बाड़मेर. कहते हैं कि जीवन में मां से बढ़कर कोई नहीं है. जन्म के समय ही जिन बच्चों की माता की मौत हो जाती है तो उनका जीवन किसी चुनौती से कम नहीं होता, लेकिन उन बच्चों को पालने के लिए भी कोई न कोई मां आसरा बन ही जाती है. बाड़मेर में भी गौ माता का वात्सल्य है, जहां बिना मां के 6 बछड़ों को दूसरी गौ माताएं अपना दूध पिला रही हैं. गौ माताएं अपने बछड़ों और इन बिना मां के बछड़ों को एक साथ दूध पिलाती हैं.
अपने बछड़ों के साथ पिलाती है दूध : मदर्स डे के मौके पर हम आपको आज मां की ममता से जुड़ी एक कहानी बताने जा रहे हैं. बाड़मेर के उत्तरलाई रोड स्थित लालाणियों की ढाणी मार्ग पर बने पथमेड़ा गौशाला में 6 ऐसे बछड़े हैं, जिनकी माता नहीं है. गौशाला में काम करने वाले सोहन सिंह बताते हैं कि सुबह और शाम को इन बछड़ों को दूसरी गाय स्वयं के बछड़ों के साथ माता की तरह दूलार कर दूध पिलाती हैं.
उन्होंने बताया कि सबसे खास बात यह है कि यह गायें तब तक अपने बछड़े को दूध नहीं पिलाती है, जब तक यह बिन मां वाले बछड़े नहीं आ जाते हैं. इसके बाद दोनों बछड़ों को एक साथ दूध पिलाती है. इनमें से एक गाय के लंपी के दौरान पैर खराब हो गए हैं, इसके बावजूद भी यह गाय अन्य बछों को बड़े वात्सल्य के साथ दूध पिलाती है.