भोपाल। 4 जून को लोकसभा चुनाव के साथ एमपी के सीएम डॉ मोहन यादव के राजनीतिक भविष्य का भी नतीजा आएगा. एमपी की 29 सीटें तो मोहन यादव की परफार्मेंस रिपोर्ट होंगी ही, यूपी-बिहार की लोकसभा सीटों पर यादव कार्ड की तरह भेजे गए सीएम मोहन यादव ने एमपी समेत 10 राज्यों में धुआंधार प्रचार किया है. यूपी, झारखंड, बिहार से लेकर राजस्थान, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र से लेकर तेलंगाना, दिल्ली, हरियाणा की सीटों पर भी मोहन यादव का इम्तेहान है.
मोहन कितने मजबूत नतीजा 4 जून को
एमपी के सीएम डॉ मोहन यादव अपनी 5 साल की अगली पारी में कतने मजबूत होंगे, इसका नतीजा भी 4 जून को ही आएगा. यादव कार्ड के तौर पर यूपी, बिहार और झारखंड भेजे गए सीएम डॉ मोहन यादव का इम्तेहान यूपी की यादव बाहुल्य वाली लोकसभा सीटों पर भी है. जिनमें एटा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, बदायूं, बरेली, झांसी जैसी सीटें प्रमुख हैं.
वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक पवन देवलिया कहते हैं "जिस ओबीसी की राजनीति पर बीजेपी आगे बढ़ रही है, उसमें मोहन यादव क्या देश में ओबीसी वर्ग के एक सर्वमान्य नेता साबित होंगे. ये लोकसभा चुनाव उसका लिटमस टेस्ट है. जाहिर है 6 महीने पहले एमपी की सत्ता संभालने वाले मोहन यादव के अगले 5 साल एमपी में कितने मजबूत होंगे वो भी इन नतीजों के साथ निश्चित हो जाएगा."
कहां-कहां मोहन बने बीजेपी का यादव कार्ड
एमपी की 29 लोकसभा सीटों पर धुआंधार प्रचार करने के बाद लोकसभा चुनाव की तारीखों के एलान के साथ बीजेपी ने यादव कार्ड के तौर पर मोहन यादव को बिहार और यूपी में प्रचार के लिए भेजा. यूपी की एटा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, बांदा, बरेली, झांसी, हमीरपुर और संभल सीटों पर मोहन यादव ने बीजेपी उम्मीदवार के पक्ष में सभाएं की हैं. उधर बिहार के अलावा झारखंड में कोडरमा, बरही लोकसभा सीट पर वे प्रचार के लिए पहुंचे. इसके अलावा उन्होंने हरियाणा की कोसली लोकसभा सीट पर भी बीजेपी के लिए प्रचार किया. तेलंगाना समेत महाराष्ट्र की दक्षिण मध्य लोकसभा सीट पर भी मोहन यादव प्रचार के लिए पहुंचे. दिल्ली की भी प्रमुख लोकसभा सीटों पर उन्होंने प्रचार किया.
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राहुल से लेकर अखिलेश और केजरीवाल से उद्धव तक निशाना
एमपी के सीएम डॉ मोहन यादव बीजेपी में पिछड़े वर्ग की राजनीति के नए नेतृत्व के तौर पर उभर रहे हैं. क्या यही वजह है कि एमपी के मुख्यमंत्री के निशाने पर राहुल गांधी भी आते हैं, अखिलेश यादव भी और केजरीवाल से लेकर उध्दव ठाकरे भी.
वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश भटनागर कहते हैं कि "बीजेपी में डॉ मोहन यादव को उस तरह से प्रमोट किया गया है. यही वजह है कि उन्हें यादव बाहुल्य सीटों वाले यूपी बिहार झारखंड के साथ महाराष्ट्र से लेकर हरियाणा और तेलंगाना तक भेजा जा रहा है. एमपी से सटे राजस्थान छत्तीसगढ़ तो हैं ही. बीजेपी पीढ़ी परिवर्तन के दौर से गुजरती है और अब मोहन यादव जैसे नेता बीजेपी में ओबीसी का नया चेहरा हैं."