जयपुर : राजस्थान में लोकसभा चुनाव के बाद शुरू हुआ बीजेपी सरकार का सियासी संकट बरकरार है. पार्टी भले ही सब कुछ सामान्य दिखाने की कोशिश करे, लेकिन सरकार में अंदरखाने कुछ तो ऐसा चल रहा है. ये आने वाले समय में सियासी भूचाल की तरफ इशारा कर रहा है. इसकी वजह है ग्रामीण विकास एवं कृषि मंत्री डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा ने एक बार फिर से विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी से पत्र लिखकर जरूरी काम से विधानसभा सत्र से छुट्टी मांगी है. इसमें उन्होंने कहा है कि वह मंत्रालय का सवाल का जवाब नहीं देंगे और विधानसभा सत्र में शामिल नहीं होंगे.
4 फरवरी से सत्रांत तक मांगी छुट्टी : डॉ. किरोड़ी लाल मीणा विधानसभा के पूरे सत्र में शामिल नहीं हो पाएंगे. विधानसभा से मिली जानकारी के अनुसार मंत्री डॉ. मीणा ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिख कर छुट्टी मांगी है. किरोड़ी ने 4 फरवरी से सत्र खत्म होने तक छुट्टी मांगी है. नियमों के अनुसार 7 दिन से ज्यादा की छुट्टी के लिए सदन की मंजूरी होती है. डॉ. मीणा ने जरूरी, स्वास्थ्य कारणों और आगामी इलाज का हवाला देते हुए छुट्टी मांगी है. किसी भी विधानसभा सदस्य को लम्बी छुट्टी देने के लिए स्पीकर को सदन की मंजूरी की जरूरत होती है. ऐसे में 31 जनवरी से बजट सत्र शुरू होने के बाद ही मीणा की छुट्टी की एलान होगा.
इसे भी पढ़ें. जानें किरोड़ी क्यों बोले- ममता कुलकर्णी के जैसे कुंभ में हुआ वैराग्य तो खुल जाएगा रामविलास का रास्ता
पहले भी रहे छुट्टी पर : ऐसा नहीं है कि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने पहली बार इस तरह से विधानसभा की कार्यवाही से छुट्टी पर हों. इससे पहले भी विधानसभा में डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा नहीं आए थे और अपरिहार्य कारणों से विधानसभा अध्यक्ष से विधानसभा सत्र से छुट्टी मांगी थी, जिसके बाद उनके मंत्रालय के सवालों का जवाब दूसरे मंत्रियों ने दिया था. इस बार भी मीणा की जगह किसी दूसरे मंत्री को ही जवाब देना पड़ेगा. विधानसभा सत्र शुरू होने से ठीक पहले इस तरह अब मीणा के छुट्टी की अनुमति मांगने पर अब राजस्थान सरकार के लिए किसी दूसरे मंत्री को ग्रामीण विकास एवं कृषि मंत्रालय का जवाब देने के लिए तैयारी करवाने के लिए बहुत कम समय है.
लोकसभा चुनाव से चल रहे नाराज : बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान दौसा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार के जीतने और बीजेपी के उम्मीदवार के हारने के बाद डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ था. इसके बाद दौसा सीट पर हुए विधानसभा उपचुनाव में BJP ने इनके भाई जगमोहन मीणा को टिकट दिया तो ये फिर से खुद को मंत्री कहने लगे और मंत्री के तौर पर काम काज करने लगे थे.