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आरक्षण में बंटवारे के विवाद पर मंत्री अविनाश गहलोत बोले- कानूनी पहलुओं पर राज्य सरकार कर रही विचार - Reservation Sharing Disputes

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 19, 2024, 7:51 PM IST

Avinash Gehlot On Reservation, आरक्षण में बंटवारे पर उठ रहे विवाद के बीच प्रदेश के सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार केंद्र सरकार के साथ है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तमाम कानूनी पहलुओं पर विचार और समीक्षा की जा रही है.

Avinash Gehlot On Reservation
मंत्री अविनाश गहलोत का बड़ा बयान (ETV BHARAT JAIPUR)
मंत्री अविनाश गहलोत (ETV BHARAT JAIPUR)


जयपुर : आरक्षण में बंटवारे पर उठ रहे विवाद के बीच भजनलाल सरकार के मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा कि सरकार इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तमाम कानूनी पहलुओं पर विचार कर रही है. इसकी समीक्षा की जा रही है और प्रदेश सरकार इस मुद्दे पर केंद्र सरकार के साथ है. उन्होंने 21 अगस्त को प्रस्तावित भारत बंद के आह्वान को लेकर कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था बनी रहे. इसे लेकर एससी-एसटी के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत हुई है. हमारा उद्देश्य सर्वजन हिताय में फैसला लागू करना है.

मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा, हाल ही में 1 अगस्त 2024 को आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आया है. पंजाब सरकार की तरफ से 2006 में सरकारी नौकरी में एससी-एसटी आरक्षण के सब क्लासिफिकेशन को लेकर अध्यादेश लाया गया था. जिसे 2010 में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था. पंजाब सरकार इसकी अपील में सुप्रीम कोर्ट गई और 1 अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि सरकारी नौकरियों में एससी-एसटी के आरक्षण में सब क्लासिफिकेशन हो.

इसे भी पढ़ें - मंत्री किरोड़ीलाल मीणा बोले- अब गरीब और वंचितों को मिलनी चाहिए आरक्षण की मलाई - Big Statement On Reservation

केंद्र और राजस्थान सरकार की मंशा एक : अविनाश गहलोत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद राजस्थान सरकार और भारत सरकार दोनों की मंशा एक है. हम मिलकर इस निर्णय की समीक्षा और कानूनी पहलू पर विचार भी कर रहे हैं और जो निर्णय 6 -1 से सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय दिया है. उस पर विचार किया जा रहा है. केंद्र सरकार का जो भी निर्णय होगा. हम केंद्र सरकार के साथ हैं. जो भी निर्णय कानून सम्मत होगा, संविधान के अनुसार होगा वह किया जाएगा.

एससी-एसटी के संगठनों से की ये अपील : 21 अगस्त को प्रस्तावित भारत बंद को लेकर वे बोले- हम चाहते हैं कि हर जाति समाज को साथ लेकर चले. किसी में कोई टकराव नहीं हो. कानूनी सलाह लेने के बाद भारत सरकार का जो भी स्टैंड होगा. राज्य सरकार उस पर निर्णय देगी. अभी हमारी मुख्यमंत्री के साथ एससी-एसटी के प्रतिनिधिमंडल की बात हुई है. हमारा प्रयास है कि कानून व्यवस्था बनी रहे. उन्होंने सभी संगठनों से अपील की है कि राज्य सरकार इस फैसले की समीक्षा कर रही है. केंद्र सरकार के साथ मिलकर जो भी सर्वजन हिताय के अनुसार फैसला होगा. उसे लागू किया जाएगा. कानून के खिलाफ और संविधान के खिलाफ हम कोई काम नहीं करेंगे.

मंत्री अविनाश गहलोत (ETV BHARAT JAIPUR)


जयपुर : आरक्षण में बंटवारे पर उठ रहे विवाद के बीच भजनलाल सरकार के मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा कि सरकार इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तमाम कानूनी पहलुओं पर विचार कर रही है. इसकी समीक्षा की जा रही है और प्रदेश सरकार इस मुद्दे पर केंद्र सरकार के साथ है. उन्होंने 21 अगस्त को प्रस्तावित भारत बंद के आह्वान को लेकर कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था बनी रहे. इसे लेकर एससी-एसटी के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत हुई है. हमारा उद्देश्य सर्वजन हिताय में फैसला लागू करना है.

मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा, हाल ही में 1 अगस्त 2024 को आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आया है. पंजाब सरकार की तरफ से 2006 में सरकारी नौकरी में एससी-एसटी आरक्षण के सब क्लासिफिकेशन को लेकर अध्यादेश लाया गया था. जिसे 2010 में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था. पंजाब सरकार इसकी अपील में सुप्रीम कोर्ट गई और 1 अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया कि सरकारी नौकरियों में एससी-एसटी के आरक्षण में सब क्लासिफिकेशन हो.

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केंद्र और राजस्थान सरकार की मंशा एक : अविनाश गहलोत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद राजस्थान सरकार और भारत सरकार दोनों की मंशा एक है. हम मिलकर इस निर्णय की समीक्षा और कानूनी पहलू पर विचार भी कर रहे हैं और जो निर्णय 6 -1 से सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय दिया है. उस पर विचार किया जा रहा है. केंद्र सरकार का जो भी निर्णय होगा. हम केंद्र सरकार के साथ हैं. जो भी निर्णय कानून सम्मत होगा, संविधान के अनुसार होगा वह किया जाएगा.

एससी-एसटी के संगठनों से की ये अपील : 21 अगस्त को प्रस्तावित भारत बंद को लेकर वे बोले- हम चाहते हैं कि हर जाति समाज को साथ लेकर चले. किसी में कोई टकराव नहीं हो. कानूनी सलाह लेने के बाद भारत सरकार का जो भी स्टैंड होगा. राज्य सरकार उस पर निर्णय देगी. अभी हमारी मुख्यमंत्री के साथ एससी-एसटी के प्रतिनिधिमंडल की बात हुई है. हमारा प्रयास है कि कानून व्यवस्था बनी रहे. उन्होंने सभी संगठनों से अपील की है कि राज्य सरकार इस फैसले की समीक्षा कर रही है. केंद्र सरकार के साथ मिलकर जो भी सर्वजन हिताय के अनुसार फैसला होगा. उसे लागू किया जाएगा. कानून के खिलाफ और संविधान के खिलाफ हम कोई काम नहीं करेंगे.

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