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विधानसभा बजट सत्र : सर्वदलीय बैठक में बनी सहमति, विपक्ष की मांग पर सरकार देगी जवाब - PHONE TAPPING CONTROVERSY

विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने फोन टैपिंग को लेकर सदन के गतिरोध को सर्वदलीय बैठक के जरिए खत्म कर लिया है.

Phone Tapping Controversy
सर्वदलीय बैठक (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 17, 2025, 3:13 PM IST

जयपुर: कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के फोन टैपिंग को लेकर विधानसभा में चल रहा गतिरोध अब खत्म हो गया है. विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी की अध्यक्षता में सोमवार को हुई सर्वदलीय बैठक में सहमति बन गई. अब 19 फरवरी को भाजपा सरकार की ओर से पेश किए जा रहे बजट में विपक्ष किसी तरह का कोई हंगामे नहीं करेगा. शांति से बजट को सुनेगा. इसके दूसरे दिन यानी 20 फरवरी को विपक्ष अगर डिमांड करता है तो सत्ता पक्ष इस पर अपना जवाब देगा.

विपक्ष ने मांग उठाई तो देंगे जवाब : सर्वदलीय बैठक खत्म होने के बाद विधानसभा के बाहर मीडिया से बात करते हुए संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि बैठक सौहार्दपूर्ण वातावरण में संपन्न हुई है. विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सभी पक्षों को सुना है और उसके बाद यह कहा है कि अगर फोन टैपिंग के जिस मुद्दे को लेकर विपक्ष लगातार हंगामा कर रहा है, वह सरकार से जवाब की डिमांड करेगा तो बजट के दूसरे दिन यानी 20 फरवरी को प्रश्नकाल के बाद इस पर चर्चा होगी.

किसने क्या कहा, सुनिए... (ETV Bharat Jaipur)

जोगाराम पटेल ने कहा कि सरकार किसी भी तरह से किसी मुद्दे पर भाग नहीं रही है. विपक्ष जबरन हंगामा कर रहा था. अब किसी तरह का कोई गतिरोध नहीं है. सब गतिरोध खत्म हो गया है. एक सहमति बन गई है, बजट सरकार पेश करेगी तो विपक्ष से शांतिपूर्ण तरीके से सुनेगा. विपक्ष के पास अपनी बात रखने का अधिकार है. उसके बाद विधानसभा अध्यक्ष उस पर अपनी व्यवस्था दे देंगे. अध्यक्ष जो व्यवस्था देंगे उसके अनुरूप सत्ता पक्ष अपना जवाब देगी.

सरकार जवाब देगी तो बजट सुनेंगे : उधर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि बैठक में विपक्ष की ओर से हमने स्पष्ट कर दिया है कि जिस फोन टैपिंग के मुद्दे पर हम सरकार से जवाब चाहते हैं, अगर सरकार उस पर जवाब देने को तैयार है तो हम बजट शांतिपूर्ण तरीके से सुनेंगे. 19 फरवरी को जब सरकार अपना बजट पेश करेगी, हम अपना विरोध दर्ज करेंगे. उसके बाद अगर विधानसभा अध्यक्ष इस पर व्यवस्था देते हैं तो हम शांतिपूर्ण तरीके से बजट को सुनेंगे.

पढ़ें : मंत्री किरोड़ी ने स्वीकारी गलती, कहा- अनुशासन तोड़ा तो नोटिस मिला, संगठन को जवाब दे दिया - PHONE TAPPING CONTROVERSY

जूली ने कहा कि हम नहीं चाहते कि सदन में किसी तरह का गतिरोध हो, लेकिन सरकार जवाब देने से भाग रही है. पूर्व में भी हम लगातार सरकार से यही मांग कर रहे हैं कि जो फोन टैपिंग का मामला कांग्रेस की तरफ से उठाया हुआ नहीं है, बल्कि सरकार के कैबिनेट मंत्री ने ये आरोप लगाए हैं. उन्हीं की पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने फोन टैपिंग पर नोटिस थमाया है, तो फिर सरकार क्यों इस पर जवाब देने से बच रही है ? जूली ने कहा कि जब गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम विधानसभा के बाहर फोन टैपिंग के मुद्दे पर कह सकते हैं कि सरकार फोन टैप नहीं कर रही है, तो फिर सदन में क्यों जवाब नहीं दिया जा रहा? जूली ने कहा कि बैठक में विपक्ष की ओर से स्पष्ट कर दिया गया है कि सरकार अगर जवाब देती है तो हमें बजट शांतिपूर्ण तरीके सुनने में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन जवाब तो सरकार को देना पड़ेगा.

ये रहेंगे मौजूद : बैठक में सत्ता पक्ष की तरफ से संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा और सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग शामिल होंगे. विपक्ष की तरफ से नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और सचेतक रफीक खान शामिल होंगे. इसके अलावा आरएलडी के सुभाष गर्ग मौजूद रहे.

पढ़ें : पायलट बोले- फोन टैपिंग छोटा मुद्दा नहीं, घटना आज की हो या पहले की, हर गलती सजा मांगती है - PILOT ON PHONE TAPPING

बता दें कि अपनी ही सरकार में कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के फोन टैपिंग के आरोपों के बाद विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ था. 7 फरवरी को जोरदार हंगामे के बीच फोन टैपिंग के बयान पर विपक्ष सीएम से जवाब की मांग पर अड़ गया था. इस कारण सदन में पूरे दिन हंगामा होता रहा. विपक्ष के नेता के रूप में टीकाराम जूली का राज्यपाल के अभिभाषण पर भाषण भी नहीं हुआ. सीएम भजनलाल शर्मा के भाषण के दौरान भी विपक्ष पूरे समय वेल में रहा और नारेबाजी करता रहा. हंगामे के बीच ही सदन की कार्यवाही 19 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी गई थी.

सदन शांतिपूर्ण चलाने में सभी दलों की सहमति बनी : राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि राजस्थान विधान सभा का यह सदन लोकतंत्र का पवित्र स्थल है. इसकी गरिमा को बनाए रखने का दायित्व सत्ता पक्ष और प्रतिपक्ष दोनों का है. भविष्य में इस पवित्र सदन में ऐसी कोई स्थिति पैदा ना हो. बैठक में विभिन्न दलों के वरिष्ठ सदस्यों के मध्य सदन को शांतिपूर्ण और सुचारू रूप से चलाने के लिए सहमति बनी. देवनानी ने कहा कि प्रतिपक्ष शांतिपूर्वक और गरिमामय तरीके से सदन में मुद्दे उठाए और राज्य सरकार की ओर से उनका समुचित तरीके से जवाब देने की व्यवस्था करे.

जयपुर: कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के फोन टैपिंग को लेकर विधानसभा में चल रहा गतिरोध अब खत्म हो गया है. विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी की अध्यक्षता में सोमवार को हुई सर्वदलीय बैठक में सहमति बन गई. अब 19 फरवरी को भाजपा सरकार की ओर से पेश किए जा रहे बजट में विपक्ष किसी तरह का कोई हंगामे नहीं करेगा. शांति से बजट को सुनेगा. इसके दूसरे दिन यानी 20 फरवरी को विपक्ष अगर डिमांड करता है तो सत्ता पक्ष इस पर अपना जवाब देगा.

विपक्ष ने मांग उठाई तो देंगे जवाब : सर्वदलीय बैठक खत्म होने के बाद विधानसभा के बाहर मीडिया से बात करते हुए संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि बैठक सौहार्दपूर्ण वातावरण में संपन्न हुई है. विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सभी पक्षों को सुना है और उसके बाद यह कहा है कि अगर फोन टैपिंग के जिस मुद्दे को लेकर विपक्ष लगातार हंगामा कर रहा है, वह सरकार से जवाब की डिमांड करेगा तो बजट के दूसरे दिन यानी 20 फरवरी को प्रश्नकाल के बाद इस पर चर्चा होगी.

किसने क्या कहा, सुनिए... (ETV Bharat Jaipur)

जोगाराम पटेल ने कहा कि सरकार किसी भी तरह से किसी मुद्दे पर भाग नहीं रही है. विपक्ष जबरन हंगामा कर रहा था. अब किसी तरह का कोई गतिरोध नहीं है. सब गतिरोध खत्म हो गया है. एक सहमति बन गई है, बजट सरकार पेश करेगी तो विपक्ष से शांतिपूर्ण तरीके से सुनेगा. विपक्ष के पास अपनी बात रखने का अधिकार है. उसके बाद विधानसभा अध्यक्ष उस पर अपनी व्यवस्था दे देंगे. अध्यक्ष जो व्यवस्था देंगे उसके अनुरूप सत्ता पक्ष अपना जवाब देगी.

सरकार जवाब देगी तो बजट सुनेंगे : उधर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि बैठक में विपक्ष की ओर से हमने स्पष्ट कर दिया है कि जिस फोन टैपिंग के मुद्दे पर हम सरकार से जवाब चाहते हैं, अगर सरकार उस पर जवाब देने को तैयार है तो हम बजट शांतिपूर्ण तरीके से सुनेंगे. 19 फरवरी को जब सरकार अपना बजट पेश करेगी, हम अपना विरोध दर्ज करेंगे. उसके बाद अगर विधानसभा अध्यक्ष इस पर व्यवस्था देते हैं तो हम शांतिपूर्ण तरीके से बजट को सुनेंगे.

पढ़ें : मंत्री किरोड़ी ने स्वीकारी गलती, कहा- अनुशासन तोड़ा तो नोटिस मिला, संगठन को जवाब दे दिया - PHONE TAPPING CONTROVERSY

जूली ने कहा कि हम नहीं चाहते कि सदन में किसी तरह का गतिरोध हो, लेकिन सरकार जवाब देने से भाग रही है. पूर्व में भी हम लगातार सरकार से यही मांग कर रहे हैं कि जो फोन टैपिंग का मामला कांग्रेस की तरफ से उठाया हुआ नहीं है, बल्कि सरकार के कैबिनेट मंत्री ने ये आरोप लगाए हैं. उन्हीं की पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने फोन टैपिंग पर नोटिस थमाया है, तो फिर सरकार क्यों इस पर जवाब देने से बच रही है ? जूली ने कहा कि जब गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम विधानसभा के बाहर फोन टैपिंग के मुद्दे पर कह सकते हैं कि सरकार फोन टैप नहीं कर रही है, तो फिर सदन में क्यों जवाब नहीं दिया जा रहा? जूली ने कहा कि बैठक में विपक्ष की ओर से स्पष्ट कर दिया गया है कि सरकार अगर जवाब देती है तो हमें बजट शांतिपूर्ण तरीके सुनने में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन जवाब तो सरकार को देना पड़ेगा.

ये रहेंगे मौजूद : बैठक में सत्ता पक्ष की तरफ से संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा और सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग शामिल होंगे. विपक्ष की तरफ से नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और सचेतक रफीक खान शामिल होंगे. इसके अलावा आरएलडी के सुभाष गर्ग मौजूद रहे.

पढ़ें : पायलट बोले- फोन टैपिंग छोटा मुद्दा नहीं, घटना आज की हो या पहले की, हर गलती सजा मांगती है - PILOT ON PHONE TAPPING

बता दें कि अपनी ही सरकार में कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के फोन टैपिंग के आरोपों के बाद विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ था. 7 फरवरी को जोरदार हंगामे के बीच फोन टैपिंग के बयान पर विपक्ष सीएम से जवाब की मांग पर अड़ गया था. इस कारण सदन में पूरे दिन हंगामा होता रहा. विपक्ष के नेता के रूप में टीकाराम जूली का राज्यपाल के अभिभाषण पर भाषण भी नहीं हुआ. सीएम भजनलाल शर्मा के भाषण के दौरान भी विपक्ष पूरे समय वेल में रहा और नारेबाजी करता रहा. हंगामे के बीच ही सदन की कार्यवाही 19 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी गई थी.

सदन शांतिपूर्ण चलाने में सभी दलों की सहमति बनी : राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि राजस्थान विधान सभा का यह सदन लोकतंत्र का पवित्र स्थल है. इसकी गरिमा को बनाए रखने का दायित्व सत्ता पक्ष और प्रतिपक्ष दोनों का है. भविष्य में इस पवित्र सदन में ऐसी कोई स्थिति पैदा ना हो. बैठक में विभिन्न दलों के वरिष्ठ सदस्यों के मध्य सदन को शांतिपूर्ण और सुचारू रूप से चलाने के लिए सहमति बनी. देवनानी ने कहा कि प्रतिपक्ष शांतिपूर्वक और गरिमामय तरीके से सदन में मुद्दे उठाए और राज्य सरकार की ओर से उनका समुचित तरीके से जवाब देने की व्यवस्था करे.

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