पटना: सुप्रीम कोर्ट ने बृज बिहारी प्रसाद हत्याकांड मामले में मुन्ना शुक्ला को आजीवन कारावास की सजा सुनाया है. कोर्ट ने मुन्ना शुक्ला और एक अन्य को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है. सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व सांसद सूरजभान सिंह और पांच अन्य को बरी कर दिया. इस मामले में बिहार सरकार की परिवहन मंत्री शीला मंडल ने कोर्ट का फैसला बताते हुए कहा कि इसे सभी को मानना होता है.
"न्यायालय का मामला है. माननीय न्यायालय का जो फैसला होता है, उसको सबलोग मानते हैं. हमलोग भी उसका आदर करते हैं. जो न्यायालय का फैसला है वो न्यायालय का फैसला है."- शीला मंडल, परिवहन मंत्री
क्या है मामला: 13 जून 1998 को राबड़ी देवी की सरकार में मंत्री रहे बृज बिहारी प्रसाद की उस वक्त हत्या कर दी गई थी, जब वह आईजीआईएमएस परिसर में भी थे. घटना के वक्त वो अस्पताल परिसर में टहल रहे थे, उनके अंगरक्षक भी साथ में थे. तभी उनको गोलियों से छलनी कर दिया गया. बृज बिहारी प्रसाद पर देवेंद्र दुबे की हत्या का आरोप था. एडमिशन घोटाले में गिरफ्तारी के बाद बृजबिहारी प्रसाद सीने में दर्द की शिकायत पर आईजीआईएमएस में भर्ती कराया गया था.
कौन हैं मुन्ना शुक्लाः मुन्ना शुक्ला बाहुबली नेता हैं. लोकसभा चुनाव 2024 में वह वैशाली लोकसभा क्षेत्र से राजद के टिकट पर चुनाव लड़ा था. उनको हार का सामना करना पड़ा था. मुन्ना शुक्ला लंबे समय से राजनीति में हैं. वैशाली जिले के लालगंज से विधायक भी रह चुके हैं. उनके भाई छोटन शुक्ला और भुटकुन शुक्ला की अपराध की दुनिया में कभी तूती बोलती थी. गैंगवार में छोटन की हत्या कर दी गई थी, जबकि भुटकुन पर गोपालगंज डीएम जी. कृष्णैया की हत्या का आरोप लगा था.
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