भोपाल। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्कूल शिक्षा विभाग ने नर्सरी से लेकर कक्षा पहली तक एडमिशन के लिए उम्र के क्राइटेरिया को लेकर नियम जारी किए हैं. स्कूल शिक्षा विभाग ने साफ कर दिया है कि पहली क्लास में छह साल की उम्र पूरी होने पर ही एडमिशन देना होगा. इधर, मध्यप्रदेश के डेढ़ हजार स्कूलों में और प्री नर्सरी क्लॉसेस शुरू की जाएंगी.
किसी भी बच्चे की तीन साल से पहले पढ़ाई शुरू नहीं
राष्ट्रीय शिक्षा नीति जारी हुए चार साल हो गए हैं. मध्यप्रदेश इस नीति को अपनाने वाला कर्नाटक के बाद दूसरा राज्य है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्कूलों में प्रवेश की उम्र तय की गई है. राज्य सरकार ने इसके आधार पर बच्चों की स्कूलों में प्रवेश के लिए उम्र को लेकर नियम जारी कर दिए हैं.
- बच्चों को 3 साल से पहले स्कूलों में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. 3 साल की उम्र में बच्चों को नर्सरी में प्रवेश मिलेगा.
- केजी 1 में बच्चों के लिए प्रवेश की आयुसीमा 4 साल निर्धारित की गई है.
- केजी 2 में प्रवेश के लिए आयुसीमा 5 साल रखी गई है.
- कक्षा पहली में कम से कम 6 साल की उम्र होना चाहिए.
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पूरे प्रदेश में नियमों का अब सख्ती से होगा पालन
बच्चों को स्कूलों में प्रवेश को लेकर अभी तक नियम का सख्ती से पालन नहीं होता था. कई स्कूलों में बच्चों को ढाई साल की उम्र से ही नर्सरी में प्रवेश दे दिया जाता था. कई स्कलों में 5 साल में ही बच्चों को कक्षा पहली में प्रवेश दिया जा रहा था. आमतौर पर इस तरह की स्थिति प्राइवेट स्कूलों में ज्यादा देखने में आ रही है. हालांकि अब राज्य सरकार ने इसको लेकर सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए हैं. प्राइवेट स्कूल सीटें भरने के चक्कर में बच्चों की उम्र पर कोई ध्यान नहीं देते. हालांकि इसके लिए पैरेंट्स भी जिम्मेदार हैं.