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माता हिडिंबा के आगमन से शुरू हुआ मोहल्ला पर्व, देवी-देवताओं ने भरी रघुनाथ भगवान के दरबार में हाजिरी

अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के छठे दिन मोहल्ला पर्व की परंपरा को निभाया गया. सभी देवी-देवताओं ने भगवान रघुनाथ के दरबार में अपना शीश नवाजा.

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 2 hours ago

MOHALLA PARV IN KULLU DUSSEHRA
अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में मोहल्ला पर्व (ETV Bharat)

कुल्लू: जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर मैदान में आयोजित अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के छठे दिन मोहल्ला पर्व की परंपरा को निभाया गया. दशहरा उत्सव के छठे दिन आए सभी देवी- देवताओं ने भगवान रघुनाथ के दरबार में अपना शीश नवाजा और भगवान रघुनाथ के दरबार में सभी देवी-देवताओं की एंट्री भी की गई.

इसके बाद यह देवी-देवता राजा की चानणी में पहुंचे और भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार को भी प्रसाद के रूप में फूल दिए गए. ऐसे में देवी-देवताओं ने मोहल्ला पर्व में एक दूसरे देवताओं के अस्थाई शिविर में जाकर मिलन की परंपरा को भी निभाया. मोहल्ला पर्व में सबसे पहले माता हिडिंबा भगवान रघुनाथ के दरबार पहुंची और भगवान रघुनाथ के छड़ीबरदार महेश्वर सिंह को प्रसाद भी दिया गया.

वहीं, राजा की चानणी चांदनी में भी कई देवी-देवताओं ने आपस में मिलन किया और अपने-अपने अस्थाई शिविरों की ओर रवाना हुए. मान्यता है कि लंका चढ़ाई से पहले यह सभी देवी-देवता भगवान रघुनाथ को शक्तियां प्रदान करते हैं और रात के समय भगवान रघुनाथ के शिविर में माता दुर्गा की भी विशेष पूजा की जाएगी.

माता दुर्गा से लंका चढ़ाई का आशीर्वाद लिया जाएगा और उसके बाद शनिवार को लंका दहन की सभी परंपराओं को पूरा किया जाएगा. भगवान रघुनाथ के कारदार दानवेंद्र सिंह ने बताया "मोहल्ला उत्सव के दिन से रावण को मारने की तैयारी होती है और रात के समय भगवान रघुनाथ के शिविर में दुर्गा पूजा की जाती है. दुर्गा पूजा के बाद माता दुर्गा से शक्ति मांगी जाती है और लंका दहन को पूरा किया जाता है"

मोहल्ला पर्व में सभी देवी-देवताओं ने अपनी हाजिरी भरी और भगवान रघुनाथ के रजिस्टर में भी सभी देवी-देवताओं की एंट्री की गई. देवता राजा को आशीर्वाद स्वरूप पुष्प देते हैं और भगवान रघुनाथ से विदाई ली जाती है.

ये भी पढ़ें: आज भी नदी पार नहीं करते ये 5 देवता, दूसरे छोर पर मनाते हैं दशहरा उत्सव

कुल्लू: जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर मैदान में आयोजित अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के छठे दिन मोहल्ला पर्व की परंपरा को निभाया गया. दशहरा उत्सव के छठे दिन आए सभी देवी- देवताओं ने भगवान रघुनाथ के दरबार में अपना शीश नवाजा और भगवान रघुनाथ के दरबार में सभी देवी-देवताओं की एंट्री भी की गई.

इसके बाद यह देवी-देवता राजा की चानणी में पहुंचे और भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार को भी प्रसाद के रूप में फूल दिए गए. ऐसे में देवी-देवताओं ने मोहल्ला पर्व में एक दूसरे देवताओं के अस्थाई शिविर में जाकर मिलन की परंपरा को भी निभाया. मोहल्ला पर्व में सबसे पहले माता हिडिंबा भगवान रघुनाथ के दरबार पहुंची और भगवान रघुनाथ के छड़ीबरदार महेश्वर सिंह को प्रसाद भी दिया गया.

वहीं, राजा की चानणी चांदनी में भी कई देवी-देवताओं ने आपस में मिलन किया और अपने-अपने अस्थाई शिविरों की ओर रवाना हुए. मान्यता है कि लंका चढ़ाई से पहले यह सभी देवी-देवता भगवान रघुनाथ को शक्तियां प्रदान करते हैं और रात के समय भगवान रघुनाथ के शिविर में माता दुर्गा की भी विशेष पूजा की जाएगी.

माता दुर्गा से लंका चढ़ाई का आशीर्वाद लिया जाएगा और उसके बाद शनिवार को लंका दहन की सभी परंपराओं को पूरा किया जाएगा. भगवान रघुनाथ के कारदार दानवेंद्र सिंह ने बताया "मोहल्ला उत्सव के दिन से रावण को मारने की तैयारी होती है और रात के समय भगवान रघुनाथ के शिविर में दुर्गा पूजा की जाती है. दुर्गा पूजा के बाद माता दुर्गा से शक्ति मांगी जाती है और लंका दहन को पूरा किया जाता है"

मोहल्ला पर्व में सभी देवी-देवताओं ने अपनी हाजिरी भरी और भगवान रघुनाथ के रजिस्टर में भी सभी देवी-देवताओं की एंट्री की गई. देवता राजा को आशीर्वाद स्वरूप पुष्प देते हैं और भगवान रघुनाथ से विदाई ली जाती है.

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