Pre-Monsoon In Madhya Pradesh: इस समय पूरा मध्य प्रदेश भीषण गर्मी की चपेट में है. नौतपा में चिलचिलाती गर्मी और लू के थपेड़ों ने पारा और बढ़ा दिया है. हालांकि, जल्द ही इस भीषण गर्मी से राहत मिलने वाली है. दरअसल, प्रदेश में मॉनसून की एंट्री समय से पहले हो सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि केरल में मॉनसून की एंट्री अगले 48 घंटों में होने जा रही है और मॉनसून की रफ्तार देखते हुए एमपी में भी ये एक दिन या उससे पहले पहुंच सकता है.
14 जून की रात तक एमपी पहुंच जाएगा मॉनसून
मौसम वैज्ञानिक दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि 'अंडमान-निकोबार में मॉनसून ने दस्तक दे दी है. 31 मई तक इसके केरल में दाखिल होने की उम्मीद है. इसके बाद दो सप्ताह यानि करीब 14-15 जून तक एमपी में बारिश की शुरुआत हो सकती है. एमपी के साथ बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड और गुजरात में भी इसी दिन मॉनसून दस्तक देगा. अगर मॉनसून ने अपनी ऐसी ही रफ्तार बनाए रखी तो हो सकता है कि 14 जून की रात ये मध्यप्रदेश में दाखिल हो जाए, वहीं आने वाले हफ्ते में प्री मॉनसून बारिश भी देखने मिल सकती है.
एमपी में सामान्य से अधिक वर्षा का अनुमान
मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि 'इस बार एमपी समेत पूरे देश में सामान्य से अधिक वर्षा का पूर्वानुमान लगाया गया है. जून महीने की बात करें तो पूर्वाेत्तर और उत्तरी एमपी में सामान्य से कम वर्षा होगी. लेकिन मध्य और पश्चिमी एमपी में सामान्य बारिश होगी. वहीं जून से सितंबर तक मॉनसून चक्र की बात करें तो पूरे एमपी में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना जताई जा रही है.
देश में मॉनसून की सामान्य तारीख
आईएमडी के मुताबिक आमतौर पर मॉनसून 1 जून को केरल पहुंचता है. फिर कर्नाटक, असम, त्रिपुरा और गोवा में यह 5 जून तक दस्तक देता है. तेलंगाना, सिक्किम और महाराष्ट्र में मॉनसून की एंट्री 10 जून तक होती है. बिहार, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और गुजरात के कुछ हिस्सों में मॉनसून सामान्यतः 15 जून के आसपास पहुंचता है. 20 जून तक यह लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश के शेष हिस्सों और गुजरात के कुछ हिस्सों में प्रवेश करता है. लद्दाख और हिमाचल प्रदेश के शेष हिस्सों में मॉनसून 25 जून तक पहुंचता है. फिर 15 जुलाई के आस-पास पूरे देश को कवर करता है.
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इस बार ला नीना होगा सक्रिय
गौरतलब है कि इस बार मौसम विभाग की ओर से सामान्य से अधिक बारिश की उम्मीद जताई गई है. विभाग की ओर से कहा गया है कि 'इस बार अच्छी बारिश होगी. विभाग ने बताया कि पिछली बार अल- नीना सक्रिय था इसलिए कम बारिश हुई थी. लेकिन इस बार ला-नीना की परिस्थितियां पैदा हो जाएंगी. पिछले साल अल-नीनो के समय सामान्य से कम 94% बारिश हुई थी. वहीं 2020 से 2022 के दौरान ला- नीना ट्रिपल डिप के दौरान 109 प्रतिशत, 99 प्रतिशत 106 प्रतिशत बारिश हुई थी. इस बार फिर पूरे देश में 106 प्रतिशत बारिश होने का अनुमान है.