भोपाल। शहर की मिसरोद पुलिस ने 14 मई को दुष्कर्म के आरोपी को अरेस्ट किया था. भोपाल पुलिस ने 30 अप्रैल को 8 साल की बच्ची से दुष्कर्म के आरोप में हॉस्टल की महिला वार्डन सहित 3 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था. इस हाई प्रोफाइल मामले में स्कूल संचालक मिनीराज मोदी की जमानत याचिका जबलपुर हाईकोर्ट में प्रस्तुत की गई. भोपाल में जिला न्यायालय में मिनीराज मोदी के खिलाफ पीड़िता बच्ची और उसकी मां की ओर से अधिवक्ता यावर खान ने आपत्ति दर्ज कराई थी.
भोपाल जिला अदालत में पहले ही याचिका निरस्त
इसके बाद जबलपुर उच्च न्यायालय में स्कूल संचालक मिनीराज मोदी की जमानत याचिका दाखिल की गई. अधिवक्ता यावर खान ने बताया कि स्कूल संचालक मिनीराज मोदी की पूर्व में जिला न्यायालय भोपाल से जमानत निरस्त हुई थी. इसके बाद इसने हाई कोर्ट में जमानत याचिका लगाई. आरोप है कि 8 वर्षीय अवयस्क बालिका के साथ उसने घृणित कार्य किया था. जिसमें थाना मिसरोद में उसके खिलाफ धारा 376 और पास्को एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ. इस मामले में अधिकतम 20 साल तक की सजा का प्रावधान है.
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पुलिस की भूमिका पर उठाए सवाल
अधिवक्ता यावर खान ने बताया "हमने हाइकोर्ट में इसकी जमानत याचिका पर आपत्ति प्रस्तुत की. हाई कोर्ट को बताया कि इस मामले में पुलिस कहीं ना कहीं आरोपी का पक्ष ले रही है. अपराधी को अप्रत्यक्ष तरीके से फायदा पहुंचाने की कोशिश कर रही है. क्योंकि पुलिस ने घटनास्थल पर आने जाने वाले कई गेटों की सीसीटीवी फुटेज प्राप्त नहीं किए और यदि किये तो उपलब्ध नहीं कराए. पुलिस ने बालिका से जेल में शिनाख्ती भी नहीं कराई. आरोपी का पुलिस रिमांड भी नही मांगा."