पदार्थ से हुई थी, जिसे सगे मामा ने फ्रूटी में मिलाकर दूध की बोतल से अस्पताल में उपचार के दौरान बालिका को पिलाया था. मामले में पुलिस ने आरोपी मां, पिता और मामा को गिरफ्तार कर लिया है.

ये है पूरा मामला : 9 मई, 2024 को पुलिस को सूचना मिली थी कि करौली जिले के हिंडौन सिटी के नई मंडी थाना क्षेत्र की 10 वर्षीय मूकबधिर बच्ची डिम्पल मीणा जली हुई हालत में अस्पताल में भर्ती हुई है. पुलिस बयान लेने पहुंची लेकिन बच्ची बयान देने की स्थिति में नहीं थी और परिजनों ने भी कोई बयान नहीं दिया. गंभीर हालत के चलते बच्ची को जयपुर के एसएमएस अस्पताल रेफर कर दिया. उसके बाद 11 मई को बालिका के पिता करन सिंह ने हिंडौन के नई मंडी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई, जिसमें बालिका को दो अज्ञात व्यक्तियों द्वारा जलाकर रेलवे लाइन की तरफ भागना बताया गया. 20 मई को पीड़िता की एसएमएस अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई.

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ऐसे रचा षड्यंत्र : आईजी राहुल प्रकाश ने बताया कि जलने के बाद पीड़िता बालिका का एसएमएस अस्पताल में उपचार चल रहा था. आरोपी पिता करन सिंह उर्फ हरकेशी अपने गांव दादनपुर से कीटनाशक खरीदकर लाया. उसके बाद पत्नी कमलेशी के साथ 16 मई को जयपुर पहुंचा. जहां बालिका के मामा राजेश को कीटनाशक देकर षड्यंत्र में शामिल किया. षड्यंत्र के तहत आरोपी मामा ने 18 मई की शाम को फ्रूटी में कीटनाशक मिलाकर दूध की बोतल से जहरीली फ्रूटी बालिका को पिला दी. कीटनाशक के सेवन की वजह से बालिका की तबीयत बिगड़ने लगी तो चिकित्सकों ने बालिका को वेंटीलेटर पर ले जाने के लिए कहा तो आरोपी राजेश ने लिखित में माना कर दिया. जिसके बाद 19-20 मई की रात को बालिका की मौत हो गई.

आईजी राहुल प्रकाश ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट और मेडिकल बोर्ड की फाइनल ओपिनियन से पता चला कि बालिका की मौत के 24 घंटे के बीच पीड़िता को कीटनाशक का सेवन कराया गया था. एफएसएल जांच में बालिका के साथ दुष्कर्म की पुष्टि भी नहीं हुई. ऐसे में तमाम साक्ष्यों के आधार पर अपराध प्रमाणित होने पर आरोपी मां कमलेशी, पिता करन सिंह और मामा राजेश को गिरफ्तार कर लिया गया.

मां को देखा था आपत्तिजनक हालत में : आईजी राहुल प्रकाश ने बताया कि 9 मई को घटना से पूर्व बालिका ने अपनी मां कमलेशी को किसी व्यक्ति के साथ आपत्तिजनक हालत में देख लिया था. जिसके बाद कमलेशी ने बालिका को डांटा. बालिका मां से झगड़ा होने पर गुस्से घर से भागकर खेतों में चली गई, जहां पेट्रोल से खुद को जलाने के प्रयास में आग की चपेट में आ गई. बाद में मां कमलेशी ने पेट्रोल की बोतल को छुपाया और पुलिस को इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी.

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