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वकीलों की हड़ताल पर एमपी हाईकोर्ट सख्त, जवाब पेश करने के लिए 2 माह की मोहलत

MP High Court Lawyers Strike : मध्यप्रदेश में वकीलों की हड़ताल को लेकर हाईकोर्ट सख्त है. कोर्ट ने जिला व तहसील बार एसोसिएशन को जवाब पेश करने के लिए दो सप्ताह की मोहलत दी है.

MP High Court Lawyers Strike
वकीलों की हड़ताल पर एमपी हाईकोर्ट सख्त
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Mar 1, 2024, 11:18 AM IST

जबलपुर। मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने अधिवक्ताओं की प्रदेशव्यापी हड़ताल को संज्ञान में लेते हुए मामले की सुनवाई जनहित याचिका के रूप में करने के आदेश दिये थे. याचिका पर गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान इंदौर बार एसोसिएशन की तरफ से जवाब पेश किया गया. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ प्रदेश के सभी जिला व तहसील बार को जवाब पेश करने के लिए दो सप्ताह का समय प्रदान किया है.

पिछले साल मार्च में हुई थी वकीलों की हड़ताल

गौरतलब है कि मार्च 2023 में अधिवक्ता बेमियादी प्रदेशव्यापी हड़ताल पर चले गये थे. हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई संज्ञान याचिका के रूप में करते हुए अधिवक्ताओं को तत्काल काम पर वापस लौटने के आदेश दिये. हाईकोर्ट ने सर्वोच्च न्यायालय तथा हाईकोर्ट द्वारा पूर्व में पारित आदेश को हवाला देते हुए कहा है कि अधिवक्ता काम पर नहीं लौटते हैं तो इसे न्यायालय की अवमानना माना जायेगा. आदेश का पालन नहीं करने वालों अधिवक्ताओं के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जायेगी और उनका निष्कासन किया जायेगा.

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बड़े शहरों के साथ ही सभी बार एसोसिएशन से मांगा जवाब

हाईकोर्ट ने निर्देश दिए कि आदेश की प्रति के साथ स्टेट बार काउंसिल के चेयरमैन, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन जबलपुर, इंदौर व ग्वालियर के अध्यक्ष, हाईकोर्ट एडवोकेट्स बार एसोसिएशन जबलपुर के अध्यक्ष के अलावा प्रदेश भर के जिला तथा तहसील बार एसोसिएशन के अध्यक्षों को नोटिस जारी करें. युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा था कि 25 प्रकरणों के निराकरण का आदेश तीन माह के लिए स्थगित कर दिया गया था, जिसकी सूचना ई-मेल के माध्यम से एसबीए को भेजी गयी थी. इसके बावजूद राज्यव्यापी हड़ताल की घोषणा कर दी गई. इसके अलावा बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन ने भी 23 मार्च को स्टेट बार के चेयरमैन को पत्र लिखकर तत्काल हड़ताल वापस लेने के निर्देश दिए थे, जिसका पालन भी नहीं किया गया

जबलपुर। मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने अधिवक्ताओं की प्रदेशव्यापी हड़ताल को संज्ञान में लेते हुए मामले की सुनवाई जनहित याचिका के रूप में करने के आदेश दिये थे. याचिका पर गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान इंदौर बार एसोसिएशन की तरफ से जवाब पेश किया गया. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ प्रदेश के सभी जिला व तहसील बार को जवाब पेश करने के लिए दो सप्ताह का समय प्रदान किया है.

पिछले साल मार्च में हुई थी वकीलों की हड़ताल

गौरतलब है कि मार्च 2023 में अधिवक्ता बेमियादी प्रदेशव्यापी हड़ताल पर चले गये थे. हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई संज्ञान याचिका के रूप में करते हुए अधिवक्ताओं को तत्काल काम पर वापस लौटने के आदेश दिये. हाईकोर्ट ने सर्वोच्च न्यायालय तथा हाईकोर्ट द्वारा पूर्व में पारित आदेश को हवाला देते हुए कहा है कि अधिवक्ता काम पर नहीं लौटते हैं तो इसे न्यायालय की अवमानना माना जायेगा. आदेश का पालन नहीं करने वालों अधिवक्ताओं के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जायेगी और उनका निष्कासन किया जायेगा.

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