भोपाल/ग्वालियर : असल में डॉ. मोहन यादव बुधवार को ग्वालियर में आयोजित इन्वेस्टर्स समिट में सिंधिया राजघराने की विशेषताएं गिना रहे थे. इस राजपरिवार के संघर्ष को रेखांकित करते हुए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंधिया जी और राजमाता दोनों का गजब का संघर्ष रहा और ये ऐसा संघर्ष रहा कि अगर लगा तो दोनों ने ही मध्यप्रदेश की सत्ता को पलटकर रख दिया.
सीएम को क्यों याद आया सिंधिया का संघर्ष?
इन्वेस्टर्स समिट का शुभारंभ ग्वालियर में हुआ, ऐसे में सिंधिया का जिक्र तो लाजिमी था लेकिन सवाल ये है कि सिंधिया के संघर्ष के साथ सरकार पलटने की कहानी का जिक्र आखिर मोहन यादव ने क्यों किया? मोहन यादव जिस मंच से ये बात कह रहे थे वो इन्वेस्टर्स समिट का मंच था. मंच पर केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी बैठे थे और उनकी कतार में विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर भी बैठे थे. मोहन यादव के भाषण का ये हिस्सा सबसे ज्यादा रोचक तब हो गया जब उन्होंने कहा, '' हमारे सिंधिया राजघराने की विशेषता में राजमाता जी ने पार्टी के लिए जो संघर्ष किया, अगर लगा तो मध्यप्रदेश की सरकार ही पलट दी. सिंधिया जी ने भी और उन्होंने भी.'' सीएम मोहन का संदर्भ यहां केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की दादी राजमाता विजयाराजे सिंधिया को लेकर था.
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सिंधिया की ताकत दिखाने के क्या सियासी मायने?
सियासी गलियारों में सीएम मोहन यादव के इस बयान के कई अर्थ निकाले जा रहे हैं. चर्चाएं जोर पकड़ रही हैं कि आखिर इन्वेस्टर्स समिट के मंच से ये बयान दिए जाने के क्या मायने हो सकते हैं. राजनीतिक विश्लेषक प्रकाश भटनागर कहते हैं, '' ग्वालियर में सिंधिया का जिक्र ना हो ये तो वैसे भी संभव नहीं है. फिर दूसरी बात डॉ. मोहन यादव बेहद कुशल राजनेता हैं. जमीनी नेता के रुप में वे पार्टी के ऐसे सभी दिग्गज नेताओं को साधते हुए चल रहे हैं.''