भोपाल। क्या एमपी में चल रही सियासी आंधी में कांग्रेस के कई दिग्गज भी उखड़ सकते हैं. क्या इस अंधड़ में कई बड़े कांग्रेसी भी उखड़ेंगे. क्या सात मई तक जीतू पटवारी भी कांग्रेस छोड़ेंगे. मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री डॉ गोविंद सिंह राजपूत के एक बयान से ये सवाल खड़ा हो गया है. मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा है कि 'सात मई आते आते कहीं जीतू पटवारी भी कांग्रेस में ना आ जाएं. इंदौर में कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय बम के बाद कांग्रेस के हिस्से दूसरा बम साबित हुए कांग्रेस के ग्वालियर चंबल से कद्दावर विधायक राम निवास रावत जिनके साथ मुरैना से कांग्रेस की मेयर शारदा सोलंकी भी बीजेपी में शामिल हो गई.
कांग्रेस में अभी और कितने बम बाकी हैं
एमपी में चुनाव की तारीखों के साथ शुरु हुई दलबदल की दौड़ दूसरे चरण का मतदान आते-आते तक तेज हो गई है. इंदौर में सूरत का सीक्वल हो जाने के बाद ग्वालियर-चंबल में कांग्रेस के कद्दावर नेता राम निवास रावत और मुरैना से कांग्रेस की महापौर भी राहुल गांधी से बातचीत विफल हो जाने के बाद रामनिवास रावतने आखिरकार कांग्रेस छोड़ दी है. इसी बीच मोहन सरकार के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का बयान आया है कि सात मई आते-आते कहीं जीतू पटवारी भी कांग्रेस में ना आ जाएं.
एमपी में अब तक ढाई लाख से ज्यादा कांग्रेसी बीजेपी में आए
एमपी में अब तक ढाई लाख से ज्यादा कांग्रेसी बीजेपी की सदस्यता ले चुके हैं. जिसमें पूर्व विधायक, पूर्व पार्षद से लेकर पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश पचौरी से लेकर मौजूदा विधायक और मेयर तक हैं. वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक पवन देवलिया कहते हैं 'मध्य प्रदेश की चुनावी राजनीति के इतिहास में ऐसा कब हुआ बताइए कि एक राष्ट्रीय दल का उम्मीदवार अपना नामांकन वापिस ले ले. असल में कांग्रेस के उम्मीदवार बम को लेकर पहले ही संदेह था कि वे बीच खेल में पाला बदल सकते हैं, लेकिन हैरत की बात है कि जानते बूझते भी जीतू पटवारी हालात संभाल नहीं पाए.'