भोपाल। कैबिनेट मंत्री चेतन कश्यप ने गुरुवार को विधानसभा में शून्यकाल के दौरान विशेष वक्तव्य के जरिये मंत्री के रूप में उन्हें निजी तौर पर मिलने वाले वेतन और भत्तों के राज्य कोष में समर्पण की घोषणा की है. मंत्री की इस घोषणा पर सदन के सभी सदस्यों ने मेज थपथपा कर स्वागत किया. गौरतलब है कि चेतन्य काश्यप इसके पूर्व दो बार विधायक के रूप में मिलने वाले वेतन भत्तों का भी समर्पण कर चुके हैं.
राजनीति में आने से पहले सफल उद्योगपति रहे कश्यप
बता दें कि राजनीति में आने से पूर्व काश्यप एक सफल उद्योगपति रहे हैं. कश्यप ने कहा कि राजनीति उनके लिए राष्ट्र सेवा, समाज सेवा और जन सेवा ही है. उन्होंने 14वीं और 15वीं विधानसभा में भी वेतन भत्ते प्राप्त नहीं किये. 16वीं विधानसभा में भी वेतन भत्ते एवं पेंशन नहीं लेने की घोषणा कर चुके हैं. इसी तारतम्य में उन्होंने मंत्री के रूप में निजी तौर पर मिलने वाले वेतन भत्तों की राशि का राजकोष से ही आहरण नहीं किये जाने की घोषणा की है, ताकि उस राशि का सदुपयोग प्रदेश के विकास एवं जनहित के कार्यों में हो सके.
चेतन कश्यप ने तीसरी बार दिया संदेश
बहरहाल, राजनीति में ऐसे उदाहरण कम ही मिलते हैं जहां राजनेता बिना शासकीय सुविधा, वेतन और भत्ते के जन सेवा के कार्य को करते हैं. रतलाम से विधायक और प्रदेश सरकार के एमएसएमई मंत्री चेतन काश्यप प्रदेश के एकमात्र नेता हैं जिन्होंने एक बार नहीं तीन-तीन बार अपने वेतन और भत्ते राज्य सरकार को समर्पित किए हैं. गौरतलब है कि मध्यप्रदेश विधानसभा में कई मंत्री व विधायकों की संपत्ति करोड़ों में है लेकिन सरकारी सुविधा नहीं लेने की घोषणा बिरले नेता ही करते हैं.