छिंदवाड़ा: गरीबों की थाली में नमक के साथ कंकड़ भी परोसा जा रहा है. मामला छिंदवाड़ा जिले का है जहां पर सरकारी राशन की दुकान में मिलने वाले नमक में रेत और कंकड़ निकल रहे हैं. यह बात खुद खाद्य अधिकारी ने अपनी जांच में पाया है. इसे जांच के लिए लैब में भेजा गया है.
'नमक में रेत मिलने की शिकायत'
छिंदवाड़ा के वार्ड नंबर 40 में रहने वाले सुखलाल बघेल ने खाद्य विभाग में नमक में मिलावट की शिकायत की थी. सुखलाल बघेल सरकारी राशन दुकान से नमक लाए थे. एक रुपये किलो में यह नमक मिलता है. अंत्योदय योजना के तहत सरकार गरीबों को मुफ्त में बांटती है. अनाज के साथ मिलने वाले इस नमक को जब सुखलाल बघेल ने अपने घर लेकर गए और खाने में डाला तो उसमें रेत निकली. इसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत की.
अधिकारियों ने कहा जांच में निकले पत्थर
कनिष्ठ खाद्य आपूर्ति अधिकारी राघवेंद्र सिंह ने बताया कि "शिकायतकर्ता के द्वारा ऑफिस में नमक बुलाकर जांच की गई थी, जिसमें प्रारंभिक तौर पर नमक में कुछ कंकड़ और रेत के कण पाए गए हैं. इस जांच को वरिष्ठ अधिकारियों को सौंप दिया गया है और लैब में जांच के लिए भेजा गया है. इसका पंचनामा बनाकर नागरिक आपूर्ति निगम के डीएम को भेज दिया गया है. उन्होंने लैब से जांच कराने की बात कही है."
- धनिया के मसाले में भूंसा, मिर्चियों में डंठल और गंदगी, मसालों में ऐसी मिलावट कि पुलिस के भी उड़े होश
- मुरैना में मंदिर के प्रसाद में मिलावट! प्रशासन ने छापामार कार्रवाई कर लिए सैंपल, मचा हड़कंप
2006 से राशन दुकानों में बांटा जा रहा वन्या नमक
गरीबों के खाने में भी पर्याप्त आयोडीन की मात्रा हो, इसके लिए मध्य प्रदेश सरकार साल 2006 से वन्या नमक की सप्लाई कर रही है. राशन दुकानों से 1 रुपये में 1 किलो का 1 पैकेट प्रत्येक परिवार को मिलता है. अंत्योदय योजना के तहत गरीबों को यह मुफ्त में दिया जाता है. यूनिसेफ के माध्यम से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार साल 1998-99 में आयोडीन युक्त नमक मध्यप्रदेश में केवल 57 प्रतिशत आबादी पर तथा 2005-06 में घटकर 32 प्रतिशत आबादी द्वारा ही उपयोग किया जा रहा था. आयोडीन की इस आवश्यकता को ध्यान रखते हुए सरकार ने विशेष कर आदिवासी क्षेत्रों में प्रत्येक परिवार को आयोडीन युक्त नमक उपलब्ध कराने का निर्णय लिया था.