ETV Bharat / state

MP में खुले बोरवेल में बच्चों की मौत पर हाईकोर्ट सख्त, ड्राफ्ट को बताया बकवास तो सरकार ने मांगी माफी - borewell hearing MP high court

खुले बोरवेल में बच्चों की मौत को लेकर मध्यप्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट में पॉलिसी ड्राफ्ट पेश किया. इस पर हाईकोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए इसे बकवास बताया. कोर्ट की सख्ती देखते हुए सरकार ने माफी मांगी और नया ड्राफ्ट पेश करने के लिए समय मांगा.

borewell hearing MP high court
एमपी में खुले बोरवेल में बच्चों की मौत पर हाईकोर्ट सख्त
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 26, 2024, 4:14 PM IST

जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने ड्राफ्ट तैयार करने वाले अधिकारी का नाम 24 घंटे में कोर्ट को बताने के आदेश जारी किये थे. याचिका पर गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर सरकार की तरफ से माफी मांगते हुए नया ड्राफ्ट तैयार करने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा. चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने सरकार के रवैये पर जमकर नाराजगी जताई.

सीहोर बोरवेल हादसे को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई

गौरतलब है कि सीहोर जिले के ग्राम मुंगावली में विगत 6 जून 2023 को 3 साल की मासूम सृष्टि खेलते समय खेत में खुले हुए बोरवेल में गिर गयी थी. बच्ची बोरवेल में 40 फीट अंदर जाकर फंस गयी थी. उसे बचाने के लिए रोबोटिक विशेषज्ञों, सेना,एनडीआरएफ और एसडीआरएफ कर्मियों की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन प्रारंभ किया था. रेस्क्यू ऑपरेशन में इस्तेमाल की जा रही मशीनों के कंपन के कारण वह 100 फीट गहराई तक चली गयी थी. रेस्क्यू ऑपरेशन लगभग 50 घंटे तक चला और उसे बेहोशी की हालत में बाहर निकाला गया, उसे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया.

ये खबरें भी पढ़ें...

जिंदगी की जंग हार गया मासूम मयंक, 46 घंटे से बोरवेल में 60 फीट नीचे फंसा था

जीतकर भी जिंदगी की जंग हार गई 'माही', रेस्क्यू तो सफल रहा, लेकिन अस्पताल जाने के बाद थम गईं सांसें

बच्चों को जिंदा दफन करने वाले किलर बोरवेल

संज्ञान याचिका में कहा गया "बच्चों को जिंदा दफन करने वाले किलर बोरवेल का जाल बन गया है. बोरवेल दुर्घटनाएं हमारे समाज के लिए काली छाया हैं. ऐसी घटनाओं से पूरे देश व परिवारों को असहनीय पीड़ा देती है. भूजल तक पहुंचने के लिए मूल्यवान संसाधन बोरवेल साइलेंट किलर बन गए हैं. बोरवेल में दुर्घटनाएं आमतौर पर लापरवाही, जागरूकता की कमी और अपर्याप्त सुरक्षा उपाय के कारण होती हैं." याचिका पर बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से पेश की गयी ड्राफ्ट पॉलिसी का अवलोकन करने के बाद युगलपीठ ने नाराजगी व्यक्त की. कोर्ट मित्र अधिवक्ता अंशुमान ने सुझाव दिया कि वह ड्राफ्ट पॉलिसी तैयार कर सकते हैं. युगलपीठ ने सरकार तथा कोर्ट मित्र अधिवक्ता को दो सप्ताह में अपनी-अपनी ड्राफ्ट पॉलिसी पेश करने के आदेश जारी किए.

जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने ड्राफ्ट तैयार करने वाले अधिकारी का नाम 24 घंटे में कोर्ट को बताने के आदेश जारी किये थे. याचिका पर गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर सरकार की तरफ से माफी मांगते हुए नया ड्राफ्ट तैयार करने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा. चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने सरकार के रवैये पर जमकर नाराजगी जताई.

सीहोर बोरवेल हादसे को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई

गौरतलब है कि सीहोर जिले के ग्राम मुंगावली में विगत 6 जून 2023 को 3 साल की मासूम सृष्टि खेलते समय खेत में खुले हुए बोरवेल में गिर गयी थी. बच्ची बोरवेल में 40 फीट अंदर जाकर फंस गयी थी. उसे बचाने के लिए रोबोटिक विशेषज्ञों, सेना,एनडीआरएफ और एसडीआरएफ कर्मियों की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन प्रारंभ किया था. रेस्क्यू ऑपरेशन में इस्तेमाल की जा रही मशीनों के कंपन के कारण वह 100 फीट गहराई तक चली गयी थी. रेस्क्यू ऑपरेशन लगभग 50 घंटे तक चला और उसे बेहोशी की हालत में बाहर निकाला गया, उसे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया.

ये खबरें भी पढ़ें...

जिंदगी की जंग हार गया मासूम मयंक, 46 घंटे से बोरवेल में 60 फीट नीचे फंसा था

जीतकर भी जिंदगी की जंग हार गई 'माही', रेस्क्यू तो सफल रहा, लेकिन अस्पताल जाने के बाद थम गईं सांसें

बच्चों को जिंदा दफन करने वाले किलर बोरवेल

संज्ञान याचिका में कहा गया "बच्चों को जिंदा दफन करने वाले किलर बोरवेल का जाल बन गया है. बोरवेल दुर्घटनाएं हमारे समाज के लिए काली छाया हैं. ऐसी घटनाओं से पूरे देश व परिवारों को असहनीय पीड़ा देती है. भूजल तक पहुंचने के लिए मूल्यवान संसाधन बोरवेल साइलेंट किलर बन गए हैं. बोरवेल में दुर्घटनाएं आमतौर पर लापरवाही, जागरूकता की कमी और अपर्याप्त सुरक्षा उपाय के कारण होती हैं." याचिका पर बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से पेश की गयी ड्राफ्ट पॉलिसी का अवलोकन करने के बाद युगलपीठ ने नाराजगी व्यक्त की. कोर्ट मित्र अधिवक्ता अंशुमान ने सुझाव दिया कि वह ड्राफ्ट पॉलिसी तैयार कर सकते हैं. युगलपीठ ने सरकार तथा कोर्ट मित्र अधिवक्ता को दो सप्ताह में अपनी-अपनी ड्राफ्ट पॉलिसी पेश करने के आदेश जारी किए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.