मुरैना: मुरैना में खस्ताहाल सड़क से लोग परेशान हैं और यहां से गुजरने वाले राहगीरों को हमेशा दुर्घटना की आशंका घेरे रहती है. नेशनल हाईवे 552 जो श्योपुर, सबलगढ़, कैलारस, और जौरा को मुरैना से जोड़ने वाला मुख्य मार्ग है. यह सड़क मुरैना बैरियल चौराहे से लेकर करीब 4 किलोमीटर मुरैना गांव तक पूरी तरह खराब हो चुकी है और सड़क पर 1-1 फीट के गड्ढे हो गए हैं.
बारिश के बाद तालाब में तब्दील हुई सड़क
बारिश के मौसम में सड़क पर जलजमाव हो जाता है और हल्की-फुल्की बारिश के बाद भी सड़क तालाब में तब्दील हो जाती है. इससे वाहन चालकों को सड़क पर हुए गड्ढों का पता नहीं चलता है और आए दिन घटनाएं होती रहती हैं. बताया जा रहा है कि कई बार ई-रिक्शा और किसानों की अनाज भरी ट्राली भी इन गड्ढों के कारण पलट जाती है, जिससे किसानों के साल भर की मेहनत क्षणभर में बर्बाद हो जाती है.
जाम और ओवरलोड की भी है समस्या
जौरा रोड पर हर रोज वाहन फंसने से कई घंटे तक जाम लग जाता है. जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. मुरैना से जौरा, कैलारस और सबलगढ़ तक जाने वाली कई यात्री बस ओवरलोड सवारी लेकर जाते देखी गई है. जिसमें बसों के ऊपर भी यात्री बैठे रहते हैं. ऐसे में जर्जर और टूटी-फूटी रोड पर बड़े हादसे की आशंका हमेशा बनी रहती है. स्थानीय लोगों ने बताया कि 'बच्चों को पढ़ने भेजने में भी डर बना रहता है और यही प्रार्थना करते हैं कि बच्चे सुरक्षित वापस घर पहुंच जाएं.'
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'भारी वर्षा के कारण कई जगह गड्ढे हो गए'
इस मामले को लेकर कलेक्टर अंकित अस्थाना ने कहा कि "यह सड़क पीडब्ल्यूडी एनएच की बनाई हुई सड़क है. लेकिन इसके दोनों साइड में जो नाले बने हुए हैं, वह रोड लेवल से ऊपर होने के कारण बारिश के सीजन में वहां पानी निकासी की समस्या बन जाती है. इस बार भी मानसून से पहले हम लोगों ने सफाई कराई थी. कुछ जगहों पर पक्के निर्माण हो गए थे, लेकिन उन्हें भी तुड़वा के हमने सफाई कराई थी. लेकिन भारी वर्षा के कारण कई जगह गड्ढे हो गए हैं." वहीं, बताया जा रहा है कि जौरा रोड बनवाने का टेंडर हो गया है, बरसात के बाद रोड को बनाया जाएगा.