What is MSP Plan for Farmers in Madhya Pradesh: केंद्र में नई सरकार का गठन होने जा रहा है. सरकार गठित होने के बाद कैबिनेट की पहली मीटिंग में किसानों की मांगों पर गंभीरता से विचार होने की उम्मीद है. सूत्रों के अनुसार किसानों की मांग एमएसपी (MSP) के रेट तय करने पर फैसला सरकार पहली ही बैठक में करने की तैयारी में है. मीटिंग में खरीफ फसलों की एमएसपी (MSP) बढ़ने की पूरी संभावना है. खरीफ फसलों पर केंद्र 5 से लेकर 10% तक एमएसपी बढ़ा सकती है. ये बढ़ोत्तरी 2024-25 के लिए होगी. एमएसपी बढ़ने से मध्यप्रदेश के किसानों को लाभ होगा. क्योंकि एमपी में सोयाबीन, तुअर और धान की अच्छी फसल होती है. इन फसलों के रेट बढ़ने की संभावना है.
केंद्र सरकार की पहली मीटिंग में होगा फैसला
लोकसभा चुनाव परिणाम 4 जून को आ चुके हैं. पूरी उम्मीद है कि केंद्र में मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार एनडीए सरकार का गठन बहुत जल्द हो जाएगा. अब लोगों में इस बात की चर्चा तेज होने लगी है कि केंद्र सरकार सबसे पहले क्याा-क्या फैसले लेने वाली है. कृषि के जानकारों का कहना है कि केंद्र सरकार पहली ही कैबिनेट मीटिंग में किसानों के लिए बड़ी घोषणा करेगी. बैठक में फसलों की एमएसपी पर फैसला लिया जा सकता है. बता दें कि इस माह से खरीफ फसल की बुवाई शुरू होने वाली है. ऐसे में केंद्र सरकार सबसे पहले खरीफ फसलों के लिए एमएसपी बढ़ा सकती है. क्योंकि खरीफ फसल की कटाई सितंबर से लेकर अक्टूबर के बीच में होती है. इस दौरान दाल व तिलहन की एमएसपी बढ़ने से किसानों को बड़ा लाभ मिलेगी. बताया जाता है कि दाल व तिलहन पर 8 फीसदी तक एमएसपी रेट बढ़ सकते हैं.
हर साल जून के दूसरे हफ्ते में होती है बैठक
गौरतलब है कि प्रत्येक साल के जून महीने में केंद्र सरकार एमएसपी के रेट को लेकर फैसला करती है. बीते 2 साल में कम बारिश के कारण खरीफ फसलों की बुवाई कम हुई है. इसलिए चावल और दालों का उत्पादन घटा है. इसलिए किसानों को इन फसलों के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए सरकार एमएसपी के रेट बढ़ाएगी. बता दें कि दालों का उत्पादन होने के कारण केंद्र सरकार को इसे विदेशों मंगाना पड़ रहा है. चावल, मक्का, तिल, तूर, मूंग, उड़द, मूंगफली, सनफ्लॉवर, सोयाबीन, ज्वार, बाजरा और रागी जैसी फसलों का उत्पादन अगर देश में ही बढ़ जाए तो बाहर से नहीं मंगाना पड़ेगा.
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क्या है न्यूनतम समर्थन मूल्य
न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी (MSP) एमएसपी की मांग को लेकर किसान लगातार आंदोलन करते रहे हैं. एमएसपी एक प्रकार से किसानों को उनके फसल के रेट की गांरंटी है. इसमें तय किया जाता है कि बाजार में किसानों की फसल किस दाम पर खरीदी जाएगी. एमएसपी तय होने के बाद बाजार में फसलों की कीमत गिरने के बाद भी सरकार किसानों को तय कीमत पर ही फसलें खरीदती है. इसका मकसद फसल की कीमत में उतार-चढ़ाव के बीच किसानों को नुकसान से बचाना है. किसानों से खरीदी जाने वाली 23 फसलों पर एमएसपी लागू की गई है। इन 23 फसलों में से 7 अनाज ज्वार, बाजरा, धान, मक्का, गेहूं, जौ और रागी होती हैं. साथ ही 5 दालें, मूंग, अरहर, चना, उड़द और मसूर है.
मध्य प्रदेश के किसानों को शिवराज से उम्मीदें
मध्य प्रदेश के किसानों के लिए उम्मीद की जा रही है कि सरकार से डबल गिफ्ट मिलेगा. माना जा रहा है कि मोदी 3.0 सरकार में प्रदेश के कई बड़े नेताओं को जगह मिलेगी जिसमें शिवराज सिंह चौहान भी शामिल हैं. दरअसल देश में मध्य प्रदेश ने शिवराज के मुख्यमंत्री रहते कई कृषि कर्मण अवार्ड जीते थे. लिहाजा माना जा रहा है कि प्रदेश के नेताओं के हाथों में कृषि सेक्टर की कमान होगी और वो इसका खासा फायदा किसानों को मिलेगा.