पन्ना। वन विभाग की हरी झंडी के बाद पेंच टाइगर रिजर्व के बाद प्रदेश की दूसरी बड़ी परियोजना पर सर्वे शुरू किया गया है. पन्ना से मंडला तक एलिवेटेड रोड लगभग 21 किलोमीटर लंबी बनने जा रही है. एलिवेटेड रोड बन जाने से दुर्घटनाएं कम होगी, क्योंकि अभी दुर्गम घुमावदार घाटी से वाहनों को गुजरना होता है.
बता दें की वन्यजीवों को प्रभावित किए बिना पर्यटक पन्ना टाइगर रिजर्व का जंगल पार कर सकेंगे. इसके लिए 21 किलोमीटर लंबे एलिवेटेड मार्ग को सुकृति मिल चुकी है. आदर्श आचार संहिता से ठीक पहले इस कार्य का प्रस्ताव बनाया गया. जिसे अब टाइगर रिजर्व से हरी झंडी मिल गई है. यह प्रदेश का ऐसा दूसरा एलिवेटेड मार्ग होगा. जो वन्य जीवन प्रभावित किए बिना वाहनों को जंगल पार कराएगा. इससे पहले पेंच टाइगर रिजर्व में ऐसा हाइवे बनाया जा चुका है, जो लगभग 29 किलोमीटर लंबा है.
एलिवेटेड रोड से मिलेगी पर्यटन को रफ्तार
पन्ना से मंडला तक 21 किलोमीटर का यह मार्ग नेशनल हाईवे-39 में पन्ना टाइगर रिजर्व का हिस्सा है. इस पर किरण घड़ियाल अभ्यारण्य, पांडव पाल खजुराहो, पन्ना टाइगर रिजर्व जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर के पर्यटन स्थल हैं. पन्ना के मंदिर चित्रकूट और मेहर को भी जोड़ता यह मार्ग पट्टी युक्त और अत्यधिक घुमावदार होने से आए दिन जाम एवं दुर्घटनाएं होते रहते हैं. इस रोड के बन जाने से पर्यटन को रफ्तार मिलेगी. साथ ही अर्बन प्राणियों को खुला वातावरण मिलेगा. अभी आए दिन जानवरों के निकलने के कारण वाहनों से दुर्घटनाओं के कई मामले सामने आते हैं. एलिवेटेड रोड बन जाने से दुर्घटनाएं बंद हो जाएगी.
2100 करोड़ रुपए के खर्च का अनुमान
नेशनल हाईवे 39 पर मंडला से पन्ना तक 21 किलोमीटर लंबे एलिवेटेड सड़क निर्माण के लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी एनएचएआई (NHI) ने सर्वे शुरू कर दिया है. मंत्रालय से इस कार्य के लिए 2100 करोड़ रुपए लागत की प्राक्कलन रिपोर्ट भेजी गई है. यह प्रदेश की दूसरी एलिवेटेड रोड होगी. इससे पहले पेंच टाइगर रिजर्व में लगभग 29 किलोमीटर की एलिवेटेड रोड बन चुकी है.
यहां पढ़ें... एलिवेटेड रोड से बदलेगी ग्वालियर की सूरत! 850 करोड़ की लागत से बन रही रोड से कम होगा यातायात दबाव लाडली बहना योजना पर अहम फैसला, भोपाल व ग्वालियर में बनेगा फ्लाईओवर |
इनका कहना है
पन्ना टाइगर रिजर्व की फील्ड डायरेक्टर अंजना सुचिता तिर्की ने बताया कि एनएचएआई ने एलिवेटेड रोड निर्माण के लिए अनुमति मांगी थी. करीब एक सप्ताह पहले अनुमति पत्र जारी कर दिया गया है. उसके बाद एनएचएआई की टीम सर्वे करने आई थी.