मुरैना। हिंगावली गांव की आबादी 2 हजार है. गांव में रहने वाले अतर सिंह की पत्नी गुड्डी का निधन हो गया. परिजन और ग्रामीण महिला का अंतिम संस्कार करने के लिए गांव के मुक्तिधाम पहुंचे. ग्रामीण अंतिम संस्कार करने की तैयारी कर रहे थे कि इसी दौरान तेज बारिश शुरू हो गई. मुक्तिधाम में टीनशेड नहीं था. इसलिए परिजन और ग्रामीणों ने महिला की अर्थी को उठाकर ट्रैक्टर-ट्रॉली के ऊपर रखकर तिरपाल से ढंककर बारिश बंद होने का इंतजार किया.
बारिश रुकने का इंतजार करते रहे ग्रामीण
लगभग 4 घंटे के इंतजार के बाद जब बारिश थोड़ी कम हुई तो परिजनों ने महिला का अंतिम संस्कार किया. तेज बारिश दोबारा न आ जाए, इसलिए परिजनों ने महिला के शव को मुक्तिधाम के चबूतरे पर रखा और ऊपर से टीनशेड लगाया. इसके बाद मुखाग्नि दी गई. इस मामले में ADM सीबी प्रसाद का कहना है "अंतिम संस्कार करने के लिए ग्रामीणों को परेशानी हो रही है, ये गलत है. जिला पंचायत विभाग के अधिकारियों से बोलकर जल्द ही टीनशेड लगवाया जाएगा. अगर अन्य जगह भी ऐसी दिक्क़त है तो वहां के लिए भी जल्द सुधार कराए जाएंगे."
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लकड़ियां और कंडे भी हो गए गीले
बता दें कि हिंगावली गांव के श्मशान घाट में लकड़ियों को सुरक्षित रखने की भी कोई जगह नहीं है. तेज बारिश के चलते पूरी लकड़ियां और कंडे भीग चुके थे. ऐसे में मुखाग्नि के समय आग लग सके, जिसके लिए ग्रामीणों को ज्वलनशील पदार्थ डालना पड़ा, तब कहीं जाकर अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी हो सकी. गौरतलब है कि जिले के कई गांवों मे मुक्तिधाम और टीनशेड की व्यवस्था नहीं है. इससे पहले भी जिले के कई गांवों के शर्मसार करने वाली तस्वीर जिला प्रशासन के सामने आ चुकी है.