भोपाल: मध्य प्रदेश में पुलिसकर्मियों और अधिकारियों का अभी तबादला नहीं किया जाएगा. मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई बैठक में तबादला नीति 2024-25 को लेकर चर्चा की गई, लेकिन कोई प्रस्ताव अभी नहीं लाया गया है. लिहाजा तबादले के लिए पुलिसकर्मियों और अधिकारियों को अभी और इंतजार करना पड़ सकता है. इसके पीछे की वजह बीजेपी के सदस्यता अभियान को बताया गया है.
अक्टूबर महीने में हट सकता है तबादलों पर बैन
खबर है कि मध्य प्रदेश सरकार अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में तबादलों से बैन हटा सकती है. इस महीने तबादलों से बैन न हटाने की प्रमुख वजह बीजेपी का सदस्यता अभियान है. पार्टी नहीं चाहती कि सदस्यता अभियान किसी भी तरह से प्रभावित हो. इसलिए अभी इस पर कोई प्रस्ताव नहीं लाया गया है. लेकिन अक्टूबर तक अधिकारियों के तबादले किए जा सकते हैं, क्योंकि सीएम मोहन ने भी माना है कि 2 साल से तबादलों पर बैन नहीं हटा है. जबकि प्रशासनिक जमावट की जरूरत है, लिहाजा जल्द तबादला नीति घोषित होनी चाहिए.
20 प्रतिशत से ज्यादा नहीं किए जा सकते ट्रांसफर
आपको बता दें नई तबादला नीति के तहत प्रशासनिक और स्वैच्छिक आधार पर तबादले होंगे, लेकिन किसी भी कैडर में 20 प्रतिशत से ज्यादा तबादले नहीं किए जा सकेंगे. ऐसे में प्रशासनिक व्यवस्था, गंभीर बीमारी, स्वेच्छा और अन्य आधार को देखते हुए ही ट्रांसफर किए जाएंगे. अगर सरकारी कर्मचारी-अधिकारी का एक जिले से दूसरे जिले के अंदर ट्रांसफर होना है, तब भी प्रभारी मंत्री और विभागीय मंत्री की अनुशंसा जरूरी होगी. ट्रांसफर बैन हटते ही बड़ी प्रशासनिक सर्जरी हो सकती है.
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लोकसभा चुनाव के चलते लगा था बैन
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के पहले लगी आचार संहिता के बाद से ट्रांसफर पर बैन लगा हुआ है. ऐसे में राज्य सरकार बिना चुनाव आयोग की अनुमति के अधिकारियों-कर्मचारियों के तबादले नहीं कर सकती थी. ऐसे में उन्हीं अधिकारियों के तबादले किए जा सकते थे, जो बहुत जरूरी थे. कयास लगाए जा रहे हैं कि अक्टूबर महीने में बीजेपी का सदस्यता अभियान खत्म होते ही पुलिसकर्मियों और अधिकारियों के तबादलों पर लगा बैन हटाया जा सकता है.