भोपाल. 25 सालों से मध्यप्रदेश में बीजेपी बेहद मजबूत स्थिति में है पर आगामी उप चुनाव से कांग्रेस उम्मीदें लगाकर बैठी है. सबसे पहले बात करें मध्यप्रदेश की विधानसभा सीटों की तो यहां फिलहाल 2 सीटों पर उप चुनाव की तैयारी है. पहली सीट जिसपर उपचुनाव होना है, वह है छिंदवाड़ा की अमरवाड़ा सीट. यहां के वर्तमान विधायक कमलेश शाह के बीजेपी में शामिल होने की वजह से यहां उपचुनाव होंगे. वहीं दूसरी सीट है बुधनी. दरअसल, पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान विदिशा से सांसद बनकर केंद्रीय मंत्री बन गए हैं. ऐसे में अब उनकी विधायकी वाली ये सीट भी खाली हो गई है.
बीजेपी के लिए कांग्रेस का नया गेम प्लान
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में बुरी तरह हारने वाली कांग्रेस अब नए गेम प्लान के साथ मैदान में उतरी है. फिलहाल कांग्रेस की प्रदेश की राजनीति में कमलनाथ का दखल फिर बढ़ गया है. कमलनाथ छिंदवाड़ा की अमरवाड़ा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए काफी एक्टिव हैं. वहीं इस बार उन्होंने उपचुनाव में ऐसा प्रत्याशी उतार दिया है, जो बीजेपी प्रत्याशी के दांत खट्टे कर सकता है.
उप चुनाव में भारी पड़ सकती है कांग्रेस
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो अमरवाड़ा उपचुनाव में कांग्रेस बीजेपी पर भारी पड़ सकती है. इस चुनाव में प्रत्याशी चयन से लेकर कई ऐसे फैक्टर्स हैं जो कांग्रेस को फायदा पहुंचा सकते हैं. जिस अमरवाड़ा सीट से कांग्रेस के कमलेश शाह तीन बार चुनाव जीतकर विधायक बने, उसी सीट पर अब वे बीजेपी के टिकट से लड़ेंगे. दरअसल, लोकसभा चुनाव के दौरान कमलेश बीजेपी में शामिल हो गए थे. हालांकि, उन्हें दलबदल करने पर क्षेत्रीय जनता की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है.
कमलेश के सामने बाबा धीरन शाह की चुनौती
अमरवाड़ा विधानसभा सीट पर आदिवासियों का खासा प्रभाव है. कमलनाथ ने इस बात को ध्यान में रखते हुए प्रत्याशी चयन में मास्टर स्ट्रोक खेल दिया है. उन्होंने आदिवासी आस्था के केंद्र आंचलकुंड धाम के छोटे महाराज धीरनशाह को टिकट दिलाया है. धीरनशाह इनावती आंचलकुंड के प्रमुख गणेश महाराज के छोटे भाई भी हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि कमलेश शाह के प्रति नाराजगी और धीरनशाह के मैदान में उतरने का असर आदिवासी वोटर्स पर साफ पड़ेगा और ये कांग्रेस के पक्ष में हो सकता है.
कमलनाथ लगा रहे ऐड़ी-चोटी का जोर
लोकसभा चुनाव में अपना गढ़ भी हार चुके कमलनाथ उपचुनाव के जरिए फिर खुद को साबित करना चाहते हैं. उनके ही कहने पर अमरवाड़ा सीट से बाब धीरनशाह को पार्टी ने उप चुनाव का टिकट दिया है. कमलनाथ ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मिली अनुमति का पत्र भी सोशल मीडिया पर शेयर किया है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह उपचुनाव कमलनाथ के सामने खुद को साबित करने का एक आखिरी मौका है. अगर अमरवाड़ा उपचुनाव में कांग्रेस जीतती है तो यह कमलनाथ के लिए राजनीतिक संजीवनी की तरह होगा.
कब है अमरवाड़ा में उपचुनाव?
मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले की अमरवाड़ा विधानसभा सीट पर 10 जुलाई को वोटिंग होनी है, जबकि 13 जुलाई को यहां परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे. इसके बाद एमपी खाली हुई बाकी विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए निर्वाचन आयोग घोषणा कर सकता है.
राज्यसभा सीट पर भी चुनाव
अमरवाड़ा के अलावा बुधनी में भी जल्द निर्वाचन आयोग उपचुनावों की घोषणा कर सकता है. विधानसभा सीटों के अलावा प्रदेश में एक राज्य सभा सीट भी खाली हो रही है. दरअसल, ज्योतिरादित्य सिंधिया के गुना से लोकसभा सांसद बनने के बाद उनकी राज्यसभा सीट खाली हो रही है, जिससे राज्यसभा सीट पर भी चुनाव होगा. लेकिन प्रदेश में बीजेपी विधायकों की बड़ी संख्या की वजह से राज्यसभा सीट के लिए वोटिंग होने की संभावना नहीं है.
विजयपुर और बीना में उपचुनाव की संभावना
मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत और सागर जिले की बीना विधानसभा सीट से कांग्रेस की निर्मला सप्रे के बीजेपी में शामिल होने के बाद दोनों विधायकी से इस्तीफा दे सकते हैं. ऐसे में श्योपुर और बीना में भी उपचुनाव की स्थिति बन रही. मध्यप्रदेश में बेहद बुरे दौर से गुजर रही कांग्रेस अपने नए गेम प्लान के जरिए उपचुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटों जीतने की कोशिश करेगी, जिसमें कमलनाथ काफी सक्रिय नजर आ रहे हैं.