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कड़ी सुरक्षा के बीच मुख्तार अंसारी का चालीसवां आज, अफजाल अंसारी के साथ परिवार नहीं करेंगा चुनाव प्रचार - MUKHTAR ANSARI DEATH RITUALS

मुख्तार अंसारी का आज चालीसवां है. उनके धार्मिक रीति रिवाज उनकी रूह शांति के लिए दिन भर परिवार के सदस्य घर और कब्रिस्तान में जाकर दुआ करेंगे. जिसके चलते वह अफजाल अंसारी के लिए आज चुनाव प्रचार नहीं कर पाएंगे.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 7, 2024, 1:39 PM IST

Updated : May 7, 2024, 4:07 PM IST

गाजीपुर: माफिया से विधायक बने मरहूम मुख्तार अंसारी का आज चालीसवां है. इस अवसर पर उनके घर पर रस्मों के अनुसार दुआ और नमाज अदा की जा रही है. पारिवारिक सूत्रों की मानें, तो आज गाजीपुर लोकसभा के बसपा सांसद अफजाल अंसारी जो समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी भी हैं, वे बेटियों संग धुंआधार चुनाव प्रचार कर रहे थे. लेकिन आज वह चुनाव प्रचार नहीं करेंगे. दुआखानी प्रोग्राम में धार्मिक रीति रिवाज अनुसार मरहूम मुख्तार अंसारी जो तीनों भाइयों में सबसे छोटे थे, उनकी रूह की शांति के लिए दिन भर घर और कालीबाग, मुहम्दाबाद स्थित कब्रिस्तान में जाकर दुआ करेंगे.

बता दें, कि मुख्तार अंसारी की मौत 28 मार्च को बांदा कारागार में हार्ट अटैक आने के बाद स्थानीय मेडिकल कॉलेज में ईलाज के दौरान हो गई थी. पोस्टमार्टम के बाद मुख्तार अंसारी के शव को उनके पैतृक घर मोहम्दाबाद "फाटक" पर 29 मार्च को लाया गया था. 30 मार्च को उनके शव को उनके पैतृक कालीबाग कब्रिस्तान, मोहम्दाबाद में सुपुर्दे खाक किया गया था. लेकिन, इस दौरान मुख्तार की पत्नी अफ्शा बेगम जो कई अपराधिक मुकदमें में पहले से ही फरार चल रही हैं. वह मुख्तार की मौत के बाद उनके अंतिम दर्शन और मिट्टी कार्यक्रम में नहीं शरीक हो सकी थी.

हालांकि, मिट्टी के बाद कासगंज जेल में बंद मुख्तार अंसारी के मऊ सदर से विधायक बेटे अब्बास अंसारी सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद पिता की कब्र पे और घर पर आयोजित दुआखानी कार्यक्रम में पहुंचे थे. आज भी आने के लिए उनकी तरफ से सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगी है. फिलहाल, मुख्तार की बड़ी बहू, छोटा नाबालिग पोता और छोटा बेटा उमर इस समय घर पर ही मौजूद हैं. जो अभी तक बड़े ताऊ अफजाल के चुनाव प्रचार में नहीं दिखे है. जबकि, पूरा परिवार बेटियां चुनाव प्रचार में व्यस्थ हैं.

इसे भी पढ़े-गैंगस्टर मामले सजा के खिलाफ गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी की अपील की सुनवाई अब 13 मई को - Allahabad High Court News

आज 7 तारीख को गाजीपुर और बलिया लोकसभा के नामांकन प्रक्रिया की शुरुआत है. इस लिहाज से चुनाव आचार संहिता के साथ मुख्तार अंसारी के चालीसवां कार्यक्रम के मद्देनजर उनके पैतृक घर फाटक और कब्रिस्तान के बाहर सुरक्षा के दृष्टिकोण से पुलिस और एलआईयू की टीम लगाई गई है. पुलिस इस बात के इनपुट पर भी अलर्ट है, कि मुख्तार की बीवी अफ्शा बेगम जो फरार हैं, वो कहीं से इस कार्यक्रम में न आ जाएं. इसलिए घर और कब्रिस्तान के बाहर वर्दी और सादे वेश में महिला पुलिस भी लगी है.

फिलहाल, आज मुख्तार के चालीसवां में घर का कोई भी सदस्य आज चुनाव प्रचार नहीं करेगा. ऐसी सूचना अंसारी परिवार के सूत्रों से आई है. मुख्तार के छोटे बेटे उमर को सुप्रीम कोर्ट से मिली एक राहत के बाद अभी तक उसे चुनाव प्रचार में नहीं देखा जा रहा था. माना जा रहा है, कि आज चालीसवां के बाद वह भी अपने बड़े और मझले ताऊ अफजाल अंसारी की बेटियों की तर्ज पर चुनाव प्रचार में निकलेंगे. साथ ही अपनी मां, बड़े भाई और परिवार के ऊपर हुए अन्य अपराधिक मुकदमों की पैरवी भी करेंगे. उमर ने मुख्तार अंसारी के मौत की उच्च स्तरीय जांच के लिए भी हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा रखा है. क्योंकि, परिवार को शक है कि जेल में बंद मुख्तार अंसारी की मौत न्यायिक अभिरक्षा में स्वाभाविक नहीं, धीमा जहर देने और समुचित ईलाज न मिलने से हुई है.

यह भी पढ़े-गृहमंत्री शाह को तड़ीपार और सीएम योगी को अफजाल ने बताया माफिया, कहा-जालिमों के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी - Lok Sabha Election 2024

गाजीपुर: माफिया से विधायक बने मरहूम मुख्तार अंसारी का आज चालीसवां है. इस अवसर पर उनके घर पर रस्मों के अनुसार दुआ और नमाज अदा की जा रही है. पारिवारिक सूत्रों की मानें, तो आज गाजीपुर लोकसभा के बसपा सांसद अफजाल अंसारी जो समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी भी हैं, वे बेटियों संग धुंआधार चुनाव प्रचार कर रहे थे. लेकिन आज वह चुनाव प्रचार नहीं करेंगे. दुआखानी प्रोग्राम में धार्मिक रीति रिवाज अनुसार मरहूम मुख्तार अंसारी जो तीनों भाइयों में सबसे छोटे थे, उनकी रूह की शांति के लिए दिन भर घर और कालीबाग, मुहम्दाबाद स्थित कब्रिस्तान में जाकर दुआ करेंगे.

बता दें, कि मुख्तार अंसारी की मौत 28 मार्च को बांदा कारागार में हार्ट अटैक आने के बाद स्थानीय मेडिकल कॉलेज में ईलाज के दौरान हो गई थी. पोस्टमार्टम के बाद मुख्तार अंसारी के शव को उनके पैतृक घर मोहम्दाबाद "फाटक" पर 29 मार्च को लाया गया था. 30 मार्च को उनके शव को उनके पैतृक कालीबाग कब्रिस्तान, मोहम्दाबाद में सुपुर्दे खाक किया गया था. लेकिन, इस दौरान मुख्तार की पत्नी अफ्शा बेगम जो कई अपराधिक मुकदमें में पहले से ही फरार चल रही हैं. वह मुख्तार की मौत के बाद उनके अंतिम दर्शन और मिट्टी कार्यक्रम में नहीं शरीक हो सकी थी.

हालांकि, मिट्टी के बाद कासगंज जेल में बंद मुख्तार अंसारी के मऊ सदर से विधायक बेटे अब्बास अंसारी सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद पिता की कब्र पे और घर पर आयोजित दुआखानी कार्यक्रम में पहुंचे थे. आज भी आने के लिए उनकी तरफ से सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगी है. फिलहाल, मुख्तार की बड़ी बहू, छोटा नाबालिग पोता और छोटा बेटा उमर इस समय घर पर ही मौजूद हैं. जो अभी तक बड़े ताऊ अफजाल के चुनाव प्रचार में नहीं दिखे है. जबकि, पूरा परिवार बेटियां चुनाव प्रचार में व्यस्थ हैं.

इसे भी पढ़े-गैंगस्टर मामले सजा के खिलाफ गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी की अपील की सुनवाई अब 13 मई को - Allahabad High Court News

आज 7 तारीख को गाजीपुर और बलिया लोकसभा के नामांकन प्रक्रिया की शुरुआत है. इस लिहाज से चुनाव आचार संहिता के साथ मुख्तार अंसारी के चालीसवां कार्यक्रम के मद्देनजर उनके पैतृक घर फाटक और कब्रिस्तान के बाहर सुरक्षा के दृष्टिकोण से पुलिस और एलआईयू की टीम लगाई गई है. पुलिस इस बात के इनपुट पर भी अलर्ट है, कि मुख्तार की बीवी अफ्शा बेगम जो फरार हैं, वो कहीं से इस कार्यक्रम में न आ जाएं. इसलिए घर और कब्रिस्तान के बाहर वर्दी और सादे वेश में महिला पुलिस भी लगी है.

फिलहाल, आज मुख्तार के चालीसवां में घर का कोई भी सदस्य आज चुनाव प्रचार नहीं करेगा. ऐसी सूचना अंसारी परिवार के सूत्रों से आई है. मुख्तार के छोटे बेटे उमर को सुप्रीम कोर्ट से मिली एक राहत के बाद अभी तक उसे चुनाव प्रचार में नहीं देखा जा रहा था. माना जा रहा है, कि आज चालीसवां के बाद वह भी अपने बड़े और मझले ताऊ अफजाल अंसारी की बेटियों की तर्ज पर चुनाव प्रचार में निकलेंगे. साथ ही अपनी मां, बड़े भाई और परिवार के ऊपर हुए अन्य अपराधिक मुकदमों की पैरवी भी करेंगे. उमर ने मुख्तार अंसारी के मौत की उच्च स्तरीय जांच के लिए भी हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा रखा है. क्योंकि, परिवार को शक है कि जेल में बंद मुख्तार अंसारी की मौत न्यायिक अभिरक्षा में स्वाभाविक नहीं, धीमा जहर देने और समुचित ईलाज न मिलने से हुई है.

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Last Updated : May 7, 2024, 4:07 PM IST
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