अलवर. जिले का मेवात इलाका लंबे समय से अपराध के चलते चर्चा में रहा है. यहां छोटी- मोटी चोरी से शुरू हुए अपराध गोतस्करी, दो पहिया वाहन चोरी, नकली सोने की ईंटों के सौदे नाम पर टटलूबाजी, ओएलएक्स पर ठगी और साइबर क्राइम की दहलीज तक पहुंच चुका है. इन अपराधों में देश भर के लोग ठगे जाने से अलवर जिला सदैव नकारात्मक सुर्खियों में रहा है. अलवर जिले को अपराध मुक्त बनाने के लिए पुलिस ने अपराधियों पर नकेल कसना शुरू कर दिया है. पुलिस ने मेवात क्षेत्र से एक लाख फर्जी मोबाइल सिम बंद करवाई है.
जिला पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा ने बताया कि अलवर पुलिस की ओर से पिछले एक साल में जिले में संचालित एक लाख से ज्यादा फर्जी सिम ब्लॉक करवाई गई है. पुलिस ने यह कार्रवाई साइबर क्राइम पर अंकुश लगाने के उदृेश्य से शुरू की है. पुलिस की ओर से ब्लॉक कराई गई फर्जी सिम में राजस्थान के अलावा अन्य राज्यों के नाम से भी जारी सिम भी शामिल है. इनमें पश्चिम बंगाल, बिहार, मणिपुर, मेघालय सहित अन्य राज्यों से फर्जी सिम लाकर साइबर ठगी की घटनाओं को अंजाम दिया जाता है.
पढें: 23 साइबर ठग पकड़े, 1000 से अधिक लोगों को बना चुके शिकार, 46 मोबाइल सहित अन्य सामान जब्त
हाइटेक तरीके से दे रहे क्राइम अंजाम: पुलिस अधीक्षक शर्मा ने बताया कि जिले में बदमाश इन दिनों हाइटेक तरीके से साइबर क्राइम की ठगी को अंजाम दे रहे हैं. इसका पीड़ित देश में कोई भी व्यक्ति हो सकता है. पुलिस ने डाटा फिल्टरिंग की कार्रवाई कर बाहरी राज्यों की आईडी पर जारी ऐसी सिम को डिटेक्ट किया है, जिनसे लंबे समय तक बातें की जा रही हैं. ऐसी सिम को पुलिस की ओर से ब्लॉक कराया गया है.
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पिछले एक साल में पुलिस ने एक लाख से ज्यादा फर्जी सिम को ब्लॉक कराने की कार्रवाई की है. पुलिस की ओर से समय-समय पर साइबर क्राइम वाले स्थानों पर नियमित दबिश की कार्रवाई और बाहरी राज्यों की पुलिस को कार्रवाई में सहयोग देकर अपराधियों को पकड़ा जाता है. उन्होंने कहा कि पुलिस की ओर से आगे भी साइबर अपराध को रोकने के लिए कार्रवाई जारी रहेगी.