भोपाल। कांग्रेस ने लोकसभा के लिए मध्य प्रदेश की 10 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है. मध्य प्रदेश की 29 में से 10 सीटों में घोषित किए गए उम्मीदवारों में 2 को छोड़ बाकी पहली पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. खरगोन लोकसभा सीट से चुनाव में उतारे गए पोरलाल खरते ने स्टेट सेल्स टेक्स अधिकारी का पद छोड़ विधानसभा के पहले ही टिकट की आस में कांग्रेस का दामन थामा था. मैदान में उतारे गए उम्मीदवारों में दो कांग्रेस के मौजूदा विधायक हैं.
4 उम्मीदवारों ने नहीं लड़ा कोई चुनाव
कांग्रेस ने प्रदेश की पहली सूची में अधिकांश युवा उम्मीदवारों को चुनाव में उतारा है, इसमें से छिंदवाड़ा से चुनाव में उतारे गए नकुल नाथ और बैतूल से रामू टेकाम को छोड़ दें तो बाकी उम्मीदवार पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे. इसमें भी चार उम्मीदवारों ने तो पहले कभी चुनाव ही नहीं लड़ा. टीकमगढ़ की अनुसूचित जनजाति वाली लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरे पंकज अहिरवार के हिस्से अभी तक कोई जीत नहीं आई है. पंकज अहिरवार प्रदेश अनूसूचित जाति विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं. यह उनका पहला बड़ा चुनाव है. इसी तरह देवास लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरे राजेन्द्र मालवीय भी पहली बार ही चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने पहले विधानसभा का भी चुनाव नहीं लड़ा, इस बार पार्टी ने उन्हें लोकसभा में उतारा है.
राजेन्द्र मालवीय के पिता राधाकृष्ण मालवायी राजीव गांधी सरकार में केन्द्रीय मंत्री रह चुके हैं. उनकी पहचान बड़े नेता के रूप में रही है. धार लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारे गए राधेश्याम मवेल भी पहला चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने से नाराज होकर निर्दलीय फार्म भरा था, लेकिन बाद पार्टी के कहने पर टिकट वापस ले लिया था. वे मध्य प्रदेश आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष और युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं.
नौकरी छोड़ कांग्रेस में आए अब मिला लोकसभा का टिकट
खरगोन लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारे गए पोरलाल खरते ने सरकारी नौकरी छोड़ राजनीति का रास्ता चुनाव था. पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान वे सेंधवा से टिकट की दौड़ में शामिल थे. पूर्व स्टेट सेल्स टेक्स अधिकारी का सरकारी पद छोड़कर वे राजनीति के मैदान में कूदे थे. उन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव के पहले ही वीआरएस लेकर कांग्रेस का दामन थामा था.
दो मौजूदा विधायकों को भी मिला टिकट
पार्टी ने 10 उम्मीदवारों की सूची में दो मौजूदा विधायकों को भी मैदान में उतारा है. सिद्धार्थ कुशवाहा पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. सतना से कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा ने चार बार के सांसद गणेश सिंह को हराकर पिछला विधानसभा चुनाव जीता था. 2018 में भी वे तीन बार की बीजेपी विधायक शंकर लाल तिवारी को हराकर सतना ने विधायक बने थे. उनके पिता सुखलाल कुशवाहा सतना से लोकसभा का चुनाव लड़ते आए हैं. यही वजह है कि पार्टी ने उन्हें इस बार लोकसभा चुनाव में उतारा है. मंडला लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारे गए पूर्व मंत्री और डिंडौरी से कांग्रेस विधायक ओमकार सिंह मरकार 2008 से लगातार चार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं. अब वे पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ने जा रहे हैं. क्षेत्र में ओमकार सिंह मरकाम की अच्छी पकड़ है.
राज्यसभा में हारे अब लोकसभा का टिकट
पार्टी में दलित चेहरा माने जाने वाले फूल सिंह बरैया को भिंड से टिकट दिया है. बरैया 2019 के लोकसभा चुनाव के पहले कांग्रेस में शामिल हुए थे, इसके बाद पार्टी ने उन्हें राज्यसभा का प्रत्याशी घोषित किया था, लेकिन वे हार गए थे. 2023 के विधानसभा चुनाव में वे भांडेर से जीतकर आए थे, अब पार्टी ने उन्हें भिंड लोकसभा सीट से चुनाव में उतारा है. उधर, सीधी लोकसभा सीट से पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल को चुनाव में उतारा है. कमलेश्वर पटेल पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे. वे 2018 में सिंहावल से चुनाव जीतकर कमलनाथ सरकार में मंत्री बने थे, लेकिन 2023 में सिंहावल से विधानसभा का चुनाव हार गए थे.
फिर मैदान में उतरे यह नेता
कांग्रेस ने अपने सबसे मजबूत गढ़ छिंदवाड़ा सीट से कमलनाथ के सांसद पुत्र नकुल नाथ को फिर से चुनाव में उतारा है. उनके नाम का पहले ही अनौपचारिक ऐलान कर दिया गया था. उधर, बैतूल लोकसभा सीट से मैदान में उतरे रामू टेकाम ने 2019 के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन वे बीजेपी के दुर्गादास उइके से चुनाव हार गए थे. पिछले विधानसभा चुनाव में वे भैंसादेही विधानसभा से चुनाव की तैयारी कर रहे थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया था.