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मूल निवास, सशक्त भू कानून की मांग को लेकर भूख हड़ताल, पुलिस ने मोहित डिमरी को शहीद स्मारक जाने से रोका

देहरादून पुलिस ने शहीद स्मारक के मुख्य गेट पर जड़ा ताला, बाहर ही भूख हड़ताल पर बैठे भू कानून समन्वय संघर्ष समिति संयोजक मोहित डिमरी

DOMICILE AND STRONG LAND LAW
मूल निवास, सशक्त भू कानून के लिए आंदोलन (PHOTO- ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 3 hours ago

Updated : 6 minutes ago

देहरादून: मूल निवास और सशक्त भू कानून लागू किए जाने की मांग को लेकर आज यानी 26 नवंबर से मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी शहीद स्मारक पर आमरण अनशन पर बैठने वाले थे. पुलिस ने मोहित डिमरी को शहीद स्मारक में अनशन करने से रोक दिया. मुख्य गेट पर ताला लगा दिया.

मूल निवास और सशक्त भू कानून के लिए भूख हड़ताल: पुलिस द्वारा शहीद स्मारक के मुख्य गेट पर ताला लगाने के बाद मोहित डिमरी और संघर्ष समिति से जुड़े लोगों ने शहीद स्मारक के मुख्य द्वार के बाहर भूख हड़ताल शुरू कर दी है. संघर्ष समिति ने आज से अपनी मांगों को लेकर शहीद स्मारक पर भूख हड़ताल का ऐलान किया था. मोहित डिमरी का कहना है कि सरकार को भूमि कानून में हुए संशोधनों को तत्काल रद्द करना चाहिए. उन्होंने कहा कि अपने सपनों को साकार करने के लिए संघर्ष समिति से जुड़े लोग आज शहीद स्मारक पर आमरण अनशन पर बैठने जा रहे थे. लेकिन शहीद स्मारक के गेट पर ताला जड़ दिया गया है.

सशक्त भू कानून की मांग को लेकर भूख हड़ताल (VIDEO- ETV Bharat)

राज्य की अस्मिता और पहचान बचाने की अपील: मोहित डिमरी ने कहा कि प्रदेश में मूल निवास और भू कानून की मांग उठा रहे लोगों के अधिकारों का हनन किया जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने भू कानून में इतने बड़े छेद कर दिए हैं कि इस प्रदेश में बड़े-बड़े भू माफिया हावी हो गए हैं. राज्य में कृषि भूमि समाप्त होती जा रही है. यहां के काश्तकार भूमिहीन होते जा रहे हैं. राज्य के मूल निवासियों को नौकरियां और रोजगार नहीं मिल पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह संघर्ष अपनी अस्मिता और पहचान को बचाने का है. इस संघर्ष में उत्तराखंड के तमाम लोग अपना समर्थन दे रहे हैं.

domicile and strong land law
भू कानून समन्वय संघर्ष समिति संयोजक मोहित डिमरी को आमरण अनशन पर बैठना था (PHOTO- ETV BHARAT)

भूख हड़ताल को समर्थन देने पौड़ी से पहुंचे लोग: इधर मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष समिति को अपना समर्थन देने पौड़ी जनपद से पहुंचे रिटायर सैनिक सुरेश पयाल दूल्हे के गेटअप में नजर आए. उन्होंने राज्य में मूल निवास और भू कानून लागू किए जाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति, प्रकृति और परंपराओं का संरक्षण तभी संभव हो पाएगा, जब राज्य में सशक्त भू कानून लागू होगा. पयाल का कहना है कि 50 साल पुराना उत्तराखंड अब नहीं रहा. अगर प्रदेशवासियों को पहले जैसा उत्तराखंड चाहिए, तो सबको मिलकर उत्तराखंड में मजबूत भू कानून लागू किए जाने की मांग उठानी चाहिए.

domicile and strong land law
रिटायर्ड फौजी पौड़ी से दूल्हे के वेश में भूख हड़ताल को समर्थन देने पहुंचे (PHOTO- ETV BHARAT)
domicile and strong land law
पुलिस ने शहीद स्मारक के मुख्य गेट का ताला बंद किया तो बाहर ही भूख हड़ताल शुरू की (PHOTO- ETV BHARAT)
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देहरादून: मूल निवास और सशक्त भू कानून लागू किए जाने की मांग को लेकर आज यानी 26 नवंबर से मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी शहीद स्मारक पर आमरण अनशन पर बैठने वाले थे. पुलिस ने मोहित डिमरी को शहीद स्मारक में अनशन करने से रोक दिया. मुख्य गेट पर ताला लगा दिया.

मूल निवास और सशक्त भू कानून के लिए भूख हड़ताल: पुलिस द्वारा शहीद स्मारक के मुख्य गेट पर ताला लगाने के बाद मोहित डिमरी और संघर्ष समिति से जुड़े लोगों ने शहीद स्मारक के मुख्य द्वार के बाहर भूख हड़ताल शुरू कर दी है. संघर्ष समिति ने आज से अपनी मांगों को लेकर शहीद स्मारक पर भूख हड़ताल का ऐलान किया था. मोहित डिमरी का कहना है कि सरकार को भूमि कानून में हुए संशोधनों को तत्काल रद्द करना चाहिए. उन्होंने कहा कि अपने सपनों को साकार करने के लिए संघर्ष समिति से जुड़े लोग आज शहीद स्मारक पर आमरण अनशन पर बैठने जा रहे थे. लेकिन शहीद स्मारक के गेट पर ताला जड़ दिया गया है.

सशक्त भू कानून की मांग को लेकर भूख हड़ताल (VIDEO- ETV Bharat)

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भू कानून समन्वय संघर्ष समिति संयोजक मोहित डिमरी को आमरण अनशन पर बैठना था (PHOTO- ETV BHARAT)

भूख हड़ताल को समर्थन देने पौड़ी से पहुंचे लोग: इधर मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष समिति को अपना समर्थन देने पौड़ी जनपद से पहुंचे रिटायर सैनिक सुरेश पयाल दूल्हे के गेटअप में नजर आए. उन्होंने राज्य में मूल निवास और भू कानून लागू किए जाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति, प्रकृति और परंपराओं का संरक्षण तभी संभव हो पाएगा, जब राज्य में सशक्त भू कानून लागू होगा. पयाल का कहना है कि 50 साल पुराना उत्तराखंड अब नहीं रहा. अगर प्रदेशवासियों को पहले जैसा उत्तराखंड चाहिए, तो सबको मिलकर उत्तराखंड में मजबूत भू कानून लागू किए जाने की मांग उठानी चाहिए.

domicile and strong land law
रिटायर्ड फौजी पौड़ी से दूल्हे के वेश में भूख हड़ताल को समर्थन देने पहुंचे (PHOTO- ETV BHARAT)
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पुलिस ने शहीद स्मारक के मुख्य गेट का ताला बंद किया तो बाहर ही भूख हड़ताल शुरू की (PHOTO- ETV BHARAT)
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