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EVM पर मायावती ने उठाए सवाल, कहा- अब कोई उपचुनाव नहीं लड़ेगी BSP, इलेक्शन कमीशन ठीक करे सिस्टम

बसपा अध्यक्ष मायावती बोलीं कि अगर चुनाव आयोग कोई ठोस कदम नहीं उठाता, तो बीएसपी किसी भी राज्य में उपचुनाव नहीं लड़ेगी.

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ईवीएम पर मायावती ने उठाए सवाल, किया एलान: अब देश में कोई उपचुनाव नहीं लड़ेगी बीएसपी (Photo Credit- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 3 hours ago

Updated : 2 hours ago

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने रविवार को लखनऊ स्थित पार्टी मुख्यालय पर बयान जारी किया. इस दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों पर प्रतिक्रिया दी. कहा कि इस बार जो वोट पड़े हैं, और उसके बाद जो कल नतीजे आए हैं, उसको लेकर अब यह आम चर्चा है कि पहले देश में बैलेट पेपर के जरिए चुनाव जीतने के लिए सत्ता का दुरुपयोग करके फर्जी वोट डाले जाते हैं. अब तो ईवीएम के जरिए भी ये कार्य किया जा रहा है, जो लोकतंत्र के लिए बड़े दुख व चिंता की बात है.

बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने घोषणा की है, कि जब तक चुनाव आयोग कोई ठोस कदम नहीं उठाता है, तब तक बहुजन समाज पार्टी किसी भी राज्य में कोई उपचुनाव नहीं लड़ेगी. बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा इतना ही नहीं बल्कि देश में लोकसभा व राज्यों में विधानसभा उपचुनाव के साथ-साथ खासकर उपचुनावों में तो अब यह कार्य काफी खुलकर किया जा रहा है. यह सब हमें हाल ही में हुए यूपी के उप चुनाव में देखने को मिला है. इस बार महाराष्ट्र स्टेट में विधानसभा के हुए आम चुनाव में भी इसको लेकर काफी आवाज़ उठाई जा रही है. यह अपने देश में या लोकतंत्र के लिए बहुत बड़ी खतरे की घंटी भी है.

ऐसी स्थिति में अब हमारी पार्टी ने यह फैसला लिया है कि जब तक देश में फर्जी वोटों को डालने से रोकने के लिए देश के चुनाव आयोग द्वारा कोई सख्त कदम उठाया नहीं जाता है, तब तक हमारी पार्टी देश में खासकर अब कोई भी उपचुनाव नहीं लड़ेगी. मैं उपचुनाव की बात कर रही हूं, आम चुनाव की नहीं. बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा कि आम चुनाव में इस मामले में थोड़ा बचाव जरूर हो जाता है, क्योंकि सरकारी मशीनरी का सत्ता परिवर्तन के डर की वजह से जब जनरल इलेक्शन होता है जो पार्टी पावर में होती है जरूरी नहीं कि वह पार्टी पावर में फिर से आ जाए, दूसरी पार्टी फिर आ सकती है तो फिर सरकारी मशीनरी थोड़ा घबराती है. उपचुनाव में ऐसा नहीं होता है.


बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि उपचुनाव में सरकारी तंत्र का दबाव रहता है जबकि आम चुनाव में ऐसा नहीं होता है. हमारी पार्टी लोकसभा चुनाव, आम विधानसभा चुनाव और निकाय चुनाव के लिए पूरी दमदारी से तैयारी है. मायावती ने ये भी कहा कि साल 2007 में बीएसपी की अकेली ही पूर्ण बहुमत की सरकार बनने के बाद से कांग्रेस, बीजेपी व उनके समर्थक सभी जातिवादी पार्टियां यह सोचकर काफी घबराने लगी थी कि अगर बीएसपी केंद्र सत्ता में आ गई, तो फिर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का इनके अनुवाई रहे कांशीराम का भी हर मामले में अधूरा सपना जरूर सरकार हो जाएगा, जिसे रोकने के लिए फिर इन्होंने अंदर-अंदर आपस में मिलकर पर्दे के पीछे से खासकर दलित समाज में स्वार्थी किस्म के लोगों के जरिए इन्होंने अनेकों पार्टियां बनवा दी हैं.



आजाद समाज पार्टी पर किया राजनीतिक वार: उन्होंने इशारों इशारों में समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद पर हमला करते हुए कहा कि 2007 के बाद से ऐसा हुआ है, जिनको चलाने और चुनाव लड़ने के लिए पूरा धन इन्हीं पार्टियों का लगता है. तभी यह छोटी पार्टियां कई कई दर्जन गाड़ियों को साथ लेकर चलती हैं. अब तो यह हेलीकॉप्टर से चुनावी दौरा भी करते हैं. ऐसी लोगों में आम चर्चा है. हमारी पार्टी इसके लिए बीएसपी सदस्यता आदि के जरिए अपना खर्चा खुद उठाती है.

यहां भी गंभीरता से सोचने की बात है. इतना ही नहीं बल्कि फिर यह विरोधी पार्टियां अपने राजनीतिक लाभ के लिए उनके हिसाब से उनसे उम्मीदवार खड़े करवाकर बीएसपी को कमजोर करने में लगी हैं. इन बिकाऊ व स्वार्थियों को मजबूती देने के लिए अब विरोधी पार्टियां अपना खुद का भी वोट ट्रांसफर करवाकर उनके हर राज्य में एक, दो एमपी जितवाकर भेज रही हैं. ऐसे सभी बिकाऊ और स्वार्थी पार्टियों को अब अपने भोले-भाले दलितों, आदिवासियों और अन्य पिछड़े वर्गों को अपना एक वोट देकर खराब नहीं करना है.

यह हाल ही में हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा आम चुनाव के साथ-साथ यहां उत्तर प्रदेश में भी नौ विधानसभा की सीटों पर हुए उपचुनाव में काफी कुछ देखने को मिला है. ऐसे में अब यह सभी वर्गों के लोगों को, जाति बिरादरी, रिश्ते नातेदारों, दोस्तों के चक्कर में न पड़कर अपना वोट ऐसी किसी पार्टी को नहीं देना है, बल्कि अपनी एकमात्र हितैषी पार्टी बीएसपी को ही वोट देना है, जिसकी नीतियों व कार्य शैली को इन्होंने उत्तर प्रदेश में करीब से देखा है. बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा है कि सभी दलित जन इन पार्टियों से सावधान रहें. बहुजन समाज पार्टी का साथ दें.


संभल में हिंसा को लेकर सरकार पर हमला: मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश में आए, अप्रत्याशित नतीजे के बाद से खासकर संभल और मुरादाबाद मंडल में काफी तनाव की स्थिति है. ऐसे में शासन व प्रशासन को संभल में मस्जिद या मंदिर के विवाद को लेकर सर्वे करने का कार्य आगे बढ़ना चाहिए, लेकिन ऐसा न करके आज वहां जो सर्वे के दौरान कुछ भी बवाल हुआ है, हिंसा हुई है तो उसके लिए यूपी का शासन व प्रशासन पूरी तरह से जिम्मेदार है. यह जो भी कुछ हो रहा है वह ठीक नहीं है. यह काम दोनों पक्षों को साथ में लेकर शांतिपूर्ण ढंग से किया जाना चाहिए था, जो कि नहीं किया जा रहा है. संभल के सभी लोगों से मैं शांति व्यवस्था बनाने की अपील करती हूं.

यह भी पढ़े : वायनाड में कांग्रेस की जीत पर आगरा में जश्न, पदाधिकारी बोले- प्रियंका मां दुर्गा का रूप, राक्षसों का सफाया करेंगी

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने रविवार को लखनऊ स्थित पार्टी मुख्यालय पर बयान जारी किया. इस दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों पर प्रतिक्रिया दी. कहा कि इस बार जो वोट पड़े हैं, और उसके बाद जो कल नतीजे आए हैं, उसको लेकर अब यह आम चर्चा है कि पहले देश में बैलेट पेपर के जरिए चुनाव जीतने के लिए सत्ता का दुरुपयोग करके फर्जी वोट डाले जाते हैं. अब तो ईवीएम के जरिए भी ये कार्य किया जा रहा है, जो लोकतंत्र के लिए बड़े दुख व चिंता की बात है.

बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने घोषणा की है, कि जब तक चुनाव आयोग कोई ठोस कदम नहीं उठाता है, तब तक बहुजन समाज पार्टी किसी भी राज्य में कोई उपचुनाव नहीं लड़ेगी. बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा इतना ही नहीं बल्कि देश में लोकसभा व राज्यों में विधानसभा उपचुनाव के साथ-साथ खासकर उपचुनावों में तो अब यह कार्य काफी खुलकर किया जा रहा है. यह सब हमें हाल ही में हुए यूपी के उप चुनाव में देखने को मिला है. इस बार महाराष्ट्र स्टेट में विधानसभा के हुए आम चुनाव में भी इसको लेकर काफी आवाज़ उठाई जा रही है. यह अपने देश में या लोकतंत्र के लिए बहुत बड़ी खतरे की घंटी भी है.

ऐसी स्थिति में अब हमारी पार्टी ने यह फैसला लिया है कि जब तक देश में फर्जी वोटों को डालने से रोकने के लिए देश के चुनाव आयोग द्वारा कोई सख्त कदम उठाया नहीं जाता है, तब तक हमारी पार्टी देश में खासकर अब कोई भी उपचुनाव नहीं लड़ेगी. मैं उपचुनाव की बात कर रही हूं, आम चुनाव की नहीं. बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा कि आम चुनाव में इस मामले में थोड़ा बचाव जरूर हो जाता है, क्योंकि सरकारी मशीनरी का सत्ता परिवर्तन के डर की वजह से जब जनरल इलेक्शन होता है जो पार्टी पावर में होती है जरूरी नहीं कि वह पार्टी पावर में फिर से आ जाए, दूसरी पार्टी फिर आ सकती है तो फिर सरकारी मशीनरी थोड़ा घबराती है. उपचुनाव में ऐसा नहीं होता है.


बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि उपचुनाव में सरकारी तंत्र का दबाव रहता है जबकि आम चुनाव में ऐसा नहीं होता है. हमारी पार्टी लोकसभा चुनाव, आम विधानसभा चुनाव और निकाय चुनाव के लिए पूरी दमदारी से तैयारी है. मायावती ने ये भी कहा कि साल 2007 में बीएसपी की अकेली ही पूर्ण बहुमत की सरकार बनने के बाद से कांग्रेस, बीजेपी व उनके समर्थक सभी जातिवादी पार्टियां यह सोचकर काफी घबराने लगी थी कि अगर बीएसपी केंद्र सत्ता में आ गई, तो फिर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का इनके अनुवाई रहे कांशीराम का भी हर मामले में अधूरा सपना जरूर सरकार हो जाएगा, जिसे रोकने के लिए फिर इन्होंने अंदर-अंदर आपस में मिलकर पर्दे के पीछे से खासकर दलित समाज में स्वार्थी किस्म के लोगों के जरिए इन्होंने अनेकों पार्टियां बनवा दी हैं.



आजाद समाज पार्टी पर किया राजनीतिक वार: उन्होंने इशारों इशारों में समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद पर हमला करते हुए कहा कि 2007 के बाद से ऐसा हुआ है, जिनको चलाने और चुनाव लड़ने के लिए पूरा धन इन्हीं पार्टियों का लगता है. तभी यह छोटी पार्टियां कई कई दर्जन गाड़ियों को साथ लेकर चलती हैं. अब तो यह हेलीकॉप्टर से चुनावी दौरा भी करते हैं. ऐसी लोगों में आम चर्चा है. हमारी पार्टी इसके लिए बीएसपी सदस्यता आदि के जरिए अपना खर्चा खुद उठाती है.

यहां भी गंभीरता से सोचने की बात है. इतना ही नहीं बल्कि फिर यह विरोधी पार्टियां अपने राजनीतिक लाभ के लिए उनके हिसाब से उनसे उम्मीदवार खड़े करवाकर बीएसपी को कमजोर करने में लगी हैं. इन बिकाऊ व स्वार्थियों को मजबूती देने के लिए अब विरोधी पार्टियां अपना खुद का भी वोट ट्रांसफर करवाकर उनके हर राज्य में एक, दो एमपी जितवाकर भेज रही हैं. ऐसे सभी बिकाऊ और स्वार्थी पार्टियों को अब अपने भोले-भाले दलितों, आदिवासियों और अन्य पिछड़े वर्गों को अपना एक वोट देकर खराब नहीं करना है.

यह हाल ही में हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा आम चुनाव के साथ-साथ यहां उत्तर प्रदेश में भी नौ विधानसभा की सीटों पर हुए उपचुनाव में काफी कुछ देखने को मिला है. ऐसे में अब यह सभी वर्गों के लोगों को, जाति बिरादरी, रिश्ते नातेदारों, दोस्तों के चक्कर में न पड़कर अपना वोट ऐसी किसी पार्टी को नहीं देना है, बल्कि अपनी एकमात्र हितैषी पार्टी बीएसपी को ही वोट देना है, जिसकी नीतियों व कार्य शैली को इन्होंने उत्तर प्रदेश में करीब से देखा है. बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा है कि सभी दलित जन इन पार्टियों से सावधान रहें. बहुजन समाज पार्टी का साथ दें.


संभल में हिंसा को लेकर सरकार पर हमला: मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश में आए, अप्रत्याशित नतीजे के बाद से खासकर संभल और मुरादाबाद मंडल में काफी तनाव की स्थिति है. ऐसे में शासन व प्रशासन को संभल में मस्जिद या मंदिर के विवाद को लेकर सर्वे करने का कार्य आगे बढ़ना चाहिए, लेकिन ऐसा न करके आज वहां जो सर्वे के दौरान कुछ भी बवाल हुआ है, हिंसा हुई है तो उसके लिए यूपी का शासन व प्रशासन पूरी तरह से जिम्मेदार है. यह जो भी कुछ हो रहा है वह ठीक नहीं है. यह काम दोनों पक्षों को साथ में लेकर शांतिपूर्ण ढंग से किया जाना चाहिए था, जो कि नहीं किया जा रहा है. संभल के सभी लोगों से मैं शांति व्यवस्था बनाने की अपील करती हूं.

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