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जिसकी मिठास, आज भी है याद, जो बच्चे-बूढ़े सबको थी पसंद, आखिर कहां गई मॉर्टन? - MORTON CHOCOLATE

MADHAURA MORTON FACTORY: जिस सारण में इस बार राजीव प्रताप रूडी और लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य के बीच मुकाबला हो रहा है, वह कभी उद्योग-धंधों का हब हुआ करता था और बिहार के मैनचेस्टर के रूप में मशहूर था. आज वहां के युवा बरोजगारी के कारण पलायन को मजबूर हैं. मढ़ौरा स्थित मॉर्टन चॉकलेट फैक्ट्री भी बंद हो गई है, जिस वजह से स्थानीय लोग दुखी हैं.

MADHAURA MORTON FACTORY
छपरा की मढ़ौरा फैक्ट्री (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : May 16, 2024, 8:05 AM IST

Updated : May 16, 2024, 10:18 AM IST

मढ़ौरा मॉर्टन फैक्ट्री बंद होने से लोग दुखी (ETV Bharat)

छपरा: लोकसभा चुनाव 2024 में इस बार बिहार में बेरोजगारी का मुद्दा छाया हुआ है. एनडीए जहां आरजेडी के शासनकाल में बंद हुए उद्योग-धंधे पर सवाल उठा रहा है, वहीं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव रोजगार और सरकारी नौकरी का मुद्दा उठा रहे हैं. हालांकि इन सब के बावजूद कोई सारण के मढ़ौरा स्थित मॉर्टन चॉकलेट फैक्ट्री की बात नहीं कर रहा है. एक समय था, जब ये मॉर्टन चॉकलेट न सिर्फ बिहार में बल्कि पूरे देश में मशहूर थी लेकिन सरकारी की उदासीनता के चलते वह गायब हो गई.

मॉर्टन का स्वाद, आज भी है यादः सारण जिले का मढ़ौरा अनुमंडल औद्योगिक अनुमंडल के रूप में मशहूर था . यहां कानपुर शुगर वर्क्स लि. शराब फैक्टरी, सारण इंजीनियरिंग के साथ-साथ विश्व प्रसिद्ध मार्टन चॉकलेट की फैक्टरी भी स्थापित थी. मढ़ौरी की चीनी और यहां की विश्व प्रसिद्ध मार्टन चॉकलेट के नाम पर आज भी लोगों के मुंह से लार टपक पड़ती है. मार्टन चॉकलेट के बाद कई आकर्षक चॉकलेट बाजार में आए लेकिन मॉर्टन के स्वाद और मिठास की बराबरी आज तक कोई चॉकलेट नहीं कर पाई.

MADHAURA MORTON FACTORY
ETV Bharat GFX (ETV Bharat)

25 पैसे और 50 पैसे में मिलती थी चॉकलेटः मढ़ौरा की मॉर्टन फैक्टरी में चार-पांच तरह की चॉकलेट बनाई जाती थी, जिसकी कीमत 25 पैसे से लेकर 50 पैसे तक होती थी.एक चॉकलेट काफी सॉफ्ट होती थी और दूसरी चॉकलेट हार्ड होती थी. यहां की बनी कुकीज चॉकलेट के लोग आज भी दीवाने हैं.पुराने लोगों ने बताया कि इस मार्टन फैक्ट्री की बनी चॉकलेट की पहचान अंतरराष्ट्रीय लेवल तक थी.यहां तक कि भारतीय सेना और एयर इंडिया में भी इसकी सप्लाई हुआ करती थी.

1929 में बिड़ला समूह ने की स्थापनाः स्थानीय लोगों के मुताबिक मढ़ौरा में मॉर्टन चॉकलेट फैक्टरी की स्थापना 1929 में बिड़ला समूह ने की थी.अपने अनोखे स्वाद और मिठास के कारण मॉर्टन चॉकलेट ने कुछ ही दिनों में पूरे भारतीय बाजार में अपनी धाक जमा ली. जलवा ऐसा कि मॉर्टन चॉकलेट अंग्रेज भी काफी चाव से खाते थे.

MADHAURA MORTON FACTORY
ETV Bharat GFX (ETV Bharat)

यूनियन बाजी और ब्रांडिंग की कमी से बेड़ा गर्कः अब ये सवाल उठता है कि दशकों तक पूरे बाजार में एकछत्र राज करनेवाली मॉर्टन को किसकी नजर लगी कि फैक्टरी को बंद करना पड़ा. दरअसल बीतते वक्त के साथ फैक्टरी में यूनियन बाजी बढ़ती गयी. इसके अलावा धीरे-धीरे बाजार में कई चॉकलेट आईं और ऐसे समय में ब्रांडिंग की कमी मॉर्टन पर भारी पड़ गयी.

1998 में बंद हो गयी फैक्टरीः बाजार में बढ़ती प्रतियोगिता और यूनियन के बढ़ते दखल के कारण आखिर 69 सालों बाद मढ़ौरा की मॉर्टन फैक्टरी ने आखिरी सांस ली और 1998 में फैक्टरी में ताला लग गया. धीरे-धीरे फैक्टरी के अधीन जमीन थीं वो भी बिक गयीं. फैक्टरी के प्रशासनिक भवन को भी एक कारोबारी ने खरीद लिया और और अब वो एक गोदाम बन चुका है. इस प्रकार स्वाद के लिए मशहूर मॉर्टन चॉकलेट की फैक्ट्री का अंत हो गया लेकिन जिसने भी कभी मॉर्टन का स्वाद लिया है वो स्वाद उनकी यादों में बरकरार है.

" जब भी चॉकलेट का नाम आता है, मॉर्टन का नाम सबसे ऊपर आता है. मॉर्टन का नाम आते ही आज भी लोगों के मुंह में पानी आता था. इसकी मिठास इतनी खास थी कि भारतीय सेना की कैंटीन में भी सप्लाई होती थी. साथ ही आस-पास के दूसरे देशों में भी इसकी सप्लाई होती थी."- स्थानीय लोग

20 मई को सारण में मतदान: पांचवें चरण के तहत 20 मई को सारण लोकसभा सीट पर वोट डाले जाएंगे. इस सीट पर बीजेपी की तरफ से वर्तमान सांसद राजीव प्रताप रूडी और आरजेडी कैंडिडेट रोहिणी आचार्य के बीच मुकाबला हो रहा है. रूडी 2014 से सांसद हैं, उससे पहले आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव इस सीट पर 2004 से 2014 तक सांसद रहे थे.

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मढ़ौरा मॉर्टन फैक्ट्री बंद होने से लोग दुखी (ETV Bharat)

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मॉर्टन का स्वाद, आज भी है यादः सारण जिले का मढ़ौरा अनुमंडल औद्योगिक अनुमंडल के रूप में मशहूर था . यहां कानपुर शुगर वर्क्स लि. शराब फैक्टरी, सारण इंजीनियरिंग के साथ-साथ विश्व प्रसिद्ध मार्टन चॉकलेट की फैक्टरी भी स्थापित थी. मढ़ौरी की चीनी और यहां की विश्व प्रसिद्ध मार्टन चॉकलेट के नाम पर आज भी लोगों के मुंह से लार टपक पड़ती है. मार्टन चॉकलेट के बाद कई आकर्षक चॉकलेट बाजार में आए लेकिन मॉर्टन के स्वाद और मिठास की बराबरी आज तक कोई चॉकलेट नहीं कर पाई.

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25 पैसे और 50 पैसे में मिलती थी चॉकलेटः मढ़ौरा की मॉर्टन फैक्टरी में चार-पांच तरह की चॉकलेट बनाई जाती थी, जिसकी कीमत 25 पैसे से लेकर 50 पैसे तक होती थी.एक चॉकलेट काफी सॉफ्ट होती थी और दूसरी चॉकलेट हार्ड होती थी. यहां की बनी कुकीज चॉकलेट के लोग आज भी दीवाने हैं.पुराने लोगों ने बताया कि इस मार्टन फैक्ट्री की बनी चॉकलेट की पहचान अंतरराष्ट्रीय लेवल तक थी.यहां तक कि भारतीय सेना और एयर इंडिया में भी इसकी सप्लाई हुआ करती थी.

1929 में बिड़ला समूह ने की स्थापनाः स्थानीय लोगों के मुताबिक मढ़ौरा में मॉर्टन चॉकलेट फैक्टरी की स्थापना 1929 में बिड़ला समूह ने की थी.अपने अनोखे स्वाद और मिठास के कारण मॉर्टन चॉकलेट ने कुछ ही दिनों में पूरे भारतीय बाजार में अपनी धाक जमा ली. जलवा ऐसा कि मॉर्टन चॉकलेट अंग्रेज भी काफी चाव से खाते थे.

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यूनियन बाजी और ब्रांडिंग की कमी से बेड़ा गर्कः अब ये सवाल उठता है कि दशकों तक पूरे बाजार में एकछत्र राज करनेवाली मॉर्टन को किसकी नजर लगी कि फैक्टरी को बंद करना पड़ा. दरअसल बीतते वक्त के साथ फैक्टरी में यूनियन बाजी बढ़ती गयी. इसके अलावा धीरे-धीरे बाजार में कई चॉकलेट आईं और ऐसे समय में ब्रांडिंग की कमी मॉर्टन पर भारी पड़ गयी.

1998 में बंद हो गयी फैक्टरीः बाजार में बढ़ती प्रतियोगिता और यूनियन के बढ़ते दखल के कारण आखिर 69 सालों बाद मढ़ौरा की मॉर्टन फैक्टरी ने आखिरी सांस ली और 1998 में फैक्टरी में ताला लग गया. धीरे-धीरे फैक्टरी के अधीन जमीन थीं वो भी बिक गयीं. फैक्टरी के प्रशासनिक भवन को भी एक कारोबारी ने खरीद लिया और और अब वो एक गोदाम बन चुका है. इस प्रकार स्वाद के लिए मशहूर मॉर्टन चॉकलेट की फैक्ट्री का अंत हो गया लेकिन जिसने भी कभी मॉर्टन का स्वाद लिया है वो स्वाद उनकी यादों में बरकरार है.

" जब भी चॉकलेट का नाम आता है, मॉर्टन का नाम सबसे ऊपर आता है. मॉर्टन का नाम आते ही आज भी लोगों के मुंह में पानी आता था. इसकी मिठास इतनी खास थी कि भारतीय सेना की कैंटीन में भी सप्लाई होती थी. साथ ही आस-पास के दूसरे देशों में भी इसकी सप्लाई होती थी."- स्थानीय लोग

20 मई को सारण में मतदान: पांचवें चरण के तहत 20 मई को सारण लोकसभा सीट पर वोट डाले जाएंगे. इस सीट पर बीजेपी की तरफ से वर्तमान सांसद राजीव प्रताप रूडी और आरजेडी कैंडिडेट रोहिणी आचार्य के बीच मुकाबला हो रहा है. रूडी 2014 से सांसद हैं, उससे पहले आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव इस सीट पर 2004 से 2014 तक सांसद रहे थे.

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Last Updated : May 16, 2024, 10:18 AM IST
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