मुरैना। मुरैना जिले में बीते रोज सोन नदी में डूबने से दो छात्रों की मौत के मामले की जांच करने शिक्षा विभाग की टीम लैडी का पुरा गांव पहुंची. टीम ने शासकीय प्राथमिक विद्यालय का भर्ती रजिस्टर देखा तो उसमे मृत छात्रों का दाखिला नहीं होना पाया गया. जांच अधिकारियों ने जनशिक्षक के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव कलेक्टर को भेजा है. जांच टीम की अनुशंसा पर कलेक्टर ने जनशिक्षक को सस्पेंड करने के निर्देश दिए.
शिक्षा विभाग की टीम जांच करने पहुंची
गौरतलब है कि जिले की पहाड़गढ़ जनपद के अंतर्गत आने वाले लैडी का पुरा गांव निवासी दो बच्चों की सोन नदी में डूबने से मौत हो गई. मृतक बच्चे शासकीय प्राथमिक विद्यालय लैडी का पुरा के छात्र बताए गए हैं. छात्रों की मौत के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया. कलेक्टर अंकित अष्ठाना ने मामले को गंभीरता से लेते हुए डीईओ को टीम गठित कर जांच के निर्देश दिए. कलेक्टर के निर्देश पर डीईओ ने एक टीम तैयार कर जांच के लिए लैडी का पुरा गांव भेजी. जांच अधिकारियों ने शासकीय प्राथमिक विद्यालय लैडी का पुरा पहुंचकर इस मामले की छानबीन की तो पता चला कि मृतक छात्रों में से एक की उम्र 5 वर्ष 4 माह और दूसरे छात्र की उम्र 7 वर्ष 2 माह है.
बच्चों का स्कूल में एडिमशन ही नहीं किया
टीम ने भर्ती रजिस्टर उठाकर देखा तो पता चला कि स्कूल में उनका एडमिशन ही नहीं है. जांच अधिकारियों के अनुसार उम्र के हिसाब से स्कूल में उनका एडमिशन होना चाहिए. इसकी जिम्मेदारी भी शिक्षकों की होती है. हर साल सत्र शुरू होने से पाहले पढ़ने योग्य बच्चों की मैपिंग के लिए एक जनशिक्षक की ड्यूटी लगाई जाती है. भर्ती रजिस्टर में छात्रों के नाम नहीं होने से प्रथमदृष्टया जनशिक्षक की लापरवाही दिखाई देती है.
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मुरैना कलेक्टर को भेजी रिपोर्ट, शिक्षक सस्पेंड
रिपोर्ट में जांच टीम ने लिखा कि ऐसा प्रतीत होता है कि जनशिक्षक मनोज शाक्य ने अपनी जिम्मेदारी का ठीक तरह से निर्वहन न करते हुए मैपिंग का काम नहीं किया. ये रिपोर्ट कलेक्टर को भेजी गई. कलेक्टर ने जन शिक्षक मो सस्पेंड करने के निर्देश दिए. डीईओ एके पाठक का कहना है कि जन शिक्षक को कलेक्टर ने सस्पेंड करने के निर्देश दिए हैं.