जबलपुर: संपत्ति से जुड़ी समस्या के तुरंत समाधान के लिए राज्य सरकार इन दिनों राजस्व महा अभियान चला रही है. इसके तहत नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन और किसानों की ई केवाईसी के प्रकरणों को तुरंत निपटाया जा रहा है. यह अभियान 26 जनवरी तक के लिए बढ़ा दिया गया है. जबलपुर कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना का कहना है कि राजस्व महा अभियान की सफलता को देखते हुए राज्य सरकार इसकी तारीख एक महीने से भी ज्यादा बढ़ा दी है. यह अभियान 15 नवंबर से शुरू हुआ था और इसे 15 दिसंबर तक चलना था.
नक्शे का चिन्हांकन
जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना का कहना है कि "इस राजस्व महा अभियान में एक बड़ी जिम्मेदारी संपत्ति के नक्शों का चिन्हांकन करना था लेकिन यह काम भी पूरी तरह से नहीं हो पाया है, क्योंकि नक्शे काटना और उनका चिन्हांकन करना जल्दबाजी में नहीं किया जा सकता. यह काम काफी समय लेता है इसलिए इसे धीरे-धीरे पूरा किया जाएगा. इस दौरान उन्होंने नामांतरण, बंटवारा और गांव के एरियल सर्वे, सार्वजनिक रोड जैसे कामों को 100% तक खत्म कर लिया है. कई मामलों में अब कोई पेंडेंसी नहीं है."
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किसान सम्मान निधि के लिए ई केवाईसी
मध्य प्रदेश में 87 लाख किसानों को किसान सम्मान निधि मिल रही है लेकिन अभी भी 4 लाख किसानों को सम्मान निधि नहीं मिल पा रही है. इसके तहत सरकार हर किसान को ₹12000 प्रति वर्ष देती है. 4 लाख किसानों के आधार कार्ड उनकी जमीन से लिंक नहीं हैं. इसलिए उन्हें सम्मान निधि नहीं मिल पा रही है. जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना का कहना है कि "इस मामले में जबलपुर भी पूरा लक्ष्य प्राप्त नहीं कर पाया है और यह समस्या पूरे मध्य प्रदेश में है. इन किसानों को यह लाभ देने के लिए नए सिरे से कोशिश की जाएगी."