मेरठ: यूपी के मेरठ जिले में पांच एसिड सर्वाइवर्स ने अपनी तकलीफ को नजरअंदाज करके नई शुरुआत की है. इन्होंने एसिड अटैक का शिकार होने के बाद तमाम बाधाओं के बावजूद कुछ अलग करने का जोश और जुनून कम नहीं होने दिया. अब सेकेंड इनिंग नाम से मेरठ की तहसील में एक कैफे स्टार्ट किया है, जहां पर सभी पूरी मेहनत से दिनभर लोगों को चाय पकौड़ी समेत अन्य फूड आइटम उपलब्ध कराते हैं.
एसिड सर्वाइवर्स ने ईटीवी भारत को बताया कि एक जैसी सोच के साथ यह निर्णय लिया है. ये सभी उस दौरान मिले जब अपने साथ हुई घटना के बाद अस्पताल में इलाज चल रहा था. हार न मानकर आत्मनिर्भर बनने के लिए एक दूसरे के साथ मिलकर सेकेंड इनिंग कैफे का संचालन करने की योजना पर काम शुरू किया. ये लोग बताते हैं कि बहुत लोग ऐसे मिले जिन्होंने हौसला बढ़ाया. हालांकि जो दर्द दूसरों ने उन्हें दिया उसे तो भुलाया ही नहीं जा सकता.
एसिड अटैक सर्वाइवर शाहनवाज ने बताया कि उनके घर में किराएदार रहता था. उसने ही उन पर एसिड डाला था. कई सर्जरी उनकी हुईं. कई साल तक उपचार चला, वे तिल तिलकर मरे, परेशान रहे तड़पते रहे. उपचार के दौरान ही सभी सम्पर्क में आए, फिर प्लान किया कि क्यों ने खुद के पैरों पर खडे़ होकर दिखा दें.
शिवानी त्यागी बताती हैं कि उनके ऊपर 2018 में जब एसिड अटैक हुआ था तो वो एक स्कूल में टीचिंग कर रहीं थीं. स्कूल के मालिक की नजर खराब थी, वो उनसे ऐसी अपेक्षा करते थे जिसके लिए वह तैयार नहीं थीं. जब उनसे बर्दाश्त नहीं हुआ तो स्कूल छोड़ दिया, जॉब बदल दी. एक दिन ड्यूटी करके अपने घर जा रही थीं. तभी कुछ युवकों ने बाइक से पीछा करके एसिड डाल दिया. उनकी 25 सर्जरी हुईं, 3 साल बिस्तर पर रहीं. कोर्ट केस चला जो अपराधी थे सभी को उम्र कैद हुई. अब वह संतुष्ट हैं कि अपने साथियों के साथ मिलकर आत्मनिर्भर बन रही हैं.
गीता देवी भी मेरठ की ही हैं, वे मैरिड थीं. उनकी चाय की दुकान पर एक लड़का आता था, उनकी एक बच्ची थी, उस युवक ने उनके साथ रिश्ता बनाना चाहा. उन्होंने इनकार कर दिया. जिस पर उसने एसिड डाल दिया. इलाज के बाद घर से बाहर निकलना छोड़ दिया था. लेकिन कुछ अच्छे सहयोग करने वाले मिले. उसके बाद मिलकर अपनी मंजिल फिर से तय करने का निर्णय लिया. वह कहती हैं कि ऐसी घटना किसी की भी जिंदगी बदल देती है.
फिलहाल सभी मिलकर अब अपनी आजीविका चला रहे हैं. सरकार की तरफ से मदद मिली थी. जिलाधिकारी से मुलाकात की तो उन्होंने हौसला बढ़ाया. अब वे भी पॉजिटिव सोच के साथ अब आगे बढ़ रहे हैं. इसी वर्ष छह जनवरी को उन्होंने अपना कैफेटेरिया खोला है. सभी ने बताया कि इस कैफेटेरिया का नाम सेकेंड इनिंग इसलिए रखा, क्योंकि ये उनके जीवन की दूसरी पारी है.
चार महिला समेत 1 पुरुष एसिड अटैक सर्वाइवर भी इस टीम का हिस्सा हैं. क्रमबद्ध ढंग से इसका संचालन सभी करते हैं. पूरा प्लान इस तरह किया है कि सभी को आपस में आराम भी मिलता रहे और काम भी न रुके. आने वाले ग्राहकों का कहना है कि इनकी मेहनत और अपने काम के प्रति समर्पण को देखकर उन्हें प्रेरणा मिलती है.