जयपुर. लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी दलों की तैयारी जोर-शोर से चल रही है. दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में 18वीं लोकसभा के लिए 7 चरणों में वोट डाले जाएंगे. इस बार करीब 100 करोड़ मतदाता राजीतिक दलों के उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे. साल 2019 में 90 करोड़ मतदाता थे जिसमें से 15 करोड़ युवा वोटरों ने पहली बार वोट डाला था.
राजस्थान में इस बार 16.20 लाख वोटर ऐसे हैं जो पहली बार लोकसभा चुनाव में अपने मत का प्रयोग करेंगे, जबकि 1.47 करोड़ युवा वोटर राजस्थान में राजनेताओं के चुनावी भविष्य का फैसला करने वाले हैं. जिनके सामने इस बार भी रोजगार, आईटी हब, महंगाई के साथ-साथ पेपर लीक जैसे मुद्दे हैं और इन्हीं मुद्दों को लेकर ये युवा वोट करने वाला है. कहते हैं युवा चाहे तो देश की तकदीर बदल सकता है और फिलहाल ये युवा राजनेताओं की तकदीर का फैसला करने वाले हैं. इन्हीं युवाओं के हाथ में सत्ता की चाबी भी है, जो राजनीतिक दलों के लिए जीत के दरवाजे का ताला खोल सकती है. ऐसे में सभी राजनीतिक दलों की निगाहें इन युवा वोटर पर ही टिकी हुई है. सरकार बनाने और बिगाड़ने में ये युवा ही अहम भूमिका निभाने वाले हैं. प्रदेश में दो चरणों में होने वाले मतदान में कुल 16 लाख 20 हजार 936 वोटर ऐसे हैं जो पहली बार लोकसभा चुनाव में अपने मत का प्रयोग करने वाले हैं. जबकि 18 से 29 आयु वर्ग के कुल 1 करोड़ 47 लाख 12 हजार 255 वोटर है, जो चुनावी गणित में जीत-हार का समीकरण बनाने वाले होंगे.
युवा मतदाता बनेंगे भाग्य विधाता: इन युवा मतदाताओं की अपनी समझ है और अपनी ज़रूरतें हैं. युवा छात्र रोहित मीणा ने बताया कि युवा अपने मत का प्रयोग इसलिए करेगा ताकि उनका भविष्य सुरक्षित हो. इसलिए जो भी सरकार चुनी जाए उससे यही मांग होगी कि बजट का दसवां हिस्सा शिक्षा पर खर्च हो और पेपर लीक को लेकर कड़े से कड़े कानून बनाए जाए. शिक्षा के स्तर में सुधार आए. महिला उत्पीड़न रोकते हुए महिलाओं को सुरक्षा देने और राष्ट्र हित के लिए काम करने वाली सरकार हमलोग चुनना चाहेंगे. वहीं मनु दाधीच ने कहा कि राजस्थान का युवा इस बार राष्ट्रवाद के साथ रहेगा. साथ ही महिला की सुरक्षा और देश से आतंकवाद खत्म करना भी एक अहम मुद्दा है. वहीं अमरदीप परिहार ने कहा कि जो युवा इस बार लोकसभा चुनाव में वोट करेगा, वो बढ़ती बेरोजगारी को ध्यान में रखते हुए करेगा. जो सरकार बेरोजगारी कम कर युवाओं को रोजगार देने का काम करेगी. युवा वोटर का मत उसी के पक्ष में जाएगा. यही नहीं देश में स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर और स्पोर्ट्स कोटे से लगने वाली नौकरियों में भी बढ़ोतरी हो. शिक्षा के स्तर में और गुणवत्ता आए.