देहरादून: उत्तराखंड चारधाम यात्रा को लेकर सरकार और प्रशासन ने जो दावे किए थे, वो यात्रा की शुरुआत में ही ध्वस्त होते नजर आ रहे है. यमुनोत्री धाम से आई तस्वीरों ने सबकों चिंतित कर दिया है. वहीं, यमुनोत्री धाम बढ़ती भीड़ को देखते हुए प्रशासन तीर्थयात्रियों को बीच रास्ते में रोक रहा है. यमुनोत्री धाम में अभीतक तीन श्रद्धालुओं की मौत भी हो चुकी है, जिससे प्रशासन के हाथ-पैर फूल गए है.
वहीं, यमुनोत्री धाम में तीर्थयात्रियों को होने वाली मुश्किलों को लेकर जब सूबे के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज से बात की गई तो उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों की वजह से जाम की स्थिति बनी है. चारधाम यात्रा के लिए अभीतक 24 लाख लोग रजिस्ट्रेशन करा चुके है.
मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि चारधाम का पहला पड़ाव यमुनोत्री धाम होता है. इसीलिए चारधाम यात्रा शुरू होते ही यमुनोत्री धाम में बड़ी संख्या में तीर्थयात्री पहुंचे. वहीं कपाट खुलने के बाद स्थानीय गांव से तमाम डोली इत्यादि धाम में आती है, इसलिए भी वहां पर इस तरह के हालात बन गए. .
वहीं गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने बताया कि चारधामों की केयरिंग कैपेसिटी को ध्यान में रखते हुए रोजाना श्रद्धालुओं के दर्शन की सीमा को निर्धारित किया गया है. केदारनाथ धाम में एक दिन में 18000 लोगों के दर्शन करने की सीमा है. हालांकि पहले ही दिन केदारनाथ धाम में निर्धारित सीमा से दो गुणा ज्यादा करीब 29000 तीर्थयात्री पहुंच गए थे.
इसके अलावा यमुनोत्री धाम की बात की जाए तो वहां पर चार हजार लोगों की क्षमता है, लेकिन यहां भी पहले दिन क्षमता से अधिक श्रद्धालु पहुंच गए थे, जिस कारण यमुनोत्री धाम के पांच किमी लंबे पैदल मार्ग पर लंबा जाम लग गया था, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ.
गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने बताया कि इस बार खासतौर से गेट सिस्टम लागू किया गया है. किसी भी धाम में वहां की केयरिंग कैपेसिटी से ज्यादा लोगों के जाने की अनुमित नहीं है. यमुनोत्री धाम में हर दिन 5000 लोगों के दर्शन की अनुमति है और अचानक बहुत ज्यादा लोगों के पहुंचने की वजह से ऐसी स्थिति पैदा हुई है.
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