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गांवों में अंत्येष्टि मतलब जंग जीतना! डेडबॉडी को तिरपाल से ढंक 4 घंटे बारिश रुकने का इंतजार - Morena Mukti Dham

मुरैना जिले से एक और तस्वीर शर्मसार करने वाली आई है. ताजा मामला अम्बाह क्षेत्र के हिंगावली गांव का है. जहां एक ग्रामीण का शव 4 घंटे तिरपाल से ढंककर ट्रॉली में रखकर परिजनों को इंतजार करना पड़ा. क्योंकि तेज बारिश हो रही थी और मुक्तिधाम में टीनशेड नहीं है.

Morena Mukti Dham
मुक्तिधाम में डेडबॉडी को तिरपाल से ढंका (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 23, 2024, 2:00 PM IST

Updated : Aug 23, 2024, 2:31 PM IST

मुरैना। हिंगावली गांव की आबादी 2 हजार है. गांव में रहने वाले अतर सिंह की पत्नी गुड्डी का निधन हो गया. परिजन और ग्रामीण महिला का अंतिम संस्कार करने के लिए गांव के मुक्तिधाम पहुंचे. ग्रामीण अंतिम संस्कार करने की तैयारी कर रहे थे कि इसी दौरान तेज बारिश शुरू हो गई. मुक्तिधाम में टीनशेड नहीं था. इसलिए परिजन और ग्रामीणों ने महिला की अर्थी को उठाकर ट्रैक्टर-ट्रॉली के ऊपर रखकर तिरपाल से ढंककर बारिश बंद होने का इंतजार किया.

मुक्तिधाम में शेड नहीं होने से भारी समस्या (ETV BHARAT)

बारिश रुकने का इंतजार करते रहे ग्रामीण

लगभग 4 घंटे के इंतजार के बाद जब बारिश थोड़ी कम हुई तो परिजनों ने महिला का अंतिम संस्कार किया. तेज बारिश दोबारा न आ जाए, इसलिए परिजनों ने महिला के शव को मुक्तिधाम के चबूतरे पर रखा और ऊपर से टीनशेड लगाया. इसके बाद मुखाग्नि दी गई. इस मामले में ADM सीबी प्रसाद का कहना है "अंतिम संस्कार करने के लिए ग्रामीणों को परेशानी हो रही है, ये गलत है. जिला पंचायत विभाग के अधिकारियों से बोलकर जल्द ही टीनशेड लगवाया जाएगा. अगर अन्य जगह भी ऐसी दिक्क़त है तो वहां के लिए भी जल्द सुधार कराए जाएंगे."

Morena Mukti Dham
गांवों में अंत्येष्टि मतलब जंग जीतना (ETV BHARAT)

ये खबरें भी पढ़ें...

शासन-प्रशासन की अनदेखी, मुक्तिधाम ना होने की वजह से ग्रामीण परेशान, बारिश में अंतिम संस्कार करना मुश्किल

किसी की मौत पर अंतिम संस्कार के लिए खुद बनाना पड़ता है टीनशेड का श्मशान, यहां मौत के बाद भी नहीं सुकून

लकड़ियां और कंडे भी हो गए गीले

बता दें कि हिंगावली गांव के श्मशान घाट में लकड़ियों को सुरक्षित रखने की भी कोई जगह नहीं है. तेज बारिश के चलते पूरी लकड़ियां और कंडे भीग चुके थे. ऐसे में मुखाग्नि के समय आग लग सके, जिसके लिए ग्रामीणों को ज्वलनशील पदार्थ डालना पड़ा, तब कहीं जाकर अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी हो सकी. गौरतलब है कि जिले के कई गांवों मे मुक्तिधाम और टीनशेड की व्यवस्था नहीं है. इससे पहले भी जिले के कई गांवों के शर्मसार करने वाली तस्वीर जिला प्रशासन के सामने आ चुकी है.

मुरैना। हिंगावली गांव की आबादी 2 हजार है. गांव में रहने वाले अतर सिंह की पत्नी गुड्डी का निधन हो गया. परिजन और ग्रामीण महिला का अंतिम संस्कार करने के लिए गांव के मुक्तिधाम पहुंचे. ग्रामीण अंतिम संस्कार करने की तैयारी कर रहे थे कि इसी दौरान तेज बारिश शुरू हो गई. मुक्तिधाम में टीनशेड नहीं था. इसलिए परिजन और ग्रामीणों ने महिला की अर्थी को उठाकर ट्रैक्टर-ट्रॉली के ऊपर रखकर तिरपाल से ढंककर बारिश बंद होने का इंतजार किया.

मुक्तिधाम में शेड नहीं होने से भारी समस्या (ETV BHARAT)

बारिश रुकने का इंतजार करते रहे ग्रामीण

लगभग 4 घंटे के इंतजार के बाद जब बारिश थोड़ी कम हुई तो परिजनों ने महिला का अंतिम संस्कार किया. तेज बारिश दोबारा न आ जाए, इसलिए परिजनों ने महिला के शव को मुक्तिधाम के चबूतरे पर रखा और ऊपर से टीनशेड लगाया. इसके बाद मुखाग्नि दी गई. इस मामले में ADM सीबी प्रसाद का कहना है "अंतिम संस्कार करने के लिए ग्रामीणों को परेशानी हो रही है, ये गलत है. जिला पंचायत विभाग के अधिकारियों से बोलकर जल्द ही टीनशेड लगवाया जाएगा. अगर अन्य जगह भी ऐसी दिक्क़त है तो वहां के लिए भी जल्द सुधार कराए जाएंगे."

Morena Mukti Dham
गांवों में अंत्येष्टि मतलब जंग जीतना (ETV BHARAT)

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लकड़ियां और कंडे भी हो गए गीले

बता दें कि हिंगावली गांव के श्मशान घाट में लकड़ियों को सुरक्षित रखने की भी कोई जगह नहीं है. तेज बारिश के चलते पूरी लकड़ियां और कंडे भीग चुके थे. ऐसे में मुखाग्नि के समय आग लग सके, जिसके लिए ग्रामीणों को ज्वलनशील पदार्थ डालना पड़ा, तब कहीं जाकर अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी हो सकी. गौरतलब है कि जिले के कई गांवों मे मुक्तिधाम और टीनशेड की व्यवस्था नहीं है. इससे पहले भी जिले के कई गांवों के शर्मसार करने वाली तस्वीर जिला प्रशासन के सामने आ चुकी है.

Last Updated : Aug 23, 2024, 2:31 PM IST
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