भोपाल: मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के गृह जिले उज्जैन को एक बड़ी सौगात मिलने जा रही है. यहां 550 बिस्तरों की क्षमता वाला सरकारी मेडिकल कॉलेज खुलने जा रहा है. मुख्यमंत्री मोहन यादव 21 नवंबर को इसका भूमिपूजन करेंगे. 2028 में होने वाले सिंहस्थ को देखते हुए इस मेडिकल कॉलेज को प्राथमिकता के साथ पूरा किया जाएगा. इससे उज्जैन और आसपास के जिलों के मरीजों को फायदा मिलेगा. इस मेडिकल कॉलेज के बनने से प्रदेश के चिकित्सा क्षेत्र में और मजबूती आएगी. प्रदेश में अभी 17 मेडिकल कॉलेज हैं और प्रदेश में एमबीबीएस की सीटें 720 से बढ़कर 2575 हो गई हैं.
550 बिस्तरों वाला मेडिकल कॉलेज
उज्जैन मेडिकल कॉलेज के हॉस्पिटल की क्षमता 550 बिस्तरों की होगी. इसमें 247 इमरजेंसी सेवा, फार्मेसी, रेडियोलॉजी, जनलर और सुपर स्पेशलिटी ओपीडी जैसी सुविधाएं होंगी. हॉस्पिटल में 550 आईपीडी बिस्तर, कैथ लैब, 2 एंडोस्कोपी यूनिट भी होंगी. हॉस्पिटल का निर्माण मध्यप्रदेश भवन विकास निगम द्वारा किया जाएगा.
100 एमबीबीएस सीट की प्रवेश क्षमता
उज्जैन मेडिकल कॉलेज में शुरुआत में एमबीबीएस छात्रों की क्षमता 100 होगी. कॉलेज में 4 आधुनिक लेक्चर थियेटर होंगे, जिसकी क्षमता 180 होगी. इसमें 2 एग्जाम हॉल होंगे जिसकी क्षमता 250 छात्रों की होगी. सेंट्रल लाइब्रेरी, शिक्षण और फैकल्टी क्षेत्र, प्रयोगशाला और कौशल प्रशिक्षण केंद्र के साथ प्रशासनिक भवन, सामान्य कक्ष और मनोरंजन सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी. 380 नर्सिंग विद्यार्थियों के लिए छात्रावास सुविधा का प्रावधान है.
यूजी और इंटर्न छात्र एवं छात्राओं के लिए छात्रावास
उज्जैन मेडिकल कॉलेज में छात्रों के लिए 329 यूजी और 70 इंटर्न तथा छात्राओं के लिए 286 अंडरग्रेजुएट और 58 इंटर्न की क्षमता वाला छात्रावास रहेगा. इनमें स्टिल्ट पार्किंग, सामान्य कक्ष, मनोरंजन क्षेत्र और डायनिंग सुविधाएं रहेंगी.
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इन जिलों में चल रहा मेडिकल कॉलेजों का काम
प्रदेश में 2003 तक केवल 5 सरकारी मेडिकल कॉलेज थे. प्रदेश में श्योपुर, सिंगरौली, मंडला और राजगढ़ में मेडिकल कॉलेजों के निर्माण का काम चल रहा है. इसके अलावा छतरपुर, दमोह और बुधनी में स्ववित्तीय अनुदान से मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जा रहे हैं. इसके अलावा 12 दूसरे जिलों में सार्वजनिक जनभागीदारी नीति के तहत मेडिकल कॉलेज खोलने की प्रक्रिया जारी है. प्रदेश में 20 नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना से एमबीबीएस सीटों में 2000 से अधिक की बढ़ोत्तरी होगी. भोपाल और ग्वालियर में अस्पताल की बेड कैपेसिटी को 2500 तक बढ़ाने के साथ-साथ इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और रीवा में सुपरस्पेशलिटी अस्पताल संचालित हो रहे हैं.