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भोपाल में मासूम बालिका से दुष्कर्म के आरोपी स्कूल संचालक को हाईकोर्ट से जमानत नहीं - Gyan Ganga School Bhopal case

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 30, 2024, 7:46 PM IST

मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने भोपाल के ज्ञान गंगा प्राइवेट स्कूल के संचालक मिनीराज मोदी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया. इस स्कूल संचालक ने दूसरी कक्षा में पढ़ने वाली 8 साल की बच्ची से हॉस्टल में दुष्कर्म किया था.

Gyan Ganga School Bhopal case
दुष्कर्म के आरोपी स्कूल संचालक की हाईकोर्ट से जमानत नहीं (ETV BHARAT)
अधिवक्ता यावर खान (ETV BHARAT)

भोपाल। शहर की मिसरोद पुलिस ने 14 मई को दुष्कर्म के आरोपी को अरेस्ट किया था. भोपाल पुलिस ने 30 अप्रैल को 8 साल की बच्ची से दुष्कर्म के आरोप में हॉस्टल की महिला वार्डन सहित 3 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था. इस हाई प्रोफाइल मामले में स्कूल संचालक मिनीराज मोदी की जमानत याचिका जबलपुर हाईकोर्ट में प्रस्तुत की गई. भोपाल में जिला न्यायालय में मिनीराज मोदी के खिलाफ पीड़िता बच्ची और उसकी मां की ओर से अधिवक्ता यावर खान ने आपत्ति दर्ज कराई थी.

भोपाल जिला अदालत में पहले ही याचिका निरस्त

इसके बाद जबलपुर उच्च न्यायालय में स्कूल संचालक मिनीराज मोदी की जमानत याचिका दाखिल की गई. अधिवक्ता यावर खान ने बताया कि स्कूल संचालक मिनीराज मोदी की पूर्व में जिला न्यायालय भोपाल से जमानत निरस्त हुई थी. इसके बाद इसने हाई कोर्ट में जमानत याचिका लगाई. आरोप है कि 8 वर्षीय अवयस्क बालिका के साथ उसने घृणित कार्य किया था. जिसमें थाना मिसरोद में उसके खिलाफ धारा 376 और पास्को एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ. इस मामले में अधिकतम 20 साल तक की सजा का प्रावधान है.

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पुलिस की भूमिका पर उठाए सवाल

अधिवक्ता यावर खान ने बताया "हमने हाइकोर्ट में इसकी जमानत याचिका पर आपत्ति प्रस्तुत की. हाई कोर्ट को बताया कि इस मामले में पुलिस कहीं ना कहीं आरोपी का पक्ष ले रही है. अपराधी को अप्रत्यक्ष तरीके से फायदा पहुंचाने की कोशिश कर रही है. क्योंकि पुलिस ने घटनास्थल पर आने जाने वाले कई गेटों की सीसीटीवी फुटेज प्राप्त नहीं किए और यदि किये तो उपलब्ध नहीं कराए. पुलिस ने बालिका से जेल में शिनाख्ती भी नहीं कराई. आरोपी का पुलिस रिमांड भी नही मांगा."

अधिवक्ता यावर खान (ETV BHARAT)

भोपाल। शहर की मिसरोद पुलिस ने 14 मई को दुष्कर्म के आरोपी को अरेस्ट किया था. भोपाल पुलिस ने 30 अप्रैल को 8 साल की बच्ची से दुष्कर्म के आरोप में हॉस्टल की महिला वार्डन सहित 3 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था. इस हाई प्रोफाइल मामले में स्कूल संचालक मिनीराज मोदी की जमानत याचिका जबलपुर हाईकोर्ट में प्रस्तुत की गई. भोपाल में जिला न्यायालय में मिनीराज मोदी के खिलाफ पीड़िता बच्ची और उसकी मां की ओर से अधिवक्ता यावर खान ने आपत्ति दर्ज कराई थी.

भोपाल जिला अदालत में पहले ही याचिका निरस्त

इसके बाद जबलपुर उच्च न्यायालय में स्कूल संचालक मिनीराज मोदी की जमानत याचिका दाखिल की गई. अधिवक्ता यावर खान ने बताया कि स्कूल संचालक मिनीराज मोदी की पूर्व में जिला न्यायालय भोपाल से जमानत निरस्त हुई थी. इसके बाद इसने हाई कोर्ट में जमानत याचिका लगाई. आरोप है कि 8 वर्षीय अवयस्क बालिका के साथ उसने घृणित कार्य किया था. जिसमें थाना मिसरोद में उसके खिलाफ धारा 376 और पास्को एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ. इस मामले में अधिकतम 20 साल तक की सजा का प्रावधान है.

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पुलिस की भूमिका पर उठाए सवाल

अधिवक्ता यावर खान ने बताया "हमने हाइकोर्ट में इसकी जमानत याचिका पर आपत्ति प्रस्तुत की. हाई कोर्ट को बताया कि इस मामले में पुलिस कहीं ना कहीं आरोपी का पक्ष ले रही है. अपराधी को अप्रत्यक्ष तरीके से फायदा पहुंचाने की कोशिश कर रही है. क्योंकि पुलिस ने घटनास्थल पर आने जाने वाले कई गेटों की सीसीटीवी फुटेज प्राप्त नहीं किए और यदि किये तो उपलब्ध नहीं कराए. पुलिस ने बालिका से जेल में शिनाख्ती भी नहीं कराई. आरोपी का पुलिस रिमांड भी नही मांगा."

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