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केंद्र की एक हां से शहर जैसे चमकने लगेंगे मध्य प्रदेश के गांव, जुगाड़ में लगी मोहन सरकार - MP NEW DEVELOPMENT BLOCK FORMED

मध्य प्रदेश सरकार को अगर केन्द्र सरकार की मंजूरी मिल जाएगी तो प्रदेश में 100 से 150 नई ब्लॉकों का गठन हो सकता है.

MP NEW DEVELOPMENT BLOCK FORMED
मध्य प्रदेश में बनेंगी 100 से 150 ब्लॉक (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 8, 2024, 8:42 PM IST

सागर: मध्य प्रदेश सरकार प्रदेश के गांवों को चमकाने के लिए एक नई कवायद शुरू करने जा रही है. अगर केन्द्र सरकार इसको मंजूरी दे देती है तो एमपी की तस्वीर और तकदीर बदल सकती है. अपने विशाल भौगोलिक क्षेत्रफल के कारण गांव-गांव तक बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में एमपी सरकार प्रदेश के विकासखंडों का नए सिरे से गठन करने जा रही है. जिसके तहत पुराने 313 ब्लॉकों का भी नक्शा बदलेगा और प्रदेश को 100 से 150 नए ब्लॉक भी मिल सकते हैं. जिसके लिए केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं की रूपरेखा बनेगी और उसके लिए बजट का भी आवंटन होगा.

तहसील और जिले तो बने, लेकिन विकासखंड नहीं

मध्य प्रदेश के गठन के बाद अब तक एक भी नए विकासखंड का सृजन नहीं हुआ है, लेकिन इस दौरान प्रदेश की आबादी करीब तीन गुना बढ़ गयी है. तहसीलों और जिलों की संख्या तो राजनीतिक और प्रशासनिक कारणों से बढ़ती गयी, लेकिन विकासखंड के गठन के मामले में कोई काम नहीं हो सका. आज एमपी में 55 जिले हो चुके हैं और तहसीलों की संख्या भी 428 पहुंच गयी है, लेकिन विकासखंड जस के तस हैं. प्रदेश में कई गांव ऐसे हैं, जो अपने विकासखंड मुख्यालय से काफई दूर हैं. इस वजह से कई बार उन तक बुनियादी सुविधाएं नहीं पहुंच पाती. जिस वजह से ये गांव विकास से नहीं जुड़ पा रहे हैं.

राज्य परिसीमन आयोग कर रहा है कवायद

प्रदेश के कई इलाकों में नए जिलों की मांग चल रही है. इन मांगों को लेकर मोहन यादव सरकार ने राज्य परिसीमन आयोग का गठन किया है और तय कर दिया है कि राज्य परिसीमन आयोग की सिफारिशों के हिसाब से जिलों का गठन होगा. इसी कवायद के साथ परिसीमन आयोग नए विकासखंडों के सृजन की कवायद में भी जुटा है. दरअसल, अभी प्रदेश के तमाम विकासखंडों में करीब डेढ़ सौ गांव है. जो विकास योजनाओं के मामले में तो पिछड़ ही जाते हैं. साथ ही विकासखंड मुख्यालय से दूरी के कारण मुख्यधारा से भी कट जाते हैं. ऐसे में ये गांव बुनियादी सुविधाओं का अभाव तो झेलते हैं.

राज्य परिसीमन आयोजन की कोशिश है कि मध्य प्रदेश में करीब 100 से 150 ब्लाॅक का नए सिरे से गठन किया जाए और एक विकासखंड में 70 से ज्यादा गांवों को शामिल नहीं किया जाए. क्योंकि कई विकासखंड मुख्यालय के कई गांव आबादी और के लिहाज से इतने बडे़ हो चुके हैं कि वो खुद विकासखंड बनने का दावा रखते हैं.

केंद्र की योजनाओं का बढ़ेगा बजट और ब्लाॅक पर घटेगा दबाव

हालांकि राज्य परिसीमन आयोग की इस कवायद पर अंतिम मुहर केंद्र सरकार की लगेगी. अगर केंद्र एमपी सरकार के इस प्रस्ताव को हरी झंडी देता है तो मध्य प्रदेश को केंद्र सरकार से 29 योजनाओं में मिलने वाली राशि बढ़ जाएगी. एक अनुमान के मुताबिक ये 5 हजार करोड़ से ज्यादा हो सकती है. दूसरी तरफ नए ब्लाॅक बनने से विकास कार्यों के लिए विकासखंड पर गांवों की संख्या का दबाव घट जाएगा और ग्रामीण विकास की योजनाओं और कार्य सुचारू रूप से हो सकेंगे.

ये भी पढ़ें:

शहरों से मिलकर गांव करेंगे कदमताल, शिवराज सिंह ने भर दी मध्य प्रदेश की झोली

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क्या कहते हैं जिम्मेदार

राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा का कहना है कि, 'प्रदेश में कई जिलों की मांग चल रही है. कई तहसीलें या कस्बे किसी दूसरे जिले में शामिल होना चाहते हैं. इनके गठन को लेकर राज्य परिसीमन आयोग तैयारी कर रहा है. हमारी कोशिश ये भी है कि इसके साथ ही प्रदेश के विकासखंड का नए सिरे से गठन हो सके. उस पर भी परिसीमन आयोग काम करे. हालांकि केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद ब्लाॅक का गठन होगा. लेकिन अब नए सिरे से जिले, तहसील या ब्लाॅक का गठन परिसीमन आयोग की सिफारिश के आधार पर होगा.

सागर: मध्य प्रदेश सरकार प्रदेश के गांवों को चमकाने के लिए एक नई कवायद शुरू करने जा रही है. अगर केन्द्र सरकार इसको मंजूरी दे देती है तो एमपी की तस्वीर और तकदीर बदल सकती है. अपने विशाल भौगोलिक क्षेत्रफल के कारण गांव-गांव तक बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में एमपी सरकार प्रदेश के विकासखंडों का नए सिरे से गठन करने जा रही है. जिसके तहत पुराने 313 ब्लॉकों का भी नक्शा बदलेगा और प्रदेश को 100 से 150 नए ब्लॉक भी मिल सकते हैं. जिसके लिए केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं की रूपरेखा बनेगी और उसके लिए बजट का भी आवंटन होगा.

तहसील और जिले तो बने, लेकिन विकासखंड नहीं

मध्य प्रदेश के गठन के बाद अब तक एक भी नए विकासखंड का सृजन नहीं हुआ है, लेकिन इस दौरान प्रदेश की आबादी करीब तीन गुना बढ़ गयी है. तहसीलों और जिलों की संख्या तो राजनीतिक और प्रशासनिक कारणों से बढ़ती गयी, लेकिन विकासखंड के गठन के मामले में कोई काम नहीं हो सका. आज एमपी में 55 जिले हो चुके हैं और तहसीलों की संख्या भी 428 पहुंच गयी है, लेकिन विकासखंड जस के तस हैं. प्रदेश में कई गांव ऐसे हैं, जो अपने विकासखंड मुख्यालय से काफई दूर हैं. इस वजह से कई बार उन तक बुनियादी सुविधाएं नहीं पहुंच पाती. जिस वजह से ये गांव विकास से नहीं जुड़ पा रहे हैं.

राज्य परिसीमन आयोग कर रहा है कवायद

प्रदेश के कई इलाकों में नए जिलों की मांग चल रही है. इन मांगों को लेकर मोहन यादव सरकार ने राज्य परिसीमन आयोग का गठन किया है और तय कर दिया है कि राज्य परिसीमन आयोग की सिफारिशों के हिसाब से जिलों का गठन होगा. इसी कवायद के साथ परिसीमन आयोग नए विकासखंडों के सृजन की कवायद में भी जुटा है. दरअसल, अभी प्रदेश के तमाम विकासखंडों में करीब डेढ़ सौ गांव है. जो विकास योजनाओं के मामले में तो पिछड़ ही जाते हैं. साथ ही विकासखंड मुख्यालय से दूरी के कारण मुख्यधारा से भी कट जाते हैं. ऐसे में ये गांव बुनियादी सुविधाओं का अभाव तो झेलते हैं.

राज्य परिसीमन आयोजन की कोशिश है कि मध्य प्रदेश में करीब 100 से 150 ब्लाॅक का नए सिरे से गठन किया जाए और एक विकासखंड में 70 से ज्यादा गांवों को शामिल नहीं किया जाए. क्योंकि कई विकासखंड मुख्यालय के कई गांव आबादी और के लिहाज से इतने बडे़ हो चुके हैं कि वो खुद विकासखंड बनने का दावा रखते हैं.

केंद्र की योजनाओं का बढ़ेगा बजट और ब्लाॅक पर घटेगा दबाव

हालांकि राज्य परिसीमन आयोग की इस कवायद पर अंतिम मुहर केंद्र सरकार की लगेगी. अगर केंद्र एमपी सरकार के इस प्रस्ताव को हरी झंडी देता है तो मध्य प्रदेश को केंद्र सरकार से 29 योजनाओं में मिलने वाली राशि बढ़ जाएगी. एक अनुमान के मुताबिक ये 5 हजार करोड़ से ज्यादा हो सकती है. दूसरी तरफ नए ब्लाॅक बनने से विकास कार्यों के लिए विकासखंड पर गांवों की संख्या का दबाव घट जाएगा और ग्रामीण विकास की योजनाओं और कार्य सुचारू रूप से हो सकेंगे.

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क्या कहते हैं जिम्मेदार

राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा का कहना है कि, 'प्रदेश में कई जिलों की मांग चल रही है. कई तहसीलें या कस्बे किसी दूसरे जिले में शामिल होना चाहते हैं. इनके गठन को लेकर राज्य परिसीमन आयोग तैयारी कर रहा है. हमारी कोशिश ये भी है कि इसके साथ ही प्रदेश के विकासखंड का नए सिरे से गठन हो सके. उस पर भी परिसीमन आयोग काम करे. हालांकि केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद ब्लाॅक का गठन होगा. लेकिन अब नए सिरे से जिले, तहसील या ब्लाॅक का गठन परिसीमन आयोग की सिफारिश के आधार पर होगा.

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