सागर: पूर्व गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने जिले के प्रभारी मंत्री और उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल के सामने सीडीआर के आधार पर पुलिस द्वारा लोगों को धमकाने और वसूली का मामला उठाया है. उन्होंने जिला योजना समिति की बैठक में कहा कि स्थानीय पुलिस अधिकारी एसपी और आईजी की अनुमति के बगैर कुछ लोगों के फोन नंबर, मोबाइल का सीडीआर निकाल रहे हैं. इनका दुरुपयोग किया जा रहा है, लोगों को धमकाया जा रहा है और वसूली की जा रही है. इस मामले में उप मुख्यमंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने जांच के आदेश दे दिए हैं.
'5-6 महीने से सीडीआर का लगातार दुरुपयोग'
पूर्व गृहमंत्री और भाजपा विधायक भूपेंद्र सिंह ने जिला योजना समिति की बैठक में प्रभारी मंत्री और उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला से पुलिस की शिकायत की है. उनका आरोप है कि "स्थानीय स्तर पर सीडीआर के जरिए कुछ लोगों को धमकाने और वसूली का काम हो रहा है. सीडीआर एसपी और आईजी की अनुमति से निकाली जाती है. लेकिन यहां एसपी आईजी की अनुमति के बिना सीडीआर निकाली जा रही है. पिछले 5-6 महीने से लगातार दुरुपयोग हो रहा है. बैठक में एसपी भी मौजूद थे और मंत्री भी मौजूद थे. मैं एसपी को पहले ही अवगत करा चुका था."
प्रभारी मंत्री ने दिए जांच के आदेश
शिकायत के बाद प्रभारी मंत्री राजेन्द्र शुक्ला ने जांच के आदेश दे दिए हैं. भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि "डीजीपी और मुख्यमंत्री को जांच के लिए चिट्ठी लिखी है कि इसकी जांच की जाए कि किसके कहने पर सीडीआर निकाला गया, किस वजह से निकाला गया और नियम अनुसार अनुमति ली गई कि नहीं ली गई."
पॉलिटिकल एंगल से इंकार
पूर्व गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह ने इसमें किसी तरह की राजनीति से इनकार किया है. उन्होंने कांग्रेस के आरोपों पर कहा है कि "राजनीति का विषय नहीं है. कांग्रेस हर विषय को राजनीति से जोड़ती है. यह ना सरकार का विषय है. इसमें पुलिस के निचले स्तर के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा पद के दुरुपयोग का विषय है. जिन पर कार्रवाई होना चाहिए. यह पॉलिटिकल, लॉ एंड ऑर्डर या इंटेलिजेंस फैलियर से संबंधित नहीं है. ये निचले स्तर पर बिना एसपी और आईजी के अनुमति के हुआ है. इसकी जांच की मांग मैंने की है."