जोधपुर. लोकसभा चुनाव के मतदान के दिन शेरगढ़ विधानसभा क्षेत्र के नाथडाउ गांव के बूथ पर विधायक बाबूसिंह राठौड़ के बीएसएफ जवान और मतदान कर्मियों के बीच हुई बहस के मामले में विधायक ने बैकफुट आते हुए सार्वजनिक माफी मांग ली है. मंगलवार को अपने क्षेत्र में एक प्रेस कांफ्रेंस में विधायक बीएसएफ जवान पर लगाए आरोपों पर अडिग रहे, लेकिन साथ में यह कहते हुए नजर आए कि मेरा कोई उद्देश्य किसी को ठेस पहुचाना नहीं था.
उन्होंने कहा कि उस दिन मुझे शिकायत मिली थी कि महिला मतदाताओं के साथ जानबूझ कर अभद्र व्यवहार किया जा रहा है. उनके चेहरे देखे जा रहे हैं, जिसके चलते मैंने आपत्ति जताई थी. मेरे इस व्यवहार से किसी को ठेस लगी है, तो मैं उसको लेकर हाथ जोड़ कर माफी मांगता हूं. जब मैं वहां पहुंचा, तो मेरे से भी पहचान पत्र मांगा गया. मैंने विधायक का परिचय पत्र दिखाया, तो मुझसे आधार कार्ड मांगा गया. इसको लेकर बहस हुई थी.
उन्होंने कहा कि मेरे सामने बंदूक तान दी थी. इस पर मैंने नाराजगी जताई थी. उस घटनाक्रम से किसी को ठेस पहुंची है, तो माफी मांगता हूं. मैं हमेशा सैनिकों का सम्मान करता हूं. शेरगढ़ विधानसभा क्षेत्र में सर्वाधिक सैनिक और गौरव सैनिक हैं. मैं हमेशा सभी का सम्मान करता आया हूं. बाबूसिंह ने आरोप लगाया कि पीठासीन अधिकारी कांग्रेस प्रत्याशी के रिश्तेदार थे. उनकी वजह से मतदान में देरी हो रही थी. मेरी शिकायत पर उनको हटाया भी गया.
पढ़ें: विधायत बाबूसिंह के साथ विवाद पर बोले शेखावत, कहा- परिवार की ऐसी घटनाओं पर संज्ञान नहीं लेना चाहिए
विधायक के खिलाफ जांच शुरू: 26 अप्रैल को नाथडाउ गांव के बूथ पर शेरगढ़ विधायक के पहले बीएसएफ जवान के साथ उलझने और उसके बाद मतदान केंद्र में कर्मियों को धमाकने का वीडियो समाने आया था. जिसके बाद पुलिस ने शेरगढ़ थाने में आईपीएसी की धारा 189 के तहत रपट डालकर जांच शुरू कर दी है. इस मामले में अगर कोई पक्ष रिपोर्ट देगा, तो मामला भी दर्ज हो सकता है. पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस मामले में राज्य और केंद्र के गृह विभाग के अधिकारी जांच कर कार्रवाई के पक्ष में है.