मुजफ्फरपुरः मां से बड़ा शब्द दुनिया में कोई नहीं है. एक मां का अपने बच्चों के प्रति जो निःस्वार्थ प्रेम होता है उसकी तुलना किसी और चीज से नहीं की जा सकती है. 12 मई को मडर्स डे मनाया जा रहा है. इस अवसर पर एक ऐसे ही मां की बात करने वाले हैं पति की मौत के बाद भी न सिर्फ अपना घर संभाला बल्कि बेटा को पढ़ा लिखाकर आईपीएस बनाया.
2022 UPSC पास किएः हम बात कर रहे हैं बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के मीनापुर प्रखंड के मुकसूदपुर की रहने वाली रीना देवी की. रीना देवी के पुत्र विशाल कुमार ने वर्ष 2022 के यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में 484वां रैंक लाकर अपनी मां-पिता के साथ साथ जिले का मान बढ़ाया था. विशाल की कामयाबी देखकर सभी लोग यही कहते हैं कि इसकी मां ने इसे पढ़ा लिखाकर अधिकारी बना दिया.
2009 में पिता का निधनः बात वर्ष 2009 की है. उस वक्ता विशाल कुमार मुजफ्फरपुर के गांव छपरा स्थित रामकिशोर उच्च विद्यालय में आठवीं के छात्र थे. तभी उनके पति बिकाऊ प्रसाद का निधन हो गया था. मां रीना देवी पर तीन बच्चों की जिम्मेदारी थी. उनकी जीवन की राह मुश्किल थी मगर बच्चों की पढ़ाई के प्रति लगन देख उन्हें आगे बढ़ाने की ठान ली.
मां बनी सहाराः उनकी मदद से परिवार की गाड़ी आगे बढ़ी. रीना देवी बताती हैं कि गांव शाहपुर के शिक्षक गौरी शंकर का विशेष स्नेह परिवार से रहा. पढ़ाई के दौरान उसकी आर्थिक परेशानियों से लेकर उसे मार्गदर्शन करने में उनकी भूमिका रही है. विशाल की मां रीना देवी ने बताया कि गांव के ही सरकारी स्कूल से विशाल की प्रारम्भिक शिक्षा हुई. इसके बाद आरके हाईस्कूल छपरा से मैट्रिक में जिला टॉपर थे.
सुपर 30 से IIT पहुंचे विशालः मां ने बताया कि मैट्रिक के बाद लंगट सिंह कॉलेज से इंटर किया. यहां से अभ्यानंद सर के सुपर 30 में उसका चयन हुआ. IIT कानपुर से बीटेक करने के बाद रिलाइंस में जॉब करने लगा था लेकिन वह अपनी नौकरी से संतुष्ट नहीं था. अक्सर कहता था कि इस जॉब से उसे खुशी नहीं मिलती है. इससे भी कुछ बेहतर और देश के लिए कुछ करना चाहता है.
"विशाल शुरू से पढ़ने में काफी तेज था. रात भर जगकर पढ़ाई करता था. हमलोग उन्हें जबरन सोने के लिए कहते थे फिर भी बिछावन पर सोने नहीं जाते था. दीवार में सिर लगाकर सो जाता था. दो तीन घन्टे में उठकर फिर पढ़ने लगते था. आज उनकी मेहनत का नतीजा है कि हम सब का सिर गर्व से ऊंचा हो गया है." -रीना देवी, IPS विशाल कुमार की मां
देवघर से लौटने के दौरान पिता की मौतः विशाल की बहन खुशबू बताती हैं कि पिताजी का निधन देवघर से लौटने के क्रम में हुई थी. वे चलते चलते गिर गए थे जिससे उनके सिर में काफी चोट लगी थी. ब्रेन हेमरेज होने के कारण उनका निधन हो गया था. विशाल के छोटे भाई राहुल बताते हैं कि उनके बड़े भाई विशाल ने काफी संघर्ष करके इस मुकाम को हासिल किया है.
"2009 में जब पिताजी का निधन हुआ उस समय से उन्होंने काफी मेहनत की. 2011 में पूरे जिले में टॉप किया. पटना गए फिर आईआईटी कानपुर से बीटेक करने के बाद साल भर नौकरी की. फिर यूपीएससी क्रैक किया. अभी वे आईपीएस हैं. हैदराबाद में ट्रेनिंग कर रहे हैं." -खुशबू, IPS विशाल कुमार की बहन
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