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मुरैना में 5 साल पहले बनी टंकी, घरों में कनेक्शन, अभी तक एक बूंद नहीं मिली - MORENA NAL JAL YOJNA

मुरैना के जाटोली ग्राम में नलजल योजना के तहत पानी की टंकी तो बन गई, इसे भरा भी जाता है लेकिन पानी सप्लाई नहीं.

Morena nal jal yojna
मुरैना के जाटोली ग्राम में नलजल योजना की ग्राउंड रिपोर्ट (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 1, 2025, 1:23 PM IST

मुरैना : मुरैना जिले में पीएचई विभाग द्वारा नल जल योजना के तहत मनमानी की जा रही है. सबलगढ़ तहसील की ग्राम पंचायत जाटोली में 5 साल पूर्व टंकी बनाई गई. पाइप लाइन डाली गई और घरों में नल कनेक्शन भी कराए गए लेकिन पानी की सप्लाई एक दिन भी नहीं हुई. इस योजना पर 1 करोड़ 27 लाख की राशि खर्च हो चुकी है, लेकिन पानी की सप्लाई शुरू नहीं हो सकी है. इस दलित बस्ती के लोग हैंडपंप से पानी भरने को मजबूर हैं.

गांव में 5 साल पहले बनी थी पानी की टंकी

जाटोली में वर्ष 2018 में नलजल योजना के तहत कार्य शुरू हुआ. वर्ष 2019 में 83 प्रतिशत कार्य पूरा करके 1 करोड़ 27 लाख 96 हजार का व्यय दिखाया गया. ग्रामीणों का कहना हैं कि 5 साल में एक दिन भी गांव में पानी की सप्लाई नहीं हुआ. क्योंकि टंकी फूटी होने से पानी एकत्र ही नहीं हो पाता. गांव में कुछ लोग हैंडपंप व कुछ निजी बोरों से पानी भर रहे हैं. निजी हैंडपंपों के अलावा ग्रामीण नदी का पानी भी पीने को मजबूर हैं.

मुरैना के गांवों में नल जल योजना की हकीकत (ETV BHARAT)

एडीएम बोले- नोटिस जारी करेंगे, खुद निगरानी करेंगे

ग्रामीणों का कहना है कि टंकी पूरी तरह से टूटी हुई है. इसके अलावा जो नलकूप खनन टंकी में पानी के लिए कराए गए थे, उन पर दबंगों का कब्जा है. बताया जाता है कि पीएचई विभाग और ठेकेदार ग्राम पंचायत को हैंडओवर करके यह देखना भूल गया कि टंकी व पानी की सप्लाई की क्या स्थिति है. वर्तमान सरपंच को भी दो साल से अधिक समय हो गया. उन्होंने भी कोई पहल नहीं की. गांव की करीब 7000 की आबादी 8 हैडपंप के सहारे हैं. वहीं, इस मामले में अपर कलेक्टर सीबी प्रसाद का कहना है "पीएचई अधिकारियों से बातचीत की गई है. संबंधित ठेकेदार और इंजीनियर को नोटिस जारी किया जाएगा. जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी."

मुरैना : मुरैना जिले में पीएचई विभाग द्वारा नल जल योजना के तहत मनमानी की जा रही है. सबलगढ़ तहसील की ग्राम पंचायत जाटोली में 5 साल पूर्व टंकी बनाई गई. पाइप लाइन डाली गई और घरों में नल कनेक्शन भी कराए गए लेकिन पानी की सप्लाई एक दिन भी नहीं हुई. इस योजना पर 1 करोड़ 27 लाख की राशि खर्च हो चुकी है, लेकिन पानी की सप्लाई शुरू नहीं हो सकी है. इस दलित बस्ती के लोग हैंडपंप से पानी भरने को मजबूर हैं.

गांव में 5 साल पहले बनी थी पानी की टंकी

जाटोली में वर्ष 2018 में नलजल योजना के तहत कार्य शुरू हुआ. वर्ष 2019 में 83 प्रतिशत कार्य पूरा करके 1 करोड़ 27 लाख 96 हजार का व्यय दिखाया गया. ग्रामीणों का कहना हैं कि 5 साल में एक दिन भी गांव में पानी की सप्लाई नहीं हुआ. क्योंकि टंकी फूटी होने से पानी एकत्र ही नहीं हो पाता. गांव में कुछ लोग हैंडपंप व कुछ निजी बोरों से पानी भर रहे हैं. निजी हैंडपंपों के अलावा ग्रामीण नदी का पानी भी पीने को मजबूर हैं.

मुरैना के गांवों में नल जल योजना की हकीकत (ETV BHARAT)

एडीएम बोले- नोटिस जारी करेंगे, खुद निगरानी करेंगे

ग्रामीणों का कहना है कि टंकी पूरी तरह से टूटी हुई है. इसके अलावा जो नलकूप खनन टंकी में पानी के लिए कराए गए थे, उन पर दबंगों का कब्जा है. बताया जाता है कि पीएचई विभाग और ठेकेदार ग्राम पंचायत को हैंडओवर करके यह देखना भूल गया कि टंकी व पानी की सप्लाई की क्या स्थिति है. वर्तमान सरपंच को भी दो साल से अधिक समय हो गया. उन्होंने भी कोई पहल नहीं की. गांव की करीब 7000 की आबादी 8 हैडपंप के सहारे हैं. वहीं, इस मामले में अपर कलेक्टर सीबी प्रसाद का कहना है "पीएचई अधिकारियों से बातचीत की गई है. संबंधित ठेकेदार और इंजीनियर को नोटिस जारी किया जाएगा. जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी."

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