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अधिकारियों के लग्जरी कार रखने पर मोहन यादव का एक्शन, शौक पर चलाई कैंची - MOHAN YADAV NEW GUIDELINES

मध्य प्रदेश में सरकारी अधिकारी के गाड़ी रखने पर नया नियम. मोहन यादव सरकार ने बताया अफसर कितनी सरकारी गाड़ियों का इस्तेमाल कर सकते हैं. गाइडलाइन जारी.

MOHAN YADAV NEW GUIDELINES
अधिकारियों की लग्जरी वाहनों के शौक पर चली कैंची (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 13, 2025, 12:33 PM IST

Updated : Feb 13, 2025, 1:31 PM IST

भोपाल: राज्य सरकार मध्य प्रदेश के सरकारी अधिकारियों के गाड़ियों के शौक पर नकेल कसने जा रही है. प्रदेश में कई अधिकारियों की सेवा में एक से ज्यादा गाड़ियां लगी हुई हैं. वहीं कई अधिकारियों द्वारा नियमों से बाहर जाकर लग्जरी गाड़ियांं में सफर किया जा रहा है. इसको लेकर मिली शिकायतों के बाद अब राज्य सरकार ने अधिकारियों के सरकारी गाड़ियों के उपयोग को लेकर नई गाइडलाइन जारी कर दी है. तय किया गया है कि सरकारी अधिकारी अब एक से ज्यादा गाड़ी उपयोग नहीं कर सकेंगे. साथ ही राज्य शासन अधिकारियों की गाड़ियों का रिकॉर्ड भी बुला रही है.

मनमर्जी को लेकर बुलाई प्रदेश भर से रिपोर्ट
प्रदेश में सरकारी अधिकारियों के लिए गाड़ियों की पात्रता के संबंध में पहले से नियम तय हैं. नियम है कि 7600 ग्रेड पे पाने वाले अधिकारी साढ़े 6 लाख रुपए कीमत तक के टैक्सी कोटे के वाहन उपयोग कर सकते हैं. इसी तरह 8700 ग्रेड पे के अधिकारी 8 लाख रुपए कीमत तक के वाहन और 9 हजार या उससे ज्यादा ग्रेड पे पाने वाले अधिकारी 10 लाख रुपए कीमत तक के वाहन टैक्सी कोटे में ले सकते हैं. लेकिन इन नियमों का जमकर उल्लंघन किया जा रहा है.

Mohan Yadav new guidelines
सरकारी अधिकारी एक ही गाड़ी रख सकेंगे (ETV Bharat)

राज्य सरकार को इसको लेकर कई शिकायतें मिल चुकी हैं. जिसमें कहा गया है कि अधिकारियों द्वारा नियमों का उल्लंघन कर लग्जरी वाहनों का उपयोग किया जा रहा है. उधर राज्य सरकार ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वाहनों में नियमों का सख्ती से पालन किया जाए.

निर्माण एजेंसियों को लेकर सबसे ज्यादा शिकायतें
सबसे ज्यादा शिकायतें निर्माण एजेंसियों पीडब्ल्यूडी, नगरीय निकाय, जल संसाधन विभाग और नर्मदा घाटी विकास को लेकर मिली हैं. इसको देखते हुए संभाग स्तर तक से गाड़ियों के उपयोग और उनको हुए भुगतान की जानकारी मंगवाई है. जल संसाधन विभाग ने गाड़ियों के उपयोग को लेकर गाइडलाइन जारी की है.

जल संसाधन विभाग के प्रमुख अभियंता विनोद कुमार देवड़ा के मुताबिक, ''विभाग के सभी अधिकारियों को गाड़ियों को लेकर नई निर्देश दिए गए हैं. अब प्रावधान किया गया है कि टैक्सी कोटे की गाड़ियों का मालिक प्रथम और द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों का रिश्तेदार नहीं होना चाहिए. यदि ऐसा पाया गया तो भुगतान होने वाली राशि से दोगुनी राशि वसूल की जाएगी. साथ ही किराए की गाड़ी सरकारी ड्राइवर द्वारा नहीं चलाई जाएगी.''

भोपाल: राज्य सरकार मध्य प्रदेश के सरकारी अधिकारियों के गाड़ियों के शौक पर नकेल कसने जा रही है. प्रदेश में कई अधिकारियों की सेवा में एक से ज्यादा गाड़ियां लगी हुई हैं. वहीं कई अधिकारियों द्वारा नियमों से बाहर जाकर लग्जरी गाड़ियांं में सफर किया जा रहा है. इसको लेकर मिली शिकायतों के बाद अब राज्य सरकार ने अधिकारियों के सरकारी गाड़ियों के उपयोग को लेकर नई गाइडलाइन जारी कर दी है. तय किया गया है कि सरकारी अधिकारी अब एक से ज्यादा गाड़ी उपयोग नहीं कर सकेंगे. साथ ही राज्य शासन अधिकारियों की गाड़ियों का रिकॉर्ड भी बुला रही है.

मनमर्जी को लेकर बुलाई प्रदेश भर से रिपोर्ट
प्रदेश में सरकारी अधिकारियों के लिए गाड़ियों की पात्रता के संबंध में पहले से नियम तय हैं. नियम है कि 7600 ग्रेड पे पाने वाले अधिकारी साढ़े 6 लाख रुपए कीमत तक के टैक्सी कोटे के वाहन उपयोग कर सकते हैं. इसी तरह 8700 ग्रेड पे के अधिकारी 8 लाख रुपए कीमत तक के वाहन और 9 हजार या उससे ज्यादा ग्रेड पे पाने वाले अधिकारी 10 लाख रुपए कीमत तक के वाहन टैक्सी कोटे में ले सकते हैं. लेकिन इन नियमों का जमकर उल्लंघन किया जा रहा है.

Mohan Yadav new guidelines
सरकारी अधिकारी एक ही गाड़ी रख सकेंगे (ETV Bharat)

राज्य सरकार को इसको लेकर कई शिकायतें मिल चुकी हैं. जिसमें कहा गया है कि अधिकारियों द्वारा नियमों का उल्लंघन कर लग्जरी वाहनों का उपयोग किया जा रहा है. उधर राज्य सरकार ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वाहनों में नियमों का सख्ती से पालन किया जाए.

निर्माण एजेंसियों को लेकर सबसे ज्यादा शिकायतें
सबसे ज्यादा शिकायतें निर्माण एजेंसियों पीडब्ल्यूडी, नगरीय निकाय, जल संसाधन विभाग और नर्मदा घाटी विकास को लेकर मिली हैं. इसको देखते हुए संभाग स्तर तक से गाड़ियों के उपयोग और उनको हुए भुगतान की जानकारी मंगवाई है. जल संसाधन विभाग ने गाड़ियों के उपयोग को लेकर गाइडलाइन जारी की है.

जल संसाधन विभाग के प्रमुख अभियंता विनोद कुमार देवड़ा के मुताबिक, ''विभाग के सभी अधिकारियों को गाड़ियों को लेकर नई निर्देश दिए गए हैं. अब प्रावधान किया गया है कि टैक्सी कोटे की गाड़ियों का मालिक प्रथम और द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों का रिश्तेदार नहीं होना चाहिए. यदि ऐसा पाया गया तो भुगतान होने वाली राशि से दोगुनी राशि वसूल की जाएगी. साथ ही किराए की गाड़ी सरकारी ड्राइवर द्वारा नहीं चलाई जाएगी.''

Last Updated : Feb 13, 2025, 1:31 PM IST
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