मुरैना। शहर के रिहायशी इलाके में बने गोदाम में भीषण आग लग गई. अंदाजा लगा सकते हैं कि दमकल कर्मियों को आग बुझाने में 18 घंटे से ज्यादा का समय लगा और इसमें दो दर्जन से ज्यादा पानी के वाहनों का इस्तेमाल हुआ. आग लगने के बाद मोहल्ले में दहशत का आलम था, आसपड़ौस के लोगों की तो बोलती बंद हो गई थी. आग लगने और बुझने के बाद खानापूर्ति के लिए कलेक्टर ने जांच कमेटी गठित की है कि आखिर रिहायशी इलाके में गोदाम कैसे संचालित हो रही थी.
गोदाम में भरी थीं तिरपाल, पन्नी और रस्सियां
जिस गोदाम में आग लगी उसमें तिरपाल-पन्नी भरी हुईं थी. इसके अलावा प्लास्टिक की रस्सियों का भी भारी स्टॉक था. रात भर गोदाम धू-धूकर जलता रहा. सबलगढ़ तहसील में महावीर अग्रवाल का तिरपाल-पन्नी का यह गोदाम बताया जा रहा है. शुक्रवार की देर शाम अचानक गोदाम में आग लग गई. गोदाम में आग लगने से आसपास के इलाके में हड़कंप मच गया. सबलगढ़ के अलावा कैलारस, पहाड़गढ़, विजयपुर, मुरैना, बानमोर मालनपुर, विजयपुर और गेल इंडिया से करीब दो दर्जन से अधिक पानी की गाड़ियां मौके पर पहुंची. फायरकर्मियों ने करीब 18 घंटे की मेहनत के बाद शनिवार की सुबह 10 बजे आग पर काबू पाया.
कलेक्टर ने बनाई जांच कमेटी
रिहायशी इलाके में बनी गोदाम में आग बुझा दी गई और एक बड़ा हादसा टल गया. कलेक्टर और एसपी ने घटनास्थल का जायजा लिया और जांच के लिए कमेटी बना दी है. इधर यह भी बताया जा रहा है कि कुछ साल पहले इसी व्यापारी के यहां इसी गोदाम में आग लगने की घटना घटित हुई थी, तब भी लाखों रुपये का नुकसान हुआ था. प्रशासन ने जांच की थी लेकिन गोदाम बंद नहीं हुआ और फिर गोदाम में आग लग गई.
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नींद से फिर जागा प्रशासन
आग लगने की घटना के बाद प्रशासन एक बार फिर नींद से जागा है और जांच के आदेश दिए हैं. पिछली जांच का क्या हुआ किसी को कुछ पता नहीं. एसडीएम वीरेंद्र कटारे का कहना है कि "एक तिरपाल-पन्नी के गोदाम में आग लग गई थी. इस आगजनी में पूरा गोदाम जलकर राख हो गया. इसमें कितना नुकसान हुआ है, इसका अभी आंकलन नहीं हो पाया है. कलेक्टर ने जांच कमेटी बनाई है".